Wednesday, December 25, 2024

JJM घोटाले में अब CBI की एंट्री, 900 करोड़ के घोटाले की करेगी जांच, “बड़ी मछलियां” पकड़ से दूर

Must read

जयपुर राजस्थान में जल जीवन मिशन में हुए करीब 900 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच अब सीबीआई करेगी. सीबीआई ने राज्य व केंद्र सरकार की सिफारिश तथा एक शिकायत के बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. एसीबी व ईडी इस मामले में पहले से जांच कर रहे हैं, लेकिन अब सीबीआई की एंट्री के बार लगता है कि इस बार घोटाले की बड़ी मछलियां फसेंगी. देखिए यह रिपोर्ट.

प्रदेश में हुए 900 करोड़ के जलजीवन मिशन घोटाले में अब सीबीआई की एंट्री हो गई है. सीबीआई ने जलदाय विभाग के एक्सईएन विशाल सक्सेना, श्रीश्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमंचद जैन, श्रीगणपति ट्यूबवेल कंपनी शाहपुरा के प्रोपराइटर महेश मित्तल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. साथ ही सीबीआई ने एफआईआर में अज्ञात सरकारी एवं गैर सरकारी लोगों को भी शामिल माना है. सीबीआई के सब इंसपेक्टर योगेश कुमार ने एक शिकायत के आधार पर प्रारंभिक जांच करके एक फरवरी 2024 को सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने की शिकायत दी. वहीं राजस्थान सरकार के गृह विभाग ने 18 मार्च को तथा केंद्र सरकार ने 22 अप्रैल को इस मामले में सीबीआई को पत्र लिखा. इसके बाद सीबीआई ने तीन मई को एफआईआर दर्ज कर ली. सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120 बी, 167, 419, 420, 471 के तहत आपराधिक षडयंत्र रचने, धोखाधड़ी, चीटिंग, षडयंत्र पूर्वक फर्जी कागजात बनवाने के आरोप तय किए है. सीबीआई ने इंसपेक्टर मुकेश बंसल को इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा सौंपा है. जांच के दौरान सीबीआई के अधिकारी पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी, एसीएस सुबोध अग्रवाल, जलदाय विभाग के चीफ इंजीनियर सहित अन्य अधिकारियों, ठेकेदारों व महेश जोशी के नजदीकियों से फिर से पूछताछ कर सकती है.

जल जीवन मिशन घोटाले में अब सीबीआई की एंट्री
900 करोड़ रुपए के घोटाले में सीबीआई ने FIR दर्ज की
रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (विजिलेंस) अनिश प्रसाद ने 2 अगस्त 2023 को शिकायत की
सीबीआई के सब इंसपेक्टर योगेश कुमार शक्या ने शिकायत की जांच की
शुरुआती जांच के बाद योगेश ने सीबीआई में 1 फरवरी 2014 को कंपलेन दर्ज कराई
राजस्थान सरकार को गृह विभाग ने 18 मार्च को सीबीआई को पत्र लिखा
केंद्र सरकार ने 22 अप्रैल को इस बारे में नोटिफिकेश जारी किया
सीबीआई ने 3 मई को जल जीवन मिशन मामले में मामला दर्ज किया
आईपीसी की धारा 120 बी, 167, 419, 420, 471 के तहत मामला दर्ज
सीबीआई ने इंसपेक्टर मुकेश बंसल मामले की जांच करेंगे
पूर्व मंत्री महेश जोशी व ACS सुबोध अग्रवाल से फिर हो सकती पूछताछ
जलदाय विभाग के अधिकारियों व ठेकेदारों से भी होगी CBI की पूछताछ

अब आईये आपको एक बार फिर इस घोटाले की पूरी जानकारी देते है. मौजूदा सरकार में मंत्री किरोड़ीलाल मीना ने पूर्ववर्ती सरकार के समय जल जीवन मिशन घोटाले को उजागर किया था. आरोप था कि जल जीवन मिशन में ज्यादा काम लेने व घटिया मटेरियल लगाकर अधिक कमाई के लिए श्री गणपति ट्यूबेल कंपनी और श्री श्याम ट्रेवल कंपनी ने इस्कॉन के फर्जी एक्सपीरियंस प्रमाण पत्र लगाकर 900 करोड़ रुपये काम हासिल किए थे. जलदाय विभाग की जांच में भी पाया गया कि जो एक्सपीरियंस प्रमाण पत्र लगाकर ठेके लिए गए, वे प्रमाण पत्र फर्जी थे. इस बीच एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक्स ईएन माया लाल सैनी और जयंत प्रदीप कुमार को पद्म चंद जैन से 2 लाख 20 हजार की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया था. तब पता लगा कि अधिकारियों की मिलीभगत से गलत भुगतान भी किया जा रहा था. इस मामले में ईडी ने मामला दर्ज किया और 2023 सितंबर में जयपुर और अलवर में 9 जगह छापे मारे थे. महेश मित्तल, प्रॉपर्टी कारोबारी संजय बडाया, कल्याण सिंह कविया, विशाल सक्सेना, माया लाल सैनी, पद्म चंद जैन, तहसीलदार सुरेश शर्मा और अमिताभ कौशिक के यहां सर्च में 2.50 लाख नगद, एक किलो सोने की ईंट और करोड़ों की प्रॉपर्टी के कागजात और कुछ अधिकारियों के रिश्तेदारों के नाम से लेन देन के कागजात मिले थे. ईडी ने इसके बाद पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी व एसीएस सुबोध अग्रवाल के यहां भी छापे मारे थे. इस मामले में ईडी ने महेश जोशी को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन महेश जोशी पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए.

एसीबी ने अपनी कार्रवाई में पदम जैन को गिरफ्तार किया था, लेकिन उनके साले व श्रीगणपति ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर महेश मित्तल को आज तक नहीं पकड़ सकी. पदम जैन के बेटे को भी ईडी ने गिरफ्तार किया, लेकिन पदम जैन व महेश मित्तल ईडी की पकड़ से भी बाहर रहे. आरोप है कि फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों से 40 पेयजल प्रोजेक्ट व स्कीमों के कार्य बांटे गए हैं. जयपुर रीजन -प्रथम व जयपुर रीजन-द्वितीय, नागौर प्रोजेक्ट के साथ ही दूसरे रीजन व प्रोजेक्ट विंग द्वारा 2000 करोड़ के काम फर्जी प्रमाण पत्रों से दिए गए हैं. जलदाय विभाग ने कार्रवाई के नाम पर दोनों फर्मों को ब्लैक लिस्ट कर दिया था और केवल जगतपुरा प्रोजेक्ट में लगे प्रमाण पत्रों की जांच करने वाले एक्सईएन विशाल सक्सेना को सस्पेंड कर दिया था. जबकि एसीबी को दूदू, सांभर, कोटपूतली, सीकर, उदयपुर, महुआ, अलवर, दौसा में जल जीवन मिशन के टेंडरों व वहां हुए फर्जी भुगतान की जानकारी मिली थी. एक एक्सईन के अलावा जलदाय विभाग ने आज तक किसी अफसर पर कार्रवाई नहीं की. पिछले कुछ दिनों से लग रहा था कि इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है, लेकिन सीबीआई की एंट्री के बाद अब उम्मीद कि घोटालेबाजों पर कार्रवाई होगी और बड़ी मछलियां भी पकड़ में आएगी. जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने सीबीआई की एंट्री के बाद बयान जारी करके कहा कि कहा – मोदी जी हर घर नल पहुंचा कर राजस्थान को राहत देना चाहते थे, लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार ने JJM जैसी योजना तक को अपने दानवी लालच में नहीं बख्शा था! घोटाले की हद पार हो गई थी, जहां जिन पैसों से गांव और गरीब के घर नल से जल दिया जाना था, वहां लॉकरों से नकदी व सोने की बरसात हो रही थी, लेकिन अब इस मामले में ईडी-एसीबी के बाद सीबीआई ने भी केस दर्ज कर लिया है. कन्हैयालाल ने कहा कि प्रदेश की जनता के हक अधिकार को लूटने वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की लूट और भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही तय है. प्रदेश की भजनलाल सरकार में अब भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों की कोई जगह नहीं है.

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article