पूर्व सीएम अशोक गहलोत को गांधी परिवार की सीट अमेठी में लोकसभा चुनावों के लिए सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम को राहुल गांधी की सीट रायबरेली के सीनियर ऑब्जर्वर की जिम्मेदारी दी गई है। अमेठी और रायबरेली गांधी परिवार क परंपरागत सीटें रही हैं, हालांकि पिछली बार राहुल गांधी स्मृति ईरानी से इस सीट पर हार चुके हैं।
कांग्रेस ने इस बार अमेठी से गांधी परिवार के नजदीकी नेता किशोरी लाल शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। चुनावी राजनीति का लंबा अनुभव रखने वाले अशोक गहलोत को अमेठी सीट की जिम्मेदारी दी है। गहलोत पहले भी यूपी चुनावों में इंचार्ज रह चुके हैं।
गहलोत को चुनौती वाली सीट की जिम्मेदारी
अशोक गहलोत को लोकसभा चुनावों में चुनौती वाली सीट की जिम्मेदारी दी है। इस सीट पर जो भी रिजल्ट होगा, उसमें अब उनकी सियासी प्रतिष्ठा भी जुड़ेगी। इस सीट पर पिछली बार राहुल गांधी हार गए थे, अब कांग्रेस के सामने यह सीट बड़ी चुनौती है।
चुनावी माहौल बनाने के लिए गहलोत को जिम्मा
गहलोत कई राज्यों में चुनावी ऑब्जर्वर और इंचार्ज रह चुके हैं। गहलोत को कांग्रेस में चुनाव अभियान चलाने और ग्राउंड पर चुनावी माहौल बनाने का एक्सपर्ट माना जाता है। 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों में इंचार्ज के तौर पर गहलोत ने जिस तरह का माहौल बनाया था, उसकी देश भर में चर्चा हुई थी। गरबा में नाचने से लेकर घर-घर जाकर पर्चे बांटकर वोट मांगने की स्टाइल ने भी खूब चर्चाएं बटोरी थीं।
अब अमेठी में बयानों की धार तेज होगी
गहलोत ने पिछले एक डेढ़ दशक से आक्रामक हुए हैं, बीजेपी पर वे तल्ख और धारधार सियासी हमले करने वाले नेताओं में सबसे आगे माने जाते हैं। पीएम मोदी और बीजेपी नेताओं पर उनके कई बयान सुर्खियों में रहे हैं।