प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की संसद से मणिपुर की महिलाओं को आश्वासन देते हुए कहा है कि यह देश और यह सदन उनके साथ है और मणिपुर में फिर से शांति की स्थापना होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर तीन दिनों तक लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए मणिपुर की घटना पर गहरा दुख भी जाहिर किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अदालत के फैसले के बाद मणिपुर में इस तरह के हालात बन गए। प्रधानमंत्री ने मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए गंभीर अपराध को अक्षम्य बताते हुए कहा कि केंद्र और राज्य दोषियों को सजा दिलाने के लिए प्रयास कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर में जल्द शांति स्थापित होने का दावा करते हुए यह भी कहा कि मणिपुर में निकट भविष्य में शांति का सूरज जरूर उगेगा, वहां शांति स्थापित होगी और मणिपुर एक बार फिर से आत्मविश्वास के साथ शांति के रास्ते पर आगे बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर राजनीति करने और हमेशा नॉर्थ ईस्ट राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि नॉर्थ ईस्ट राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार करना कांग्रेस के डीएनए में रहा है। कांग्रेस ने मणिपुर पर झूठ फैलाने का काम किया।
नॉर्थ ईस्ट के राज्यों को अपने लिए जिगर का टुकड़ा बताते हुए मोदी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट की सभी समस्याओं की जननी कांग्रेस ही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में एक दौर ऐसा था, जब वहां हर व्यवस्था उग्रवादी संगठनों की मर्जी से चला करती थी, यहां तक कि वहां तैनात होने वाले आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को भी अपनी सैलरी का एक हिस्सा उग्रवादियों को देना पड़ता था।
उन्होंने आरोप लगाया कि इन्हें (कांग्रेस) राजनीति के अलावा कुछ सूझता नहीं है जबकि ये जितना राजनीति को दूर रखेंगे, वहां उतनी शांति नजर आएगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए विपक्षी दलों पर जोरदार हमला भी बोला।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में ध्वनिमत से खारिज हो गया।
हालांकि, वोटिंग के दौरान कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके और एनसीपी सहित अन्य कई विपक्षी पार्टियों के सांसद सदन में मौजूद नहीं थे क्योंकि ये दल प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के दौरान ही सदन से वॉकआउट कर गए थे।