तेहरान: ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के सलाहकार कमाल खर्राज़ी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर ईरान को अपने अस्तित्व पर खतरा महसूस हुआ, तो देश के परमाणु सिद्धांत में बदलाव संभव है। खर्राज़ी ने अल-मयादीन ब्रॉडकास्टर से बात करते हुए स्पष्ट किया कि ईरान के पास परमाणु हथियार बनाने की तकनीकी क्षमताएं हैं, लेकिन वर्तमान में खामेनेई के फतवे के कारण ऐसा नहीं हो रहा है।
खामेनेई ने 2000 के दशक की शुरुआत में परमाणु हथियारों के विकास पर रोक लगाई थी और 2019 में इस पर दोहराते हुए कहा था कि “परमाणु बम बनाना और उसे जमा करना गलत है और इसका उपयोग हराम है।” इसके बावजूद, पिछले वर्षों में ईरानी अधिकारियों ने बार-बार अपने परमाणु सिद्धांत को बदलने की धमकी दी है। खर्राज़ी ने यह भी कहा कि ईरान सही समय पर इज़रायल के हमलों का जवाब देगा और अपने बैलिस्टिक मिसाइलों की रेंज बढ़ा सकता है।
इजरायल द्वारा लेबनान पर हवाई हमले
इस बीच, इजरायल द्वारा लेबनान के पूर्वोत्तर हिस्से पर किए गए हवाई हमलों में मारे गए लोगों की संख्या 24 हो गई है। यह हमले पिछले महीने इजरायल और लेबनानी चरमपंथी समूह हिजबुल्लाह के बीच बढ़ते संघर्ष के बाद से हुए हैं। इजरायल की सेना का कहना है कि उनका अभियान हिजबुल्लाह की सैन्य अवसंरचना को ध्वस्त करने पर केंद्रित है।
लेबनान की सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि विभिन्न गांवों में चार हवाई हमले किए गए, और बचाव दल अभी भी बेका घाटी के एक कस्बे में मलबे से जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे हैं। बालबेक-हर्मेल क्षेत्र के लेबनानी सांसद हुसैन हज हसन ने कहा कि इजरायली बमबारी के कारण करीब 60,000 लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा चुके हैं।
संभावित संकट
ईरान के परमाणु कार्यक्रम में बदलाव की संभावना और इजरायल के हमलों के चलते क्षेत्र में तनाव और बढ़ता जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, क्योंकि ये घटनाएं मध्य पूर्व की स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती हैं।