Home दुनिया America-China War: गुआम में Mk 41 वर्टिकल लॉन्च सिस्टम तैनात किया, चीन से खतरे के खिलाफ नई तैयारी

America-China War: गुआम में Mk 41 वर्टिकल लॉन्च सिस्टम तैनात किया, चीन से खतरे के खिलाफ नई तैयारी

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अमेरिका: अमेरिका ने गुआम में Mk 41 वर्टिकल लॉन्च सिस्टम (VLS) की तैनाती कर दी है, जो चीन से संभावित खतरों के खिलाफ उसकी बढ़ती तैयारियों का संकेत है। यह कदम प्रशांत महासागरीय ठिकानों को मजबूत करने के लिए अमेरिका द्वारा उठाया गया है, जिसमें सबसे आधुनिक मिसाइल इंटरसेप्टर्स को शामिल किया जा रहा है।

पिछले महीने ‘द वार ज़ोन’ द्वारा रिपोर्ट की गई थी कि यूएस नेवी ने गुआम में एजिस एशोर एयर डिफेंस सिस्टम के लिए Mk 41 VLS स्थापित किया है। यह तैनाती गुआम के एयरस्पेस की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए की जा रही है, जिसका मुख्य ध्यान चीनी खतरों पर है।

एजिस एशोर सिस्टम की विशेषताएँ

एजिस एशोर सिस्टम में एजिस कॉम्बैट सिस्टम और AN/SPY-1 रडार शामिल हैं, जिसका उद्देश्य बैलिस्टिक मिसाइलों को उनके बीच उड़ान के दौरान SM-3 इंटरसेप्टर्स के माध्यम से रोकना है। इस प्रणाली का लाभ यह है कि यह गुआम की सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य क्षमताओं को भी बढ़ाएगा।

गुआम में तैनात Mk 41 वर्टिकल लॉन्चर में SM-6 और आने वाले ग्लाइड फेज इंटरसेप्टर (GPI) जैसे अन्य इंटरसेप्टर्स शामिल करने की क्षमता है, जिससे यह हाइपरसोनिक खतरों का सामना करने में सक्षम होगा।

चुनौतियाँ और महत्व

हालांकि, ‘द वार ज़ोन’ की रिपोर्ट के अनुसार, गुआम की सीमित खुली जगह और पहाड़ी इलाके के कारण इस तैनाती को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। Mk 41 लॉन्चर प्लांड एन्हांस्ड इंटीग्रेटेड एयर एंड मिसाइल डिफेंस (EIAMD) सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य द्वीप की रक्षा के लिए 360-डिग्री सुरक्षा प्रदान करना है।

गुआम का स्थान प्रशांत महासागर में होने के कारण अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति में एक रणनीतिक भूमिका निभाता है। हडसन इंस्टीट्यूट की सेंटर फेलो ओरियाना स्काईलर मास्ट्रो ने गुआम के रणनीतिक महत्व का विश्लेषण किया है, जिसमें बताया गया है कि यह न केवल अमेरिकी सैन्य गतिविधियों का केंद्र है, बल्कि चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए भी आवश्यक है।

निष्कर्ष

इस नई तैनाती के साथ, गुआम की रक्षा क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी, जो क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य स्थिरता को और मजबूत करेगी। हाइपरसोनिक खतरों का सामना करने के लिए यह सिस्टम अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है, विशेष रूप से वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों के बढ़ते संदर्भ में। अमेरिका का यह कदम स्पष्ट रूप से चीन के आक्रामक व्यवहार के खिलाफ एक मजबूत प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।

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