देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में 26 दिसंबर 2024 को निधन हो गया है. जिसके बाद कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार से मनमोहन सिंह की याद में मेमोरियल बनाने की मांग की है. जिसके बाद कांग्रेस की इस मांग को लेकर देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की आलोचना की है.
कांग्रेस ने मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए मांगी जमीन
दरअसल, खरगे ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मांग की है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए दिल्ली में जमीन आवंटित की जाए. कांग्रेस का कहना है कि डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार वाली जगह पर ही उनका स्मारक बनाया जाना चाहिए.
पूर्व राष्ट्रपति की बेटी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
इधर शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस की इस मांग को लेकर उसकी आलोचना की है. शमिष्ठा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट लिखकर दावा किया है कि, जब 2020 में उनके पिता और देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हुआ. तो कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस कार्य समिति द्वारा शोक सभा बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई. शर्मिष्ठा ने उस दौरान कांग्रेस नेतृत्व पर इस मुद्दे पर उन्हें गुमराह करने का भी आरोप लगाया है.
राष्ट्रपति के निधन पर CWC द्वारा शोक सभा बुलाने की परंपरा नहीं
शर्मिष्ठा के अनुसार कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने उनसे कहा था कि भारत के राष्ट्रपतियों के निधन पर पार्टी की सीडब्ल्यूसी द्वारा शोक सभा बुलाने की परंपरा नहीं रही है.शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस नेताओं के इस तर्क को भी गलत बताया और कहा कि, उन्हें अपने पिता की डायरियों से पता चला है कि एक और पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई थी. उस दौरान शोक संदेश का मसौदा खुद उनके पिता प्रणब मुखर्जी ने ही तैयार किया था. शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भाजपा के सीआर केसवन की एक पोस्ट का हवाला भी दिया, जिसमें बताया गया था कि कैसे कांग्रेस ने पार्टी के अन्य राजनेताओं की सिर्फ इसलिए उपेक्षा की थी क्योंकि वे गांधी परिवार के सदस्य नहीं थे.
इस मुद्दे पर 2004 से 2009 तक डॉ.सिंह के मीडिया सलाहकार और फाइनेंशियल एक्सप्रेस के पूर्व प्रधान संपादक डॉ.संजय बारू द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ के एक अध्याय का संदर्भ दिया गया था. इसमें कहा गया था कि , कैसे कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय पीवी नरसिम्हा राव के लिए दिल्ली में कभी स्मारक नहीं बनाया, जिनका 2004 में निधन हो गया था. पुस्तक में यह भी उल्लेख किया गया है कि 2004 से 2014 तक सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस ने कभी भी श्री राव के लिए कोई स्मारक नहीं बनाया.