Tuesday, December 24, 2024

Gandhi Vatika Dispute Jaipur: भजनलाल सरकार पर सियासी दबाव, अशोक गहलोत की धरने की चेतावनी के बाद बदला फैसला

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Gandhi Vatika Dispute Jaipur: राजस्थान की राजनीति में गाँधी के (Mahatma Gandhi) नाम पर एक बार फिर सियासत शुरु हो गई है। पिछली सरकार द्वारा जयपुर के सेंट्रल पार्क में बनाए गए गाँधी वाटिका पार्क (Gandhi Vatika Museum) को जनता के लिए न खोले जाने का पूर्व सीएम गहलोत (Ashok Gehlot) ने विरोध किया और सरकार को चेतावनी दी की वह 28 सितंबर को गाँधी समर्थकों के साथ धरना देंगे। गहलोत के इस ट्वीट ने वर्तमान भजनलाल सरकार (Rajasthan CM Bhajanlal Sharma) को घुटनों पर ला दिया है अब सीएम भजनलाल ने गाँधी वाटिका म्यूजियम को गाँधी जयंती 2 अक्टुबर के दिन जनता के लिए खोलने का फैसला किया है। 

ये है पूरा मामला

आपको बतादें, जयपुर के सेंट्रल पार्क में स्थित गांधी वाटिका म्यूजियम, जो एक साल पहले बनकर तैयार हुआ था, लेकिन अब तक आम जनता के लिए नहीं खुला है। लेकिन, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की धरने की चेतावनी के बाद राजस्थान सरकार ने इसे 2 अक्टूबर से खोलने का निर्णय लिया है। गहलोत का कहना था कि सरकार गांधीजी के नाम का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन उनके आदर्शों का पालन नहीं कर रही। इस मुद्दे पर गहलोत ने 28 सितंबर को धरना देने की चेतावनी दी थी, जिसके बाद भजनलाल शर्मा सरकार ने आनन-फानन में म्यूजियम के संचालन की घोषणा कर दी।

गांधी वाटिका म्यूजियम को बनाने में कितनी लागत आई


गांधी वाटिका, जो जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) द्वारा 85 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई थी, गांधीजी के जीवन और आदर्शों को दर्शाने के लिए स्थापित की गई है। यह तीन मंजिलों में फैला हुआ म्यूजियम गांधीजी के दक्षिण अफ्रीका प्रवास से लेकर भारत में उनके स्वतंत्रता संग्राम के योगदान तक की महत्वपूर्ण घटनाओं को प्रदर्शित करता है। इसके अलावा, यहां एक विशेष पुस्तकालय, सेमिनार हॉल और सम्मेलन कक्ष भी है, जो गांधीजी के विचारों और दर्शन पर आधारित हैं।

गहलोत का आरोप और सरकार की प्रतिक्रिया


पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि म्यूजियम का उद्घाटन पिछले साल किया गया था, लेकिन इसे जनता के लिए अभी तक नहीं खोला गया है। गहलोत ने 28 सितंबर को धरना देने की घोषणा की थी, जिसके बाद भजनलाल सरकार ने घोषणा की कि गांधी जयंती (2 अक्टूबर) से म्यूजियम का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

सरकार ने गांधी वाटिका के संचालन के लिए पर्यटन, कला और संस्कृति विभाग को जिम्मेदारी दी है। इसके तहत म्यूजियम में डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर गांधीजी के जीवन की यात्रा और उनके संघर्षों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके साथ ही, पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए गांधीजी के दर्शन पर आधारित फिल्में भी म्यूजियम में दिखाई जाएंगी।

पर्यटन विभाग ने लिया नया फैसला


राजस्थान सरकार ने गांधी वाटिका (Gandhi Vatika) के बेहतर प्रबंधन के लिए एक समिति के गठन का निर्णय भी लिया है। यह समिति म्यूजियम के नियमित संचालन के साथ-साथ गांधीजी के आदर्शों और मूल्यों के प्रचार-प्रसार पर ध्यान देगी। यह म्यूजियम न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण बनेगा, जहां वे गांधीजी के सत्य और अहिंसा के संदेशों से प्रेरणा ले सकेंगे।

पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग के सचिव रवि जैन ने बताया कि गांधीजी के जीवन को डिजिटल और नवीन तकनीकों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। म्यूजियम के विभिन्न हिस्सों में गांधीजी के जीवन से जुड़े प्रमुख घटनाक्रम जैसे कि अंग्रेजों का भारत आगमन, दक्षिण अफ्रीका में उनके संघर्ष और भारत में स्वतंत्रता संग्राम को शामिल किया गया है।

इस उद्देश्य से किया म्यूजियम का निर्माण


गांधी वाटिका को तीन मंजिलों में विभाजित किया गया है। पहले तल पर गांधीजी के दक्षिण अफ्रीका प्रवास और उनके संघर्षों को दर्शाया गया है। दूसरे तल पर भारत में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान गांधीजी की भूमिका और उनके नेतृत्व में हुए आंदोलनों को प्रदर्शित किया गया है। तीसरे तल पर गांधीजी के दर्शन और साहित्य को शामिल किया गया है, जिसमें गांधीवादी विचारकों के निर्देशन में एक पुस्तकालय और सम्मेलन कक्ष का निर्माण किया गया है।

भाजपा सरकार ने आनन-फानन में बदला फैसला


भजनलाल शर्मा सरकार ने गांधी वाटिका न्यास को निरस्त करने का निर्णय लिया था, जिसे कांग्रेस ने एक बड़ा मुद्दा बना दिया। सरकार का तर्क है कि म्यूजियम के संचालन में सुधार की जरूरत थी, ताकि गांधीजी के विचारों का प्रभावी और व्यापक प्रचार हो सके। इसके लिए पुरात्तव एवं संग्रहालय विभाग और पर्यटन विभाग के विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाएंगी, ताकि म्यूजियम का उत्कृष्ट प्रबंधन सुनिश्चित हो सके।

अशोक गहलोत ने ट्वीट कर दी धरने की चेतावनी


अशोक गहलोत ने सरकार पर दबाव डालने के लिए 28 सितंबर को जयपुर के सेंट्रल पार्क में धरना देने की घोषणा की थी। गहलोत का आरोप था कि भाजपा सरकार गांधीजी के आदर्शों का केवल दिखावे के लिए इस्तेमाल कर रही है, जबकि उनकी असली प्राथमिकताओं को नजरअंदाज कर रही है। गहलोत का कहना था कि अगर गांधीजी आज होते, तो वे गरीब और कमजोर वर्गों के लिए लड़ाई लड़ते, न कि म्यूजियम के लिए।

गांधी के नाम का सियासी इस्तेमाल


गांधी वाटिका म्यूजियम के खुलने के साथ अब यह देखना बाकी है कि क्या सरकार गांधीजी के आदर्शों का सही मायनों में पालन करती है या फिर यह कदम सिर्फ राजनीतिक दबाव का नतीजा है। इस विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या महात्मा गांधी के नाम का इस्तेमाल सियासत के लिए हो रहा है या उनके सिद्धांतों को वास्तव में अपनाया जा रहा है।

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