राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन की प्रबंध निदेशक नेहा गिरि ने बुधवार को गांधीनगर शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (आयुष्मान आरोग्य मंदिर) का निरीक्षण किया। उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र पर ड्रग स्टोर, दवा वितरण केंद्र, प्रयोगशाला, ओपीडी काउंटर आदि का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। गिरि ने स्वास्थ्य केंद्र के दवा वितरण केंद्र का निरीक्षण करते हुए अवधिपार दवाओं के निस्तारण, दवाओं एवं सर्जिकल्स की उपलब्धता तथा आवश्यकता के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि रोगियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दवाओं की आवश्यकता का नियमित विश्लेषण किया जाए। जिस दवा का स्टॉक 10 प्रतिशत रह जाए, उसी समय उस दवा के लिए इंडेन्ट जारी करने की कार्यवाही की जाए, ताकि दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में अवधिपार होने वाली दवाओं का स्टॉक इस तरह रखें कि पहले उनका उपयोग सुनिश्चित हो।
प्रबंध निदेशक ने दवा वितरण केंद्र पर ई-औषध पोर्टल के माध्यम से विभिन्न दवाओं की उपलब्धता एवं निकट भविष्य में अवधिपार हो रही दवाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने फार्मासिस्ट को निर्देश दिए कि सॉफ्टवेयर के माध्यम से दवाओं की उपलब्धता एवं उपभोग के पैटर्न का नियमित रूप से विश्लेषण करें, इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं हो। साथ ही, गर्मी के मौसम को देखते हुए मौसमी बीमारियों से संबंधित एवं मम्पस रोग की दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रखें। उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र पर प्रयोगशाला, जांच मशीनों की क्रियाशीलता और उनके उपयोग के बारे में जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जांच मशीनों का नियमित मेंटीनेंस सुनिश्चित करें, ताकि रोगियों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो। उन्होंने कहा कि ई-उपकरण पोर्टल पर सभी जांच उपकरणों की एंट्री हो। साथ ही, पोर्टल के माध्यम से जांच मशीनों के मेंटीनेंस, मशीनों के ठीक होने में लगने वाले समय आदि के बारे में भी जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान रोगियों से संवाद कर दवाओं की उपलब्धता के बारे में फीडबैक भी लिया। रोगियों ने बताया कि अधिकांशतः सभी दवाएं स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध हो जाती हैं। निरीक्षण के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी डॉ. पूनम प्रसाद एवं जिला औषधि भण्डार, जयपुर के प्रभारी डॉ. सुमीर घई भी उपस्थित रहे।