भाजपा की स्टार प्रचारक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे चुनावी हलचलों से अब तक गायब सी नजर आ रही हैं। बाड़मेर में शुक्रवार को हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा के मंच पर भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गैर-मौजूद रहीं। इसके बाद से उनके नाम को लेकर चर्चाएं राजनीतिक गलियारों में होने लगी है।आखिर वसुंधरा राजे कोचुनाव प्रचार सेपीएम मोदी क्यों दूर रख रहे हैं !
अब पूर्व मुख्यमंत्री राजे शनिवार 13 अप्रेल और रविवार 14 अप्रेल को अपने पुत्र दुष्यंत सिंह के लोकसभा क्षेत्र झालावाड़ में प्रचार अभियान में व्यस्त रहेंगी। वे झालावाड़ लोकसभा क्षेत्र में बारां जिले के किशनगंज- शाहबाद और अटरू के दो दिवसीय प्रवास पर रहेगीं।
पूर्व मुख्यमंत्री राजे दो दिनों के कार्यक्रम में ना तो किसी सार्वजनिक चुनावी सभा को संबोधित करेंगी और ना ही कोई रोड शो ही करेंगी। इन दो दिनों में सिर्फ कार्यकर्ता बैठकों में व्यस्त रहेंगी। इन बैठकों में झालावाड़ लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करके को लेकर रणनीति पर मंथन होगा।
पहले दिन शनिवार कोवे धौलपुर से रवाना होकर सड़क मार्ग से कस्बा थाना पहुंची, जहां कार्यकर्ताओं द्वारा उनका स्वागत -अभिनंदन किया। इसके बाद देवरी कस्बे में शाहाबाद मंडल के कार्यकर्ताओं की बैठक ली। दोपहर बाद वे समरानिया में कार्यकर्ता बैठक, भंवरगढ़ में स्वागत-सत्कार कार्यक्रम, नाहरगढ़ कस्बे में भंवरगढ़ मंडल की बैठक में शामिल होंगी। देर शाम को उनका किशनगंज में एक और कार्यकर्ता बैठक लेकर बूथ स्तर तक की रणनीति पर चर्चा का कार्यक्रम है। रात्रि विश्राम बारां में ही रहेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री राजे रविवार 14 अप्रेल को सुबह 10 बजे बारां में शहर मंडल की बैठक लेंगी, उसके बाद दोपहर 12 बजे जिला मुख्यालय के नज़दीक गांव मंडोला में बारां देहात मंडल बैठक में शामिल होंगी। फिर दोपहर 2 बजे अटरू कस्बे में अटरू, कवाई और गऊघाट मंडल के कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगी।
भाजपा की स्टार प्रचारक पूर्व मुख्यमंत्री राजे के प्रदेश भर के चुनावी दौरों में सक्रिय नहीं रहने के पीछे प्रमुख वजह उनके पुत्र दुष्यंत सिंह के चुनाव मैदान में होना है। पूर्व मुख्यमंत्री राजे का फोकस फिलहाल पूरी तरह से झालावाड़ सीट पर अपने पुत्र को एक बार फिर जीत दिलाने पर है।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री राजे का दुष्यंत सिंह झालावाड़ लोकसभा क्षेत्र से पांचवीं बार भाजपा के प्रत्याशी हैं। उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी जिला प्रमुख उर्मिला जैन भाया से है। ऐसे में वह अपने बेटे के चुनाव प्रचार में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती हैं। पूर्व मुख्यमंत्री राजे बड़ी चुनावी सभा करने की जगहकार्यकर्ताओं के बीच रहकरअपने पक्ष में मतदान करने की कोशिश में लगी हुई है। वे किसी अन्य लोकसभा क्षेत्र में नहीं जा रही है।जबकि वे भाजपा की स्टार प्रचारक है और उनकी मांग भी है लेकिन पार्टी उन्हें प्रचार प्रसार का काम में नहीं ले ले रही है।