मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का फर्जी निजी सचिव बनकर कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमैन आलोक राज को धमकाने के मामले में बोर्ड के सलाहकार सतर्कता अधिकारी भीमसेन शर्मा ने सांगानेर थाने में एफआइआर दर्ज करवाई है।
शिकायत में बताया कि बदमाशों ने खुद को सीएम भजनलाल शर्मा का निजी सचिव शशिकांत शर्मा और सुरेश राजावत बताकर धमकाया। फर्जी कॉल करने वालों ने राजस्थान कर्मचारी बोर्ड की ओर से हाईकोर्ट में लगाई अर्जी वापस नहीं लेने का दबाव भी बनाया था।
मुख्यमंत्री शर्मा का फर्जी पीए बने वाले व्यक्ति ने कॉल कर कहा कि हम सीएम के पीए शशिकांत शर्मा और सुरेश राजावत हैं। कहा कि हम मुख्यमंत्री शर्मा के भरतपुर जिले का कार्यभार संभालते हैं। फर्जी पीए बनकर दोनों युवक परिवहन विभाग की मोटर वाहन उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया में बेवजह दखल दे रहे थे। वे सचिव और चेयरमैन को आदेश देने लगे। सचिव ने लिखित में आदेश देने की बात कही तो वे धमकियां देने लगे कि उनसे लिखित आदेश मांगने पर अब उनके और उनके परिवार के लिए अच्छा नहीं होगा।
बोर्ड के तहत होने वाली परिवहन विभाग के मोटर वाहन उप निरीक्षक भर्ती प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने स्टे लगा रखा है। इस स्टे में संशोधन के लिए बोर्ड की ओर से करीब छह महीने पहले कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र लगाया था। अब भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के लिए बोर्ड ने निर्णय लिया कि हाईकोर्ट में लगाया गया प्रार्थना पत्र वापस लिया जाए। इसी मामले को लेकर दो बार अलग अलग लोगों का कॉल आया था। उन्होंने कहा कि वे सीएम भजनलाल के निजी सचिव बोल रहे हैं। उन्होंने हाईकोर्ट में लगा प्रार्थना पत्र वापस नहीं लेने की बात कही। साथ में यह भी कहा कि इस मामले में सीएम से बात हो गई है।