Home राज्य 250 किलो गोल्ड तस्करी के मास्टरमाइंड के नाम सिर्फ स्कूटी:इतना शातिर कि फोन, सिम और गोदाम तक भी दूसरों के नाम से इस्तेमाल किए

250 किलो गोल्ड तस्करी के मास्टरमाइंड के नाम सिर्फ स्कूटी:इतना शातिर कि फोन, सिम और गोदाम तक भी दूसरों के नाम से इस्तेमाल किए

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सोने की तस्करी के मास्टरमाइंड जीतेंद्र सोनी उर्फ जीतू (45) को डीआरआई ने गिरफ्तार किया है। सीकर के रहने वाले जीतू की गिरफ्तारी के बाद केंद्र से जुड़ी खुफिया एजेंसी सक्रिय हैं। अब तक की जांच में 250 किलो गोल्ड की तस्करी कन्फर्म हुई है। ये वो आंकड़ा है जो एयरपोर्ट पर 2 कुरियर के पकड़े जाने के बाद मिली सूचना से वेरिफाई हुआ है। एजेंसियों को शक है कि ये आंकड़ा 250 किलो से दो-तीन गुना ज्यादा है।

भास्कर ने जीतू के घर से शेखावाटी तक मालूम किया तो पता चला है जीतू व अन्य गोल्ड तस्करों ने कॉल और मैसेज में अलग-अलग नाम से सिम और फोन का इस्तेमाल किया। घर-दुकान और गोदाम में तस्करी का सोना और पैसा नहीं रखा। घर पर रेड में डीआरआई खाली हाथ रही। परिजनों के पास एसयूवी है, लेकिन जीतू के नाम सिर्फ एक स्कूटी है, वो 8 साल से गोल्ड तस्करी करवा रहा है। आर्थिक अपराध में 1 करोड़ से कम की तस्करी में जमानत के प्रावधान के कारण आरोपी छोटी-छोटी तस्करी से 250 किलो सोना ले आए।

काम के बहाने गरीबों को खाड़ी भेजा और तस्कर बना दिया
सोना तस्करी में पिछले साल पकड़ा गया नागौर निवासी कालूराम (34) जमानत पर है। उसने जीतू की गोल्ड तस्करी सिंडीकेट के बारे में जो बताया, उसे जानकर डीआरआई के अफसर भी चकरा गए। उसने बताया कि नागौर और शेखावाटी के कई लोग अरब देशों में काम कर रहे हैं। इन सभी की सूची गोल्ड सिंडीकेट के पास है। अरब देशों में गोल्ड माफिया हवाला की रकम उतरवाने में उपयोग करते हैं। नागौर का गांव शोहरानियाबाद जांच एजेंसियों की रडार पर है। सोने के लिए सिंडीकेट का मजबूत नेटवर्क फतेहपुर माना गया है। लक्ष्मणगढ़, कुचामन, चूरू का एक हिस्सा भी शामिल है।

डीआरआई की जांच में सामने आया कि इस सिंडिकेट के सदस्यों ने कुछ गरीब मजदूरों को लालच देकर काम में लिया। इंटरनेशनल एयरपोर्ट से प्राइवेट पार्ट में पेस्ट बनाकर सोना इंडिया लाया गया। बैग में छिपाकर भी लाया गया है। ये तस्कर कमाई के बड़े सपने दिखाकर बेरोजगारों को खाड़ी देश भेज देते हैं। वापस आने पर सोने की तस्करी के लिए दबाव बनाया जाता है। परेशान होने पर बेरोजगार तस्करों की शर्त मानने पर मजबूर हो जाता है। कुछ पकड़े जाते हैं, जो पकड़े नहीं जाते उन्हें ये लोग अच्छा पैसा देकर दोबारा तस्करी के लिए काम में ले लेते थे।

सोने पर केमिकल की कोटिंग करते
एयरपोर्ट पर बचने के लिए तस्करी के सोने को विशेष केमिकल से कवर करके लाया जाता है। ये केमिकल दुबई में मिल जाता है। हालांकि भारत में केरल सहित कुछ राज्यों में भी केमिकल उपलब्ध है, जिसे ऑनलाइन मंगवाया जा सकता है। जो लोग सोना लाते पकड़े गए, उनमें से अधिकांश की पहले से सूचना थी कि वो अवैध रूप से सोना ला रहे हैं।

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