बाड़मेर जिले के हड़वा गांव में किसान बीते 23 दिन से धरने पर बैठे हैं. जमीन पर खंभे लगाने और बिजली के तार बिछाने के लिए उचित मुआवजे देने की मांग की जा रही है.वहीं शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने किसानों की मांग को समर्थन दिया.जिसके तहत निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने किसानों के साथ धरना स्थल से तहसील ऑफिस तक पैदल मार्च निकाला.जिसके बाद वहां मौजूद अधिकारी को दो-टूक कहा कि, किसानों का हक मारा नहीं जा सकता. जब तक किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिलेगा तब बिजली कंपनियां को कोई भी कार्य आगे नहीं बढ़ेगा.
दरअसल,शिव इलाके के हड़वा गांव के किसान 5 दिसंबर से धरने पर बैठे है. उनका कहना है कि, बिजली कंपनियां उचित मुआवजा नहीं देकर उनकी जमीनों पर खंभे लगाने और बिजली के तार बिछा रही है. इसको लेकर हमने प्रशासन को कई बार अवगत कराया,लेकिन हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देने के कारण हमें धरना देना पड़ा है.
किसानों को नहीं मिला उचित मुआवजा, बिजली कंपनी कर रही परेशान
बता दें कि शुक्रवार को हड़वा के धरना स्थल पर विधायक रविंद्र सिंह भाटी पहुंचे. उन्होंने किसानों से धरना स्थल पर बातचीत कर उनकी समस्याओं को सुना, की किस तरह किसानों को बिजली कंपनियों की ओर से उनकी ज़मीनों पर खंभे लगाने और बिजली की तारें बिछाने के लिए उचित मुआवज़ा न दिए जाने पर लगातार परेशान किया जा रहा था. इन कंपनियों ने प्रशासन के माध्यम से किसानों को “इलेक्ट्रिसिटी एक्ट” के तहत नोटिस भेजे थे, जिससे क्षेत्र के किसान आक्रोशित थे.इधर किसानों का स्पष्ट मत था कि, जब तक उनकी जमीन के लिए उचित मुआवज़ा नहीं मिलेगा, तब तक बिजली कंपनियों का कार्य नहीं चलने देंगे. किसानों ने यह मुद्दा जब विधायक रविन्द्र सिंह भाटी के समक्ष रखा,तो विधायक ने उनका साथ देने का निर्णय लिया.
किसानों के समर्थन में पैदल मार्च में विधायक का साथ
इससे पहले विधायक रविन्द्र सिंह भाटी किसानों के साथ पैदल मार्च करते हुए शिव मुख्यालय स्थित तहसील कार्यालय पहुंचे. जो यह दर्शा रहा था कि, किसानों का यह समर्थन केवल सांकेतिक नहीं था, बल्कि एक सशक्त संदेश था कि उनकी लड़ाई में विधायक उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं.
प्रशासन को दो-टूक
तहसील कार्यालय में विधायक भाटी ने स्पष्ट शब्दों में प्रशासन और बिजली कंपनियों को चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि, “किसानों का हक मारा नहीं जा सकता। जब तक किसानों को उनकी ज़मीन का उचित मुआवज़ा नहीं दिया जाता, तब तक बिजली कंपनियों का कोई भी कार्य आगे नहीं बढ़ेगा.प्रशासन को जनता के हितों के लिए काम करना चाहिए, न कि बिजली कंपनियों के वकील बनकर.” विधायक भाटी ने यह भी स्पष्ट किया कि न तो वे और न ही किसान विकास के खिलाफ है. लेकिन विकास के नाम पर किसानों का हक मारना गलत है. तहसीलदार को विधायक ने कहा कि आप इन नोटिस के जरिए किसानों को डराने का काम मत करों,किसानों के हितों का ध्यान रखा जाए. यहां के स्थानीय निवासी आपके और हमारे के लिए आदरणीय है. इन्हें किसी कंपनी या किसी के कहने के पर डराने या धमकाना नहीं चाहिए. सभी चाहते है कि क्षेत्र में विकास हो, यहां के किसान भी विकास के लिए तैयार है. वे प्रशासन के साथ है, लेकिन उन्हें धमका या डरा कर काम नहीं किया जाए. किसानों को उनके हक का उचित मुआवजा मिलना चाहिए. जिसके बाद बिजली कंपनी और प्रशासन को वे अपना काम करने देंगे. साथ ही प्रशासन द्वारा जनता या किसानों को डराने और धमकाने के आगे से प्रयास नहीं किया जाए, इसका भी ध्यान रखना जिम्मेदारी है.