Sunday, October 13, 2024

जयपुर के 296 बूथों पर बिना पोलिंग एजेंट के वोटिंग:शहर के 140 और ग्रामीण के 156 मतदान केंद्रों पर नहीं था किसी भी प्रत्याशी का समर्थक

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राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुका है। अब 4 जून को रिजल्ट का इंतजार है। लोकसभा सीट जयपुर और जयपुर ग्रामीण पर 19 अप्रैल को वोटिंग हुई थी। दोनों सीटों पर वोटिंग के दिन 296 बूथ ऐसे रहे, जहां किसी भी प्रत्याशी का पोलिंग एजेंट वोटिंग शुरू होने से पहले नहीं पहुंचा। यानी उन बूथों पर बिना एजेंट के पोलिंग पार्टियों ने ही वोटिंग की प्रक्रिया शुरू करवाई। ये तब है जब बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गज नेता हर बूथ स्तर पर अपनी पकड़ होने का दावा कर रहे थे।

जयपुर जिला निर्वाचन विभाग ने जयपुर और जयपुर ग्रामीण सीट पर वोटिंग के लिए कुल 4 हजार 217 पोलिंग बूथ बनाए थे। इन बूथों पर पोलिंग पार्टी (निर्वाचन आयोग के अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम) के अलावा चुनाव लड़ने वाले हर प्रत्याशी का एक एजेंट (समर्थक) होता है।

इन्हीं एजेंट की निगरानी में पोलिंग बूथ पर वोटिंग शुरू करने से पहले मॉक पोल करवाकर EVM की विश्वसनीयता का सत्यापन करवाया जाता है। हर बूथ पर 50-50 मॉक पोल एजेंटों की निगरानी में डाले जाते हैं और उन्हें मौके पर ही डिलीट किया जाता है।

14 फीसदी बूथों पर केवल एक ही एजेंट
जयपुर के 140 और जयपुर ग्रामीण के 156 बूथ ऐसे थे, जहां किसी भी प्रत्याशी का एजेंट मॉक पोलिंग के दौरान मौजूद नहीं था।

इसी तरह 4,217 बूथ में से 14.25 फीसदी यानी 601 ऐसे रहे, जहां मॉक पोलिंग के समय केवल एक प्रत्याशी का एजेंट मौजूद था। इनमें 361 बूथ जयपुर, जबकि 240 बूथ जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट के हैं।

हर बूथ पर बनाए थे पन्ना प्रमुख
बीजेपी ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले हर बूथ पर एक-एक वोटर से संपर्क करने के लिए पन्ना प्रमुखों की टीम बनाई थी। हर पन्ना प्रमुख को करीब 100 वोटर्स की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव की वोटिंग वाले दिन की ये रिपोर्ट जमीनी हकीकत कुछ और ही बता रही है।

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