Monday, December 23, 2024

इंटरनेट को मानवाधिकार मानने पर भारत में अब तक क्यों नहीं हुआ असेसमेंट? – Dr. D P Sharma

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आदिस अबाबा। इंटरनेट को मानवाधिकार के रूप में मान्यता देते हुए यूनेस्को (UNESCO) के रोमैक्स फ्रेमवर्क के अनुसार भारत में अभी तक इंटरनेट की पहुंच का असेसमेंट नहीं हुआ है। यह बयान अंतरराष्ट्रीय डिजिटल डिप्लोमेट और कंप्यूटर साइंटिस्ट डॉ डीपी शर्मा ने इंटरनेट गवर्नेंस फॉरम के 13वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दिया।

यह सम्मेलन इथियोपिया की राजधानी आदिस अबाबा में यूनाइटेड नेशंस इकोनॉमिक कमीशन (United Nations Economic Commission) के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित किया गया, जहां इंटरनेट से जुड़े मुद्दों, चुनौतियों और मानवाधिकार के पहलुओं पर चर्चा हुई।

डॉ शर्मा ने बताया कि यूनेस्को ने रोमैक्स फ्रेमवर्क में इंटरनेट सार्वभौमिकता संकेतकों को 109 से बढ़ाकर 300 कर दिया है। 40 से अधिक देशों ने इस फ्रेमवर्क के आधार पर इंटरनेट की पहुंच का मूल्यांकन पूरा कर लिया है, जबकि 35 देश अभी इस प्रक्रिया में हैं। उन्होंने अफसोस जताया कि भारत जैसे विशाल डिजिटल देश में अभी तक इस मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है।

ट्यूनीशिया एजेंडा 2005 और इंटरनेट गवर्नेंस फॉरम
डॉ शर्मा ने ट्यूनीशिया एजेंडा 2005 का उल्लेख करते हुए कहा कि इंटरनेट गवर्नेंस फॉरम में इंटरनेट की लोकतांत्रिकता, विश्वसनीयता, सुरक्षा और गोपनीयता पर नीति निर्माण के लिए साक्ष्य-आधारित अनुशंसाएं की गई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि एसडीजी (SDG) को प्राप्त करने और समावेशी डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का उपयोग किया जा रहा है।

भारत में असेसमेंट पर सुझाव
डॉ शर्मा ने कहा कि इंटरनेट की पहुंच का मूल्यांकन करने के लिए आईयूआई फ्रेमवर्क का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन इसकी क्वालिटी और विश्वसनीयता पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को जनगणना प्रक्रिया में रोमैक्स डेटा संग्रह रणनीति को शामिल करना चाहिए। इससे कम खर्चे में अधिक विश्वसनीय डेटा एकत्र कर असेसमेंट किया जा सकेगा।

सम्मेलन में वैश्विक भागीदारी
इस सम्मेलन में 37 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और इंटरनेट की सुरक्षा, उपयोगिता और मानवाधिकारों को लेकर विस्तृत चर्चा की। डॉ शर्मा ने सुझाव दिया कि संयुक्त राष्ट्र को असेसमेंट फ्रेमवर्क के साथ एक विश्वसनीयता फ्रेमवर्क भी तैयार करना चाहिए ताकि इंटरनेट उपयोग के संकेतकों की सटीकता सुनिश्चित की जा सके।

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