जयपुर, राजस्थान: राजस्थान के पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी और 22 अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने जल जीवन मिशन टेंडर घोटाला मामले में FIR दर्ज कर दी है। इस मामले में वित्तीय सलाहकार सुशील शर्मा, तत्कालीन मुख्य अभियंता आरके मीणा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता अरुण श्रीवास्तव, रमेश चंद मीणा, और कई अन्य अधिकारी भी शामिल हैं। FIR के अनुसार, इन पर जल जीवन मिशन के तहत टेंडरों में बड़े पैमाने पर अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
क्या है मामला?
जल जीवन मिशन की शुरुआत भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में पाइप से स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के उद्देश्य से 2019 में की थी। इस परियोजना के तहत राजस्थान में बड़े पैमाने पर जल वितरण के लिए कई टेंडर जारी किए गए थे। ACB की जांच में सामने आया है कि इन टेंडरों में वित्तीय और प्रशासनिक नियमों की अनदेखी कर बड़े पैमाने पर घोटाले किए गए हैं। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इस मामले में छापेमारी की थी।
पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था ने की शिकायत
पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था के सहसंयोजक टी एन शर्मा एडवोकेट ने पहले इस घोटाले की शिकायत की थी, लेकिन दबाव के चलते मामले की जांच में देरी हुई। इसके बाद संस्था ने राजस्थान हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की, जिसके परिणामस्वरूप एसीबी को FIR दर्ज करनी पड़ी। संस्था ने यह दावा किया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी यह लड़ाई जारी रहेगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का प्रयास रहेगा।
मामले में हो सकती है पूर्व जल मंत्री महेश जोशी की गिरफ्तारी
एसीबी द्वारा इस मामले में FIR दर्ज किए जाने के बाद अब जांच और गहरी हो सकती है, और घोटाले से जुड़े अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भी कार्रवाई संभव है। माना जा रहा है कि जल जीवन मिशन में हुए भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद राज्य के प्रशासनिक तंत्र में कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं।