जयपुर के जयपुरिया हॉस्पिटल में रविवार देर रात इमरजेंसी में मरीज के परिजन और स्टाफ के बीच हाथापाई हो गई। यह पूरा विवाद गाड़ी की पार्किंग को लेकर हुआ। ट्रीटमेंट करवाने पहुंचे मरीज के परिजन देवेंद्र शर्मा ने बताया- उनके रिलेटिव के हाथ में चोट लगने के कारण वह रात करीब 12 बजे जयपुरिया हॉस्पिटल की इमरजेंसी में पहुंचे थे।
इमरजेंसी के बाहर गाड़ी खड़ी करने को लेकर सुरक्षा गार्ड ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। शर्मा ने बताया कि जब उनका बेटा इलाज के लिए उनके रिलेटिव को लेकर अंदर गया तो वहां सुरक्षा गार्ड भी पहुंच गया और उसने डॉक्टरो को हमारा ट्रीटमेंट करने से मना कर दिया।
इसके लिए जब हमारे बेटे ने वीडियो रिकॉर्डिंग की तो वहां मौजूद स्टाफ और दूसरे सुरक्षा गार्ड्स ने उसके साथ हाथापाई शुरू कर दी।
टिटनेस का इंजेक्शन लगाकर भेज दिया
पीड़ित देवेंद्र शर्मा ने बताया की काफी विवाद के बाद डॉक्टरों ने मरीज को केवल टिटनेस का इंजेक्शन लगाया और दवाई लिखकर भेज दिया। इस दौरान ना तो हाथ पर लगी चोट की ड्रेसिंग की और ना ही कोई दूसरा ट्रीटमेंट किया।
इमरजेंसी का बंद है गेट
जयपुरी हॉस्पिटल की इमरजेंसी में पार्किंग को लेकर विवाद आए दिन होता रहता है। क्योंकि यहां बनी इमरजेंसी के सामने बना मुख्य चैनल गेट अस्पताल प्रशासन में ताले लगाकर बंद कर रखा है। इस कारण मरीज को दूसरे गेट से लंबा चक्कर काट कर इमरजेंसी के रैंप तक आना पड़ता है। इस दौरान मरीज के साथ आए गाड़ी चालक वहीं आसपास गाड़ी लगा देते हैं जिसको लेकर गार्ड आपत्ति करते हैं। जबकि अंडरग्राउंड पार्किंग का एंट्रेंस गेट मैन रोड पर है।
मरीज को उतार कर वापस उल्टा चक्कर लगाकर गाड़ी को पार्किंग में लगाने से मरीज को परेशानी होती है इस कारण अधिकांश परिजन इमरजेंसी के पास खाली जगह पर गाड़ी पार्क लगाकर अपने मरीज का ट्रीटमेंट करने इमरजेंसी के अंदर चले जाते हैं।