लोन की किश्त जमा नहीं करने पर बैंक ने लकवाग्रस्त व्यक्ति के मकान पर कब्जा कर लिया। आंधी और बरसात में उसकी पत्नी व दो बच्चियों को खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ी। चारपाई व सामान सड़क पर पड़ा रहा।
अजमेर के कंचन नगर निवासी जगदीश बाकोलिया ने 2020 में आदित्य बिरला कैपिटल से 8 लाख रुपए का व्यवसायिक लोन लिया था। 30 सितंबर 2021 को उसने उज्जीवन स्माल फाइनेंस बैंक में लोन ट्रांसफर करवा लिया। 30 सितंबर 2023 को उनके शरीर में लकवा मार गया। चलने-फिरने से मोहताज होने से व्यवसाय चौपट हो गया और बैंक की किश्त जमा नहीं करवा सकें। परिजन ने इस स्थिति में बैंक से रियायत की गुहार लगाई लेकिन उन्होंने पुलिस की मदद से मकान पर कब्जा कर लिया।
उज्जीवन बैंक के लीगल एडवाइजर एडवोकेट उपेन यादव ने बताया कि नवंबर 2023 में जगदीश और उसके परिजन को तीन अलग-अलग नोटिस दिए थे। मार्च 2024 में कलेक्टर ने मकान पर कब्जा करने का आदेश दिया था। मकान खाली करने का नोटिस भी चस्पा किया। एसपी के आदेश से पुलिस जाप्ते के साथ कार्रवाई की। जगदीश का इंश्योरेंस है लेकिन बीमारी या असहाय होने की हालत में लाभ नहीं मिलता।
मदद के लिए उठे हाथ, नहीं पसीजा बैंक
जगदीश के परिजन कुछ दिन की मोहलत के लिए गिड़गिड़ाते रहे। बैंक कर्मचारी मकान को खाली कराने में जुटे रहे। गांव के लोगों ने मदद का हाथ बढ़ाया। पूर्व सरपंच चंद्रभान गुर्जर ने कहा कि बैंक की अमानवीयता पर कार्रवाई होनी चाहिए।
ये हैं नियम जानिए
जो लोग लोन लेते हैं उनके खाते से हर माह ब्याज समेत किस्त कटती रहती है। बीमारी या शारीरिक अक्षमता की हालत में लोन की किस्त नहीं दे पाने वालों को इसका अंदाजा नहीं होता कि क्या नुकसान हो सकता है। ऐसे मामलों में बैंक नियम की बात करते हैं, मानवता की नहीं।
बैंक भेजता है रिमाइंडर लोन- लोन की दो ईएमआई नहीं देने पर बैंक सबसे पहले रिमाइंडर भेजता है। फिर भी किस्त नहीं भरने पर कानूनी नोटिस देता है। किस्त नहीं आने पर बैंक डिफॉल्टर घोषित कर देता है।
खतरे से खाली नहीं – बैंक प्रॉपर्टी गिरवी रखता है। भरपाई होने तक दस्तावेज बैंक में रहते हैं। लोन न चुकाने पर बैंक को ये अधिकार होता है कि वो उस प्रॉपर्टी को बेचकर लोन की वसूली कर सके।
नीलामी आखिरी विकल्प – लोन चुकाने के लिए काफी समय देते हैं। 3 रिमाइंडर, नोटिस पर भी लोन नहीं चुकाया तो बैंक प्रॉपर्टी कब्जे में लेकर नीलाम करता है। यानी गिरवी संपत्ति खतरे में पड़ जाती है।