Monday, December 23, 2024

हीटवेव प्रबंधन को लेकर उच्च स्तरीय बैठक: मेडिकल विभाग अलर्ट रहके काम करें करें: गजेंद्र सिंह खींवसर

Must read

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने हीटवेव से बचाव एवं उपचार के लिए उच्च स्तरीय प्रबंधन किया है। हीटवेव प्रबंधन की मॉनिटरिंग के लिए हर अस्पताल पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्राकृतिक आपदा की इस घड़ी में पूरा चिकित्सा तंत्र अलर्ट मोड और प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ काम कर आमजन को राहत दे। उन्होंने कहा कि चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर कोई भी लापरवाही या कमी सामने आती है तो संबंधित अस्पताल अधीक्षक की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

चिकित्सा मंत्री खींवसर मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में हीटवेव प्रबंधन को लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से की गई तैयारियों एवं गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मेडिकल कॉलेजों की ओर से हीटवेव प्रबंधन को लेकर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया।

रेपिड रेस्पॉन्स सिस्टम से पहुंचाएं रोगियों को राहत

चिकित्सा मंत्री खींवसर ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों सहित सभी चिकित्साकर्मी हीटवेव को लेकर विशेष सतर्कता बरतें। यह सुनिश्चित करें कि अस्पतालों में पंखे, कूलर, एसी, वाटर कूलर, जांच, दवा एवं उपचार के प्रबंधन में कोई कमी नहीं रहे। अधिकारी निरंतर फील्ड में जाकर चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण करें। संसाधनों की तात्कालिक उपलब्धता के लिए आरएमआरएस फण्ड का उपयोग करें या वैकल्पिक उपायों के माध्यम से तुरंत व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने रेपिड रेस्पॉन्स सिस्टम के माध्यम से रोगियों को राहत प्रदान करने के निर्देश दिए।

दानदाताओं एवं स्वयंसेवी संस्थाओं का लें सहयोग

चिकित्सा मंत्री खींवसर ने कहा कि हीटवेव के इस समय में आमजन को राहत के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि संकट एवं विपदा के समय उदारमना एवं भामाशाहों द्वारा आगे बढ़कर सहयोग करना राजस्थान का गौरवशाली इतिहास रहा है। अधिकारी इन दानदाताओं, भामाशाहों, स्वयंसेवी संस्थाओं तथा सोशल एक्टिविस्ट का भी हीटवेव प्रबंधन में सहयोग लेकर आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करें। 

हीट स्ट्रोक से मौतों के प्रमाणिक आंकडे़ आईएचआईपी पोर्टल पर

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि हीट स्ट्रोक से होने वाली मौतों को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं और मौतों की भिन्न-भिन्न संख्या मीडिया के माध्यम से सामने आ रही है, जबकि प्रमाणिक आंकडे़ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए जा रहे हैं, जो आईएचआईपी पोर्टल पर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि हीटवेव से होने वाली मौतों के प्रमाणिक आंकडे़ भारत सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार डेथ ऑडिट के बाद चिकित्सा विभाग द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 28 मई तक हीट स्ट्रोक से पांच संदिग्ध मौत के मामले सामने आए हैं, इनमें से एक मौत की पुष्टि हीट स्ट्रोक से पूर्व में की जा चुकी है, जबकि जयपुर, जोधपुर, नागौर एवं उदयपुर में एक-एक मौत की अभी ऑडिट की जा रही है।

कुछ मामलों को छोड़कर 99 प्रतिशत चिकित्सा व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हीट स्ट्रोक वार्डों में रोगियों की संख्या नगण्य

चिकित्सा मंत्री खींवसर ने कहा कि सोमवार और मंगलवार को प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में हीटवेव से बचाव के लिए की गई व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा की है। इसमें सामने आया है कि चिकित्सा विभाग की समय पर की गई तैयारियों और समुचित प्रबंध के कारण हीट स्ट्रोक के रोगियों को गुणवत्तापूर्ण उपचार उपलब्ध हो रहा है। राजस्थान में हीटवेव की प्रबलता के बावजूद अस्पतालों में स्थापित किए गए डेडीकेटेड हीट स्ट्रोक वार्डों में रोगियों की संख्या तथा प्रदेश में इससे होने वाली मौतें लगभग नगण्य हैं। उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से रैफरल सुविधा भी सुगमता से उपलब्ध हो रही है। एम्बुलेंस में हीट स्ट्रोक रोगियों के लिए सभी आवश्यक संसाधनों का प्रबंध किया गया है। समीक्षा में सामने आया है कि प्रदेश में कुछ मामलों को छोड़कर 99 प्रतिशत चिकित्सा व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हैं।

चिकित्सा संस्थानों में माकूल इतंजाम

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने बताया कि हीटवेव से प्रभावित रोगियों के उपचार के लिए चिकित्सा संस्थानों में डेडीकेटेड हीट स्ट्रोक वार्ड बनाए गए हैं तथा बैड आरक्षित किए गए हैं। राज्य एवं जिला स्तर पर कंट्रोल रूम संचालित किए जा रहे हैं। एम्बुलेंस में एयर कंडीशन एवं आईस पैक सहित अन्य आवश्यक उपचार सुविधाओं का प्रबंध किया गया है। समय-समय पर चिकित्साकार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया है और मॉक ड्रिल्स की गई हैं। हीटेवव से पीड़ित व्यक्ति राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम 0141-2225000, टोल फ्री नंबर – 1070 तथा आपातकालीन एम्बुलेंस सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 104 एवं 108 पर सम्पर्क कर सकता है।

चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान ने हीटवेव प्रबंधन के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से की गई तैयारियों एवं मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी, अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य एवं संबद्ध अस्पतालों के अधीक्षक भी वीसी के माध्यम से बैठक में उपस्थित हुए।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article