वैश्विक पर्यावरण संरक्षण एवं गौ संवर्धन की दिशा में कार्य करते हुए गौ-माया जयपुर द्वारा अपने रिसर्च आधारित इन्नोवेटिव आइडिया को भिन्न-भिन्न प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मंचो पर प्रदर्शित किया जा रहा है l
इसी कड़ी में इस आईडिया को जीएस मोटीवेटर यूट्यूब चैनल ऑफ चेंबर फार सर्विस इंडस्ट्री के द्वारा उनकी इंडियन टूरिज्म@2047 की 108 सीरीज की श्रृंखला में अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक स्पेशल सेशन में प्रदर्शित किया गया।
इस इस संदर्भ में गौ-माया के मुख्य सलाहकार एवं भारत सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की चार संस्थाओं के एमडी / सीएमडी डॉ पीएम भारद्वाज ने बताया कि गौमाया का आइडिया दुनिया को महामारियों पर्यावरण प्रदूषण एवं अनायास बीमारियों से निरोग कर सकता है और पर्यावरण की रक्षा एवं सुरक्षा कर सकता है। अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल मैनेजमेंट गुरु डॉ भारद्वाज ने बताया कि इस गौ माया परियोजना के इन्नोवेटिव रिसर्च एवं आईडिया को प्रदर्शन के दौरान 140 देश के प्रतिनिधियों ने लाइव देखा।
इस बारे में अपनी परियोजना के बारे में बताते हुए गौमाया के फाउंडर डॉ सीताराम गुप्ता ने बताया कि इस आईडिया के कारण भारत में अंतिम संस्कार में होने वाली 90 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को जीरो कार्बन पर लाया जा सकेगा l
इसे चेंबर फार सर्विस इंडस्ट्री के चेयरमैन मेजर डॉ गुलशन शर्मा भी सपोर्ट कर इसे प्रवासी भारतीयों से जोड़कर पूरे देश में फैलाना चाहते हैं। डॉ गुलशन शर्मा ने बताया कि अब गौमाया प्रकल्प एक नई शेप एवं साइज के रूप में दुनिया के पटल पर लाया जाएगा। डॉ सीताराम गुप्ता ने गौमाया के विभिन्न प्रोग्राम के बारे में गौमूत्र, गोबर एवं पंचगव्य से बनने वाले विभिन्न प्रोडक्ट्स के बारे में साइंटिफिक मॉडल से चर्चा की।
उन्होंने इस मौके पर उनके द्वारा गोबर से निर्मित पेपर पर विश्व की अपनी पहली पुस्तक का भी जिक्र किया जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला है।
गौमाया के मुख्य सलाहकार डॉ भारद्वाज ने कहा कि गौगव्य से तकरीबन 250 उत्पाद बनाए जा रहे हैं एवं भविष्य में इनके उत्पादन से भारत को निरोगी बनाते हुए एक नए आर्थिक विकास का मॉडल का मार्ग प्रशस्त होगा।
डॉ भारद्वाज ने कहा कि हमारा देश भारत फिर से विश्व गुरु एवं सोने की चिड़िया बनेगा। हमारा युवा वर्ग प्राचीन सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक धरोहरों को पुनर्स्थापित कर भारत के विश्व गुरु बनने वाले मार्ग को और अधिक मजबूत करेगा।
उपरोक्त कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के राष्ट्रीय एम्बेसडर डॉ डी पी शर्मा जो की यूनाइटेड नेशंस के आईएलओ में आईटी कंसलटेंट भी है ने विशेष अतिथि के तौर पर हिस्सा लिया। उनके साथ बहुत से देशो के गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे l डॉ डीपी शर्मा ने कहा कि भारत अध्यात्म, विज्ञान एवं ज्ञान के मंच पर हमेशा से सिरमौर रहा है मगर वह जो देश और संस्कृति अपनी ऊर्जा को विकास एवं विज्ञान में लगाती है सांस्कृतिक विकारी लोग उस संस्कृति को दबाकर अपनी आतंकी प्रवृत्ति से उसे नष्ट भ्रष्ट करने की कोशिश करते रहते हैं। यह दुनिया का शाश्वत नियम है और भारत पर 800 साल तक विभिन्न प्रकार के आक्रमण इसका जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि हमारे संत महान वैज्ञानिक थे और ऋषि रिसर्च के ज्ञाता मगर पश्चिम के लोगों ने संतो को सेंट और फिर साइंटिस्ट बना डाला और ऋषियों को रिसर्च और फिर रिसर्चर बनाकर अपने नाम कर लिया।
गौमाया फाउंडेशन आने वाले वक्त में भारत में अनेकों प्रोग्राम सीरीज में करेगा और ग्रामीण गौ सेवकों के रिहैबिलिटेशन और वित्तीय विकास के लिए नई परियोजना के मॉडल भी बनाएगा।