Tuesday, December 24, 2024

कोचिंग में पढ़ने वाले गिरोह ने देशभर में करवाई नकल:शेखावाटी की गैंग ने कंप्यूटर लैब में बैठकर खुद दिया पेपर, परीक्षा सेंटर पर इंस्टॉल किया ऐप

Must read

कोस्ट गार्ड एनरोल्ड पर्सनल टेस्ट (CGEPT) का पेपर लीक और सॉल्व करवाने वाले गिरोह से पूछताछ में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। मंगलवार को पकड़े गए सभी 6 युवक खुद शेखावाटी (झुंझुनूं ) के कोचिंग में पढ़ते हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इस गैंग ने कंप्यूटर लैब में बैठकर पेपर सॉल्व किए। इसके लिए इन्होंने परीक्षा सेंटर के सभी कंप्यूटरों में एक खास ऐप इंस्टॉल किया, ताकि कंप्यूटर को रिमोट (कहीं से भी संबंधित कंप्यूटर को ऑपरेट किया जा सकता है) पर लिया जा सके।

जांच अधिकारी एडिशनल एसपी महिला अपराध अनुसंधान प्रकोष्ठ नियति शर्मा ने बताया- स्टूडेंट को झांसे में लेकर पेपर सॉल्व करवाने की एवज में 15 लाख रुपए में डील की थी। इसके लिए प्री-प्लान तरीके से कोटा आकर आईटी पार्क स्थित राजीव गांधी कंप्यूटर साक्षरता मिशन की लैब को किराए पर लिया था। मामले में लैब संचालक की भूमिका भी संदिग्ध है। जांच के लिए SIT गठित की है।

इनकी हुई है गिरफ्तारी

कोटा के विज्ञान नगर थाना पुलिस ने अशोक जाट (38) निवासी बांगड़वा थाना हमीरवास तहसील राजगढ़ (चूरू) और संदीप बुडालिया (29) बरालू ,थाना लोहारू, भिवानी (हरियाणा) थे। इनके अलावा प्रतीक गजराज (24) निवासी पालोता, थाना सिंघाना, झुंझुनूं, रणवीर सिंह (32) निवासी काटधनोरी, झुंझुनूं, अशोक (29) निवासी गोपाल की ढाणी, थाना पचेरी, झुंझुनूं और राहुल जाखड़ (21) धमोरा थाना गुढ़ागौड़जी, झुंझुनूं को पकड़ा था।

चिड़ावा में करते थे कंपीटशन एक्जाम की कोचिंग

जांच अधिकारी एडिशनल एसपी महिला अपराध अनुसंधान प्रकोष्ठ नियति शर्मा ने बताया- सभी आरोपी शेखावाटी इलाके के हैं और लंबे समय से एक-दूसरे को जानते है। सभी चिड़ावा में कोचिंग में पढ़ाते थे। साथ ही खुद भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। संभावना जताई है कि इस दौरान ही स्टूडेंट्स को झांसा देकर अपने जाल में फंसाया था। हालांकि पुलिस ने इसे जांच का विषय बताया है। गिरोह के पकड़े गए सदस्यों का मोबाइल जब्त किया गया था, जिसमें प्रश्न-पत्र और एडमिट कार्ड मिले थे।

लैब किराए पर लेकर कर रहे थे नकल का काम

आरोपियों ने रिमोट एक्सेस के जरिए पेपर सॉल्व/लीक करवाने की बात को कबूल किया है। इसके लिए कोटा आकर कंप्यूटर लैब को किराए पर लिया था। पुलिस टीम ने साइबर एक्सपर्ट से एग्जामिनेशन करवाया है। इसमें पेपर सॉल्व करवाने की पुष्टि हुई है। आरोपी 19 अप्रैल को ही कोटा आए थे। जांच की जा रही है कि आरोपियों ने कितने रुपए में कितने दिन के लिए लैब किराए पर ली। लैब संचालक फरार है।

एक्जाम सेंटर पर भी ऐप इंस्टाल होना जरूरी

जांच अधिकारी नियति शर्मा ने बताया- आरोपी रिमोट एक्सेस ऐप (REALVNC VIEWER और ANYDESK) के जरिए पेपर सॉल्व करवाते हैं। इसके लिए जिस जगह एग्जाम सेंटर है वहां पर भी ऐप इंस्टॉल होना आवश्यक है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि आरोपी किन-किन एग्जाम सेंटर पर गए और ऐप इंस्टाल किया। गिरोह में कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। इसको लेकर जांच चल रही है। कोटा में एग्जाम सेंटर था या नहीं, इस बारे में प्रशासन को लेटर लिखकर जानकारी मांगेंगे।

देशभर में हुई थी ऑनलाइन परीक्षा

सीआई सतीशचंद ने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा 20 और 21 अप्रैल को देशभर में हुई थी। गुंडगांव, जयपुर समेत अन्य जगहों पर अभ्यर्थी बैठे थे। कौन-कौन अभ्यर्थी नकल करने में शामिल रहे, उन सभी की पहचान पुलिस कर रही है। राजीव गांधी कंप्यूटर साक्षरता मिशन, आईटी पार्क की लैब का संचालक और जहां-जहां से अभ्यर्थियों ने पेपर दिए, वहां के लैब संचालकों की भी भूमिका संदिग्ध है। सभी जांच के दायरे में हैं।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article