राज्य में गत वर्षों से तापमान में निरन्तर वृद्धि होने के कारण भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने ग्रीष्म मौसम के लिए तापमान एवं वर्षा पर मार्च से मई 2024 के दौरान मौसमी आउटलुक जारी किया है। इस संबंध में राज्यों में वर्ष 2024 में हीटवेव की स्थिति के प्रभावी शमन और प्रबन्धन , लू एवं ताप से बचाव कर आमजन को राहत के लिए एडवाईजरी जारी की गई है।
स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक श्री सुरेश ओला ने बताया की अप्रैल की शुरुआत से ही देश के ज्यादातर इलाकों में गर्मी का सितम शुरू हो गया है। राजस्थान सहित कई राज्यों में भीषण गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। राज्य के कई शहरों में तापमान नई ऊंचाई पर पहुंच गया है।
उसी के मद्देनज़र आमजन को राहत देने के लिए यह एडवाइजरी जारी की जा रही है। जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती जा रही है ऐसे में यह हमारा फ़र्ज़ बनता है की हम अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाये ताकि आने वाले समय में हमे इस संकट से निजात मिले।
क्या करें और क्या ना करें?
क्या करें?
एडवाइज़री के अनुसार पर्याप्त पानी पियें अपने आप को हाइट्रेटेड रखने के लिए ओआरएस (ओरल रिहाइट्रेशन सॉल्यूसन), घर के बने पेय जैसे लस्सी, नींबू का पानी, छाछ आदि का सेवन करें, हल्के रंग के ढीले, सूती कपड़े पहनें, यदि कहीं बाहर हैं, तो अपना सिर ढके कपड़े, टोपी या छतरी का उपयोग करें, आंखों की सुरक्षा के लिए धूप के चश्मे का प्रयोग करे और त्वचा की सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन लगायें, कार्य स्थल पर ठंडे पेयजल का प्रबंध करें, श्रमिकों को सीधी धूप से बचने के लिए कहें,श्रमिकों को लू से संबंधित चेतावनी के बारे में सूचित करें, जिन श्रमिकों के लिए गर्मी वाले क्षेत्र नए हो, उन्हें हल्का काम और कम घंटों का काम दें, बंद वाहन में बच्चों या पालतू जानवरों को कभी अकेला ना छोड़ें , प्रदूषण कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन व कार पूलिंग का उपयोग करें एवं पेड़ लगाये।
जानवरों का भी रखें विशेष ध्यान
बंद वाहन व कमरों में पालतू जानवरों को कभी अकेला ना छोड़ें ,पशुओं को छाया में रखें और उन्हे पीने के लिए पर्याप्त, स्वच्छ और ठंडा पानी दे।अत्यधिक गर्मी के दौरान, पानी का छिडकाव करे और मवेशियों को ठंडा करने के लिए एक जल निकाय पर ले जाए साथ ही हरी घास, प्रोटीन-वसा पूरक, खनिज मिश्रण और नमक दें। कम गर्मी वाले घंटों के दौरान ही उन्हें बाहर चरने दें।
क्या ना करें?
धूप में बाहर जाने से बचे, खासकर दोपहर 12 से 03 बजे के मध्य , नंगे पाव बाहर न जायें।शराब, चाय, कॉफी और कॉर्बोनेटेड शीतल पेय से बचें वे शरीर को निर्जलित करते हैं।पार्क किए गए वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को न छोड़े, वे गर्म हवा से प्रभावित हो सकते हैं तथा कम ऑक्सीजन से जान भी जा सकती है ,ऐसे बल्बों का उपयोग करने से बचे जो अनावश्यक गर्मी उत्पन्न करते है , ठीक वैसे ही जैसे कि लगातार चलते हुए कम्प्यूटर या बिजली के उपकरण।