कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए राजस्थान में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल की आरएलपी के साथ गठबंधन करने पर विचार कर रही है, हालांकि पार्टी नेताओं के एक वर्ग ने गठबंधन को लेकर विरोध जाहिर किया है।
सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने मंगलवार को यहां राज्य के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में पार्टी की चयन समिति की बैठक के दौरान गठबंधन पर अपना विरोध व्यक्त किया।
सूत्रों ने कहा कि राज्य के कुछ अन्य वरिष्ठ नेता भी बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के साथ संभावित गठबंधन के खिलाफ हैं। उन्होंने कांग्रेस के प्रति बेनीवाल के पिछले विरोध और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ उनकी टिप्पणियों का हवाला दिया है। यदि गठबंधन हुआ तो नागौर लोकसभा सीट बेनीवाल के खाते में जाने की पूरी संभावना है। इसके अलावा डूंगरपुर बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र भारतीय ट्राईबल पार्टी को देने की चर्चा भी जोरों पर है।
कांग्रेस में गठबंधन के पक्षधर लोगों का मानना है कि बेनीवाल को जाट समुदाय का लाभ मिलने से पार्टी को फायदा होगा। सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व एक या दो दिन में गठबंधन पर अंतिम निर्णय होगा।
प्रदेश में गठबंधन की संभावना के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट कहा कि जो भी होगा आपको पता चल जाएगा। हम चाह रहे हैं कि हमारी पूरी तैयारी रहे। हम ‘इंडिया’ गठबंधन को मजबूत कर रहे हैं। हम जल्द दूसरे राज्यों में गठबंधन को अंतिम रूप देंगे। कांग्रेस अलग अलग राज्यों में ‘इंडिया’ गठबंधन को लगातार मजबूत कर रही है।
सचिन पायलट ने चुनाव लड़ने के बारे में कहा कि सीईसी इस बारे में फैसला करेगी कि कौन चुनाव लड़ेगा। आगामी सात मार्च को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक होगी जिसके बाद लोकसभा चुनाव के लिए बड़ी संख्या में उम्मीदवारों की घोषणा होने की उम्मीद है। राजस्थान में हमारे पक्ष में अच्छा माहौल बन रहा है।