जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने कहा कि प्रदेश की विभिन्न सिंचाई योजनाओं के लिए वांछित भूमि अवाप्ति के 104 लम्बित प्रकरणों से सम्बन्धित प्रक्रिया को 31 मई,2024 तक पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन 480 प्रकरणों में भूमि विभाग को मिल चुकी है लेकिन अभी तक नामान्तरण नहीं हुआ है, उनकी नामान्तरण की प्रक्रिया 15 जून,2024 तक पूरी कर ली जाए।
जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार मंगलवार को यहां इंदिरा गांधी नहर मण्डल भवन सभागार में संभागवार विभिन्न जिलों में जल संचय योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश की सभी वृहद, मध्यम एवं लघु सिंचाई योजनाओं में डूब क्षेत्र में आने वाले भूमालिकों एवं निर्माण के लिए अवाप्ति में आने वाली भूमि के सम्बन्ध में सभी प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द पूरा करते भूमि अवाप्ति की कार्यवाही सम्पन्न की जाए ,जिससे योजनाओं को समयबद्ध रूप से पूरा प्रदेश के लोगों तक इसका लाभ मिल सके।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने छबड़ा के अधिशासी अभियंता को कार्य में ढिलाई पर कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश देते हुए कहा कि अवाप्त भूमि के नामान्तरण के लिए अधिकारी जिला कलक्टर एवं राजस्व अधिकारियों से व्यक्तिगत सम्पर्क कर तुरन्त कार्यवाही कराएं। भूमि अवाप्ति के कारण परियोजना में देरी होने पर जिम्मेदारी सम्बन्धित अधिशासी अभियंता की होगी एवं सख्त कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जल जीवन की पहली आवश्यकता है और राजस्थान जैसे प्राकृतिक शुष्क एवं मरूस्थलीय प्रदेश में इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि भूमालिकों को मुआवजे से सम्बंधित प्रकरणों पर निर्देश देते हुए कहा कि इनका समयबद्ध निस्तारण करें।
बैठक में विभाग के मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त सचिव भुवन भास्कर, संयुक्त शासन सचिव असलम शेर खान, विशेषाधिकारी विकास शर्मा, वीसी से जुडे़ सभी संभागों के मुख्य अभियंता एवं अन्य अभियंतागण शामिल हुए।