चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि प्रदेश में आमजन को हीटवेव से राहत देने के लिए चिकित्सा संस्थानों में बेहतर प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं। विभाग का प्रयास है कि लू और तापघात से किसी व्यक्ति को तकलीफ नहीं हो और पीडित रोगियों को तत्काल बेहतर उपचार उपलब्ध हो। उन्होंने राज्य स्तर से लेकर खण्ड स्तर तक अधिकारियों को फील्ड में जाकर हीटवेव प्रबंधन की सघन मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं।
चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर प्रदेश में हीटवेव एवं मौसमी बीमारियों के प्रबंधन को लेकर स्वास्थ्य भवन में आयोजित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। इस समीक्षा बैठक में सभी सयुक्त निदेशकों ने अपने अपने अधीन जिलों में हीटवेव प्रबंधन को लेकर की गई तैयारियों और गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
आरएसआरएस फंड से तत्काल उपलब्ध कराएं आवश्यक सुविधाएं—
चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि भौगोलिक स्थित्तियों के चलते राजस्थान लू तापघात की दृष्टि से अति संवेदनशील श्रेणी का राज्य है। इस प्राकृतिक आपदा की स्थिति में आमजन को स्वस्थ एवं सामान्य जीवन के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चिकित्सा संस्थानों में रोगियों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो। उन्होंने जहां भी कूलर, पंखे, एसी, वाटर कूलर आदि सुविधाओं की और आवश्यकता है, वहां तत्काल प्रभाव से आरएमआरएस फंड के माध्यम से यह सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन आपदा की इस घड़ी में वैकल्पिक व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखें। दवा और जांच सेवाओं में कोई गेप नहीं रहे। साथ ही आमजन को हीटवेव से बचाव एवं अन्य आवश्यक जानकारियां प्रदान करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
पूरी प्रतिबद्धता के साथ जुटने का समय, लापरवाही बर्दाश्त नहीं—
चिकित्सा मंत्री ने मुख्यालय से अधिकारियों को फील्ड में जाकर चिकित्सा संस्थानों का सघन निरीक्षण करने के निर्देश दिए। साथ ही जिला एवं खण्ड स्तर के अधिकारियों को भी अपनी परिधि में आने वाले चिकित्सा संस्थानों का नियमित निरीक्षण कर माकूल व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि हीटवेव प्रबंधन को लेकर जो कमियां सामने आएं उन्हें तत्काल प्रभाव से दूर करें। उन्होंने कहा कि यह समय पूरी प्रतिबद्धता के साथ जुटकर आमजन को राहत प्रदान करने का समय है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मौसमी बीमारियों से बचाव की करें पुख्ता तैयारी—
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि आगामी समय में मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ने की आशंका को ध्यान में रखते हुए अभी से मजबूती से तैयारियां सुनिश्चित करें। विभाग द्वारा सुविधाओं के सुदृढीकरण और विस्तार में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। हमारा दायित्व बनता है कि आमजन को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराकर गुड गर्वेंनेस साकार करें।
बेहतर प्रबंधन के कारण जनहानि नगण्य—
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने सभी सबंधित अधिकारियों को मुख्यालय पर रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर के साथ जिला स्तर पर कन्ट्रोल रूम आवश्यक रूप से अलर्ट मोड पर संचालित किए जाए। अधिकारी फील्ड में जाकर हीटवेव प्रबंधन के लिए सभी इंतजाम सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में हीट्वेव प्रबंधन को लेकर मार्च माह से तैयारियां शुरू कर दी गई थी इसी का परिणाम रहा कि लगभग 90 प्रतिशत चिकित्सा संस्थानों में हीटवेव के समुचित प्रबंध सुनिश्चित हुए तथा शेष 10 प्रतिशत में भी बेहतर प्रबंध किए जा रहे हैं। हीट स्ट्रोक के मरीजों को तत्काल उपचार उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके चलते प्रदेश में जनहानि नगण्य है।
बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, प्रबंध निदेशक आरएमएससी श्रीमती नेहा गिरि निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।