राजस्थान की भजनलाल कैबिनेट ने शनिवार को बड़ा फैसला लेते हुए ऐलान किया है कि, पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की ओर से अंतिम दौर में बनाए 9 नए जिले और 3 संभाग अब नहीं रहेंगे. पूर्ववर्ती गहलोत राज में बने 17 जिलों को निरस्त कर, 8 नए जिलों को यथावत रखने की घोषणा की है. जिसके चलते अब राजस्थान में 41 जिले रहेंगे. कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉफ्रेंस में मंत्री जोगराम पटेल ने इस बात की जानकारी दी. वहीं SI भर्ती मामले को लेकर मंत्री जोगाराम ने कहा कि, मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है, जिसके चलते अदालत को लेकर किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं करना चाहते.
इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन को पास किया गया. मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि, राजस्थान को जिलों के हिसाब से 3 हिस्सों में बांट गया है. पहला सामान्य जिला, दूसरा मरूस्थलीय जिला और तीसरा आदिवासी जिला.अब इन तीनों जिलों में आबादी के आधार पर ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन किया जाएगा. वहीं तबादलों को लेकर कैबिनेट मंत्री ने लोगों को ओर इंतजार करने को कहा है. तो वहीं जनवरी के अंतिम सप्ताह में विधानसभा का सत्र आहूत होगा. सीईटी के नियम में संशोधन कर एक वर्ष को तीन साल किया गया है.
3 नए संभाग खत्म
गहलोत राज में राजस्थान में बने 9 नए जिले समाप्त हो गए. साथ ही 3 नए संभाग- बांसवाड़ा, सीकर और पाली संभाग को समाप्त कर दिया गया है.
राजस्थान में 9 नए जिले समाप्त
दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर जिलें खत्म
गहलोत राज में बने ये जिले बने रहेंगे
डीग, बालोतरा, खैरथल-तिजारा, ब्यावर, कोटपूतली-बहरोड़, डीडवाना-कुचामन, फलोदी और संलूबर
अब राजस्थान में 7 संभाग और 41 जिलें रहेंगे.
गहलोत के समय बने नए जिलों के गठन पर बड़ा फैसला
पीसी में मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि राजस्थान 1956 में बना. इसके बाद से लंबे समय तक हमारे यहां 26 जिले थे. इसके बाद 7 और नए जिले बने. लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम समय में 17 नए जिले और तीन संभाग घोषित किए. आचार संहिता की घोषणा से तुरंत पहले पूर्ववर्ती सरकार ने नए जिलों की घोषणा की थी. जो व्यवहारिक नहीं है. मंत्री ने कहा कि इन जिलों की कोई जरूरत नहीं थी. हमारी मंत्रिमंडल कमेटी ने पाया कि ये जिले व्यवहारिक नहीं है. मंत्री ने कहा कि 67 साल में 7 नए जिले बनते हैं. तो एक हफ्ते में 17 नए जिले बनाना कही से उचित नहीं है. नए जिले जो बने हैं, जो तीन संभाग बने हैं. वो ठीक नहीं है. उसे हम खत्म करते हैं. राजस्थान में कुल 7 संभाग और 41 जिले ही रहेंगे.
व्यवहारिक नहीं था इन जिलों का गठन- मंत्री जोगाराम
कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि राजस्थान 1956 में बना. इसके बाद से लंबे समय तक हमारे यहां 26 जिले थे. इसके बाद 7 और नए जिले बने. लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम समय में 17 नए जिले और तीन संभाग घोषित किए. आचार संहिता की घोषणा से तुरंत पहले पूर्ववर्ती सरकार ने नए जिलों की घोषणा की थी. जो व्यवहारिक नहीं है. न ही इन जिलों की जनसंख्या आधार सही था.
हमारी मंत्रिमंडल कमेटी ने पाया कि ये जिले व्यवहारिक नहीं है. उसे हम खत्म करते हैं. राजस्थान में कुल 7 संभाग और 41 जिले ही रहेंगे. इस तरह गहलोत सरकार के समय बने 9 नए जिले समाप्त हो गए. साथ ही तीन नए संभाग- बांसवाड़ा, सीकर और पाली संभाग को समाप्त कर दिया गया है.
सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा मामला कोर्ट के अधीन- मंत्री जोगाराम
हालांकि कैबिनेट बैठक में सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द करने पर फैसला नहीं लिया जा सका. मंत्री ने बताया कि यह मामला अभी कोर्ट के अधीन है. ऐसे में इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. जिसके चलते अदालत को लेकर किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं करना चाहते. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, जहां जिस प्रकार के जवाब की आवश्यकता होगी, राज्य सरकार उस समय वह जवाब कोर्ट को दे देंगी.
राजस्थान में ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन होगा
इधर भजनलाल कैबिनेट बैठक में ग्राम पंचायतों को लेकर फैसला लिया गया. प्रेंस कॉफ्रेंस में जोगाराम पटेल ने बताया कि, बैठक में एक बड़ा निर्णय यह हुआ कि राजस्थान में ग्राम पंचायतों का पुर्नगठन होगा. मंत्री जोगाराम ने कहा कि, जिलों के हिसाब से राजस्थान को सामान्यता तीन हिस्सों में बांटा जाता है. एक सामान्य जिले, दूसरा मरुस्थलीय जिले और तीसरा आदिवासी बहुल्य जिले. इन तीनों जिलों में आबादी के आधार पर ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन होगा.
कैबिनेट बैठक में 4 एजेंडों पर भी निर्णय
वहीं सुमीत गोदारा ने प्रेस कॉफ्रेंस में कैबिनेट बैठक में लिए गए 4 फैसलों की जानकारी दी है.जिसमें खाद्य सुरक्षा योजना में नए लाभार्थियों को जोड़ा जाएगा. तो वहीं कॉमन एलिजिबलिट टेस्ट में नियम में संशोधन कर एक वर्ष को तीन साल किया गया. साथ ही सिद्धमुख, चूरू का राजकीय कॉलेज शकुंतला देवी के नाम पर करने का निर्णय लिया गया. पशुधन सहायक का पदनाम पशु प्रशिक्षक होगा.
राजस्थान सिविल सेवा पुनरीक्षित वेतन नियम 2017 की अनुसूची-6 में संशोधन से जुड़ा एजेंडा
राजस्थान अधीनस्थ एवं लिपिक वर्गीय सेवा समान परीक्षा नियम 2022 में संशोधन का एजेंडा
सिद्धमुख, चूरू का राजकीय कॉलेज शकुंतला देवी के नाम पर करने का एजेंडा
विधानसभा का अगला सत्र आहूत करने संबंधी एजेंडा
राजस्थान सरकार की कैबिनेट के अन्य बड़े फैसले
- समान पात्रता परीक्षा की वैधता 3 वर्ष की
- TAD में छात्रावास अधीक्षक के लिए पात्रता बदली
- अब समान पात्रता परीक्षा हर वर्ष देने की नही होगी आवश्यकता
- एक बार हुई परीक्षा का स्कोर कार्ड होगा तीन वर्ष
- 2025 में 1 लाख बेरोजगारों को नौकरी देगी भजनलाल सरकार
- आगामी 4 साल में 3 लाख नौकरियों का रखा गया टारगेट
- खाद्य सुरक्षा योजना के नए लाभार्थी के नाम जोड़ने का फैसला
- 31 दिसंबर तक जिन्होंने KYC नहीं की उनके नाम नहीं हटेंगे
- परिनिन्दा दंड समाप्त करने का अनुमोदन
- पशुधन सहायकों के लिए पदनाम परिवर्तन का अनुमोदन हुआ
- पशुधन सहायक को 3 पदोन्नति मिलेगी
- पशुधन सहायक की पदनाम परिवर्तन पर लगी मुहर