Home राजनीति Jharkhand Election 2024: मुफ्त रेवड़ियों की जंग, किसकी होगी जीत?

Jharkhand Election 2024: मुफ्त रेवड़ियों की जंग, किसकी होगी जीत?

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रांची । झारखंड विधानसभा चुनाव के मैदान में मुफ्त सुविधाओं की घोषणाओं का दौर अपने चरम पर है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के बीच वादों की होड़ लगी हुई है। चुनावी मैदान इस बार रियायतों और मुफ्त सेवाओं के वादों पर सिमट गया है, जिससे जनता को लुभाने की हर संभव कोशिश की जा रही है।

महिलाओं को लुभाने की होड़

सीएम हेमंत सोरेन ने महिलाओं के लिए “मैयां सम्मान योजना” लॉन्च कर हर महीने 1,000 रुपये की मदद शुरू की थी, जो दिसंबर से बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दी जाएगी। भाजपा ने इसके जवाब में “गोगो दीदी योजना” का वादा किया है, जिसमें हर महीने 2,100 रुपये देने की घोषणा की गई है। भाजपा पहले ही महिलाओं से लाभुक बनने के लिए फार्म भरवा रही है।

बिजली के मोर्चे पर मुकाबला

बिजली की मुफ्त सुविधा को लेकर भी दोनों गठबंधनों में होड़ मची है। हेमंत सोरेन ने 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा की, तो भाजपा ने इसे बढ़ाकर 300 यूनिट करने का वादा किया है। राज्य सरकार ने पहले ही 39.44 लाख उपभोक्ताओं का 3,584 करोड़ रुपये का बिजली बिल माफ कर दिया है, जबकि बिजली कंपनियों का बकाया भुगतान अभी भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।

बेरोजगारी भत्ता और रोजगार

बेरोजगारी भत्ते को लेकर भी दोनों पार्टियां आमने-सामने हैं। भाजपा ने ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट बेरोजगारों को हर महीने 2,000 रुपये भत्ता देने का वादा किया है और पांच साल में पांच लाख रोजगार देने की घोषणा की है। हेमंत सोरेन सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए भाजपा ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है।

समान वादों की जंग

दोनों गठबंधनों के घोषणापत्रों में कई वादे समान दिख रहे हैं। भाजपा ने पीएम आवास योजना के तहत 21 लाख आवास देने का वादा किया है, जबकि इंडिया ब्लॉक ने पांच साल में एक लाख “अबुआ आवास” देने की बात कही है। गैस सिलिंडर के दामों पर भी होड़ मची है। भाजपा ने 500 रुपये में सिलिंडर और साल में दो मुफ्त सिलिंडर देने का वादा किया है, जबकि इंडिया ब्लॉक भी 500 रुपये में सिलिंडर देने की योजना बना रहा है।

झारखंड का चुनावी मैदान अब पूरी तरह से मुफ्त रेवड़ियों की इस जंग में बदल गया है। किसे चुनावी फायदा मिलेगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन जनता के बीच मुफ्त सुविधाओं की चर्चा जोरों पर है।

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