एक महत्वपूर्ण निर्णय में माननीय राजस्थान कर बोर्ड अजमेर की डिवीज़नल बेंच ने अभिनिर्धारित किया है कि किसी भी प्रकार की टेलीकम्युनिकेशन की वस्तुओं पर राजस्थान में प्रवेश कर की देयता नहीं बन सकती है । अधिवक्ता यशस्वी शर्मा ने बताया कि कर निर्धारण अधिकारी ने इन वस्तुओं को इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ मानते हुए करारोपण किया था जिसे माननीय राजस्थान कर बोर्ड अजमेर की डिवीज़नल बेंच ने अपास्त कर यह निर्णय दिया कि ये वस्तुएँ अधिसूचना 211/2015 दिनाँक 09/03/2015 में आच्छादित नहीं हैं अतः प्रवेश कर की देयता नहीं पाई जाती । उन्होंने बताया कि माननीय कर बोर्ड ने निर्णय किया कि केवल इस वजह से कि ये वस्तुएँ इलेक्ट्रिसिटी से चलती है इन्हें इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ नहीं माना जा सकता है । इस निर्णय से राजस्थान की टेलीकम्युनिकेशन इंडस्ट्री को राहत मिली है ।