Saturday, October 12, 2024

माधव यूनिवर्सिटी में विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

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पिंडवाड़ा, 26 सितंबर 2024 (बृहस्पतिवार):
माधव यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर में आज विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस बड़े उत्साह और जागरूकता के साथ मनाया गया। इस अवसर पर कॉलेज के डीन प्रो. (डॉ) वी आर पटेल ने इस दिन के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि पर्यावरण स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाने और इससे जुड़ी चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए हर साल 26 सितंबर को विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इस दिन का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण की रक्षा करने और उससे उत्पन्न खतरों से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करना है।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ गीतम सिंह ने पर्यावरण की महत्वपूर्ण अवयवों की सुरक्षा पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि जल, मृदा, वायु, और सूर्य के प्रकाश जैसे प्राकृतिक संसाधनों की गुणवत्ता में गिरावट एक गंभीर समस्या बन गई है। तेजी से बढ़ती जनसंख्या और इस गिरावट के चलते यह हम सभी के लिए चिंता का विषय बन गया है। उन्होंने कहा कि आज के समय में पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में कदम उठाना बेहद जरूरी हो गया है।

विश्वभर में खराब हो रहा है पर्यावरण स्वास्थ्य
महाविद्यालय के डॉ लक्ष्मीकांत शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि आज पूरे विश्व में पर्यावरण स्वास्थ्य को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की जा रही है। कई बड़े शहरों का पर्यावरणीय स्वास्थ्य खराब हो चुका है, जिससे वहां रहने वाले लोगों का जीवन कठिन हो गया है। सरकारें इस दिशा में कई कदम उठा रही हैं, लेकिन अभी भी पर्यावरण प्रदूषण में सुधार की गति धीमी है। यह स्थिति आने वाली पीढ़ियों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, और हमें इस दिशा में समन्वित प्रयास करने की आवश्यकता है।

पर्यावरण संरक्षण के उपाय:
कॉलेज के फॉरेस्ट्री विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रकाश ने इस अवसर पर कहा कि विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस केवल एक दिन का आयोजन नहीं होना चाहिए, बल्कि हमें पूरे साल पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे रोज़मर्रा के जीवन में कई ऐसी गतिविधियाँ होती हैं जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं, और हमें इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने प्लास्टिक की जगह जूट के थैलों का प्रयोग करने और प्लास्टिक की प्लेटों की जगह टिफिन बॉक्स और पुन: उपयोगी बर्तनों का उपयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि छोटे-छोटे बदलावों से भी हम पर्यावरण को बेहतर बना सकते हैं।

कविता पाठ और अन्य गतिविधियाँ:
कार्यक्रम के दौरान एंटोमोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सीताराम सीरवी ने पर्यावरण से संबंधित एक सुंदर कविता का पाठ किया, जो सभी उपस्थित लोगों का मनोरंजन भी बना और उन्हें जागरूक भी किया। उन्होंने कविता के माध्यम से पर्यावरण के विभिन्न पहलुओं और चुनौतियों पर प्रकाश डाला। इस मौके पर डॉ राजेश पांचाल, डॉ शिखर देसाई, डॉ कृष्णा पटेल, डॉ उमंग पटेल, शाहरुख खान, सुरेश कुमार, और अभिलाषा भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर छात्रों और शिक्षकों के बीच जागरूकता फैलाना था। डीन प्रो. (डॉ) वी आर पटेल और अन्य विशेषज्ञों ने जोर दिया कि पर्यावरण की सुरक्षा केवल सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि हर व्यक्ति के समर्पित प्रयासों से ही संभव हो सकती है। हमें अपने जीवन में छोटे-छोटे बदलाव लाकर पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

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