16 अप्रैल 2024, समग्र सेवा संघ से पत्रिका गेट तक सूचना और रोजगार अभियान ने सफर और पिटस्टॉप स्टोरीज़ के साथ मिलकर “डिलीवरी ड्राइव” का आयोजन किया। इस पहल का उद्देश्य डिलीवरी पार्टनर्स की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए राजस्थान में पारित प्लेटफार्म आधारित गिग वर्कर्स (पंजीकरण और कल्याण) अधिनियम, 2023 के क्रियान्वन की कार्ययोजना तैयार करना रहा।
कुणाल कामरा के गीत से हुई कार्यक्रम की शुरुआत
कुणाल कामरा की टीम द्वारा रचित गीत जिसका टाइटल – ‘रेटिंग नहीं हक़ चाहिए’ के साथ शुरुआत हुई। यह गीत गिग वर्कर्स के जीवन पर आधारित है और दर्शाता है कि वो किस तरह शोषण का शिकार हो रहे हैं।
ड्राइव की शुरुआत में सुमित भारद्वाज और कमल ने सभी साथियों को एक साथ विभिन्न ऐप्स का इस्तेमाल कर डिलीवरी पार्टनर्स को निर्धारित स्थान पर बुलाने की प्रक्रिया बताई। इसका उपयोग कर साथियों ने लगभग 200 ऑर्डर प्लेस किए। जब गिग वर्कर्स डिलीवरी अथवा राइड के लिए लोकेशन पर पहुंचे तो सफर की ओर से पारस बंजारा, करीना और खुश, व गिग वर्कर्स के मुद्दों पर काम कर रहे कार्यकर्ताओं ने उन्हें कानून के बारे में जानकारी दी।
रक्षिता ने कानून की रूपरेखा समझाते हुए बताया कि पंजीकरण, सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के लिए पैसा एकत्रित करना और शिकायत निवारण प्रणाली महत्वपूर्ण अंग हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने बताया कि राजस्थान का गिग वर्कर्स कानून दुनिया का पहला कानून है लेकिन अभी तक इस कानून के नियम पास नहीं कर राज्य सरकार गिग वर्कर्स के साथ अन्याय कर रही है। हम इसे चुनावी मुद्दा बनाएंगे एवं सभी जगह इस बात को फैलाएंगे।
सोशल मीडिया के उपयोग से और साथियों तक पहुंचें – दिव्यांशी
दिव्यांशी और पिटस्टॉप स्टोरीज़ के साथ मृदुषी ने निरंतर इस प्रयास से जुड़े रहने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने की प्रक्रिया भी समझाई। गिग वर्कर साथियों ने सेल्फी प्वाइंट का इस्तेमाल कर तस्वीरें खींची और अपने प्रोफाइल पर डालकर अपने साथियों तक इसकी जानकारी पहुंचाई। कोमल और सेहल ने टीम के साथ स्टिकर वितरण भी किया जिसे साथियों ने अपने वाहन पर लगाया।
जयपुर की डिजिटल मीडिया कंपनी- पिटस्टॉप स्टोरीज़ से अभ्युदय, सुमित, मृदुषी, विश्वास, सेहल, क्षितिज, नरेश, पृथ्वी, मंगलम व उनके अन्य साथियों ने इस पहल और कार्यक्रम का आयोजन किया।
राजस्थान के 12 जिलों से पहुंचे गिगवर्कर्स ने शिकायतें संपर्क पोर्टल पर दर्ज करवाईं
राजस्थान के 12 जिलों से आए गिग वर्कर्स मनोहरलाल, इंद्राज मीना, गंगा मंडल और अन्य ने अपनी परेशानियों को बताया।
क्या है गिग वर्कर्स की मांगें
ज्ञापन के माध्यम से गिग वर्कर्स ने अपनी मांगों को रखा जिनमे से प्रमुख हैं –
- राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग कर्मकार (पंजीकरण एवं कल्याण) अधिनियम, 2023 के नियम शीघ्रातिशीघ्र पास कर कानून को लागू करावें।
- वर्कर्स के पंजीकरण पोर्टल को सुचारू रूप से संचालित करावें और उसे जन सूचना पोर्टल पर प्रदर्शित करें।
- पंजीकृत गिग वर्कर्स को घोषणा अनुसार 5000 रुपए की राशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान करावें।
- गिग वर्कर्स की शिकायतों को श्रम विभाग में दर्ज कराने के निर्देश जारी करें तथा एक एक निश्चित समय सीमा में शिकायतों का समाधान करावें।