विधानसभा चुनाव के बाद से ही बीजेपी की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे चुप्पी साधे हुए हैं. झालावाड़ में उनके बेटे दुष्यंत राजे की सीट के अलावा राजे की सक्रियता किसी और सीट पर दिखाई नहीं दी. जानकारों के मुताबिक अन्य सीटों पर बीजेपी के पक्ष में परिणाम नहीं होने पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के लिए कई चुनौतियां पैदा हो सकती हैं. हाल ही में केबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने भी भ्रष्टाचार को लेकर सीएम से शिकायत की, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अब बाबा भी सीएम के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।
पायलट ने की 100 सभाएं, यहां गहलोत की प्रतिष्ठा दांव पर!
वहीं कांग्रेस की बात करें तो राजस्थान में मतदान खत्म होने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट पर भी सबकी निगाहें हैं. पायलट ने दौसा, टोंक सवाई माधोपुर समेत कई सीटों पर जमकर चुनाव प्रचार किया. इन सीटों पर बीजेपी बुरी तरह फंसती नजर आ रही है. ऐसे में इस बार अगर इन सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई तो पायलट की ताकत बढ़ेगी।
वहीं खास बात यह है कि राजस्थान के बाद भी पायलट इस लोक सभा चुनाव में 14 राज्यों में 100 से अधिक सभाएं कर चुके हैं. साथ ही कहा यह भी जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी में मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, और प्रियंका गांधी के बाद सबसे ज़्यादा डिमांड सचिन पायलट की हैं. वहीं, अशोक गहलोत की बात करें तो उनके बेटे वैभव गहलोत जालोर सिरोही लोकसभा सीट से मैदान में हैं. लेकिन फलोदी सट्टा बाजार हो या एक्सपर्ट्स, हर कोई उनकी जीत को लेकर पशोपेश में हैं. दावा किया जा रहा है कि वैभव के लिए यह सीट फंस गई है. अगर यहां गहलोत के बेटे की हार होती है तो कांग्रेस में एक बड़ा तूफान आ सकता है।