जयपुर, 10 अक्टूबर: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को विभिन्न विभागों की भर्ती प्रक्रियाओं की समीक्षा बैठक में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार युवाओं के सपनों को पूरा करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। उन्होंने कहा, माता-पिता अपनी मेहनत की कमाई बच्चों की सरकारी नौकरी की तैयारी में लगाते हैं, और जब भर्तियों में देरी होती है, तो यह न केवल युवाओं के लिए, बल्कि उनके पूरे परिवार के लिए निराशा का कारण बनता है।
मुख्यमंत्री ने इस वर्ष 1 लाख सरकारी नौकरियां देने के लक्ष्य पर सरकार का ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि सभी विभागों को इन भर्तियों को मिशन मोड में लेकर पारदर्शी तरीके से समयबद्ध पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने भर्ती प्रक्रियाओं को तेज़ी से पूरा करने के लिए नियमों में सुधार की बात कही, खासतौर पर एक समान पदों पर समान पात्रता को लागू करने के लिए एकरूपता लाने पर जोर दिया।
छोटी भर्तियों का एक साथ आयोजन (simultaneous organization of small recruitments)
CM भजनलाल शर्मा ने कहा कि भर्ती एजेंसियों को कम पदों की भर्तियों को एकसाथ आयोजित करने पर विचार करना चाहिए। अक्सर देखा गया है कि एक जैसे पदों के लिए अलग-अलग विभागों में अलग-अलग भर्ती परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जिससे समय, संसाधनों और श्रम का नुकसान होता है। उन्होंने निर्देश दिया कि इन भर्तियों को एक साथ करने से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि उम्मीदवारों को भी सुविधा होगी।
उच्च स्तरीय कमेटी का गठन (Formation of high level committee)
भर्तियों में तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी के गठन के निर्देश दिए। यह कमेटी भर्ती प्रक्रियाओं में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगी और नियमित मॉनिटरिंग करेगी।
न्यायालय में लंबित प्रकरणों का समाधान (Resolution of cases pending in court)
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन भर्तियों की परीक्षाएं हो चुकी हैं, उनके परिणाम जल्द जारी किए जाएं और दस्तावेज सत्यापन का कार्य तेजी से पूरा हो। साथ ही, न्यायालय में लंबित भर्ती प्रकरणों पर प्रभावी पैरवी के निर्देश दिए, ताकि इन मामलों का समय पर निस्तारण हो सके।
परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान(Special attention to security of examination centers)
शर्मा ने जिलों में स्थायी परीक्षा केंद्र स्थापित करने की बात कही, जहां सीसीटीवी और अन्य सुरक्षा व्यवस्थाओं के साथ परीक्षाओं को पारदर्शी तरीके से आयोजित किया जा सके।
बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी, जिनमें अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन श्री अभय कुमार, वित्त विभाग के श्री अखिल अरोरा, और ऊर्जा विभाग के श्री आलोक शामिल थे, उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री का यह कदम युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों के अवसर बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।