जोधपुर: बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। यह निर्णय बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद लॉरेंस बिश्नोई से जुड़े विवादों के चलते लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, सलमान ने मुंबई में आर्म्स लाइसेंस के लिए आवेदन किया है, जिसे बिश्नोई समाज ने सख्त आपत्ति जताते हुए जोधपुर के जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा है।
बिश्नोई समाज का कहना है कि सलमान खान के खिलाफ राजस्थान हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में हिरण शिकार और आर्म्स एक्ट से जुड़े चार मामले अभी भी लंबित हैं। बिश्नोई टाइगर फोर्स के अध्यक्ष रामपाल भवाद ने इसे वन्यजीव न्याय का उल्लंघन बताते हुए कहा कि सलमान के मामलों का शीघ्र निस्तारण होना चाहिए। उन्होंने कहा, “सलमान खान पर विचाराधीन मामलों के चलते उन्हें आर्म्स लाइसेंस देना गलत है।”
कानून के खिलाफ फैसला?
बिश्नोई समाज के नेता परसराम ने भी इस मुद्दे पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा, “किसी भी अपराधी को हथियार का लाइसेंस देना कानून के खिलाफ है। ऐसा करने से हर किसी को लाइसेंस बांटने का रास्ता खुल जाएगा।”
सलमान खान और बिश्नोई समाज के बीच तनातनी का इतिहास 1998 से चला आ रहा है, जब फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान उन पर काले हिरण और चिंकारा के शिकार का आरोप लगा था। बिश्नोई समाज इस मामले में सलमान से लगातार माफी मांगने की गुजारिश कर रहा है।
सलमान के पिता का बयान
सलमान खान के पिता सलीम खान ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उनके बेटे ने किसी को नहीं मारा है। उन्होंने इस मुद्दे पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की एंट्री को विवाद को और बढ़ाने वाला बताया। उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में सलमान खान लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के निशाने पर रहे हैं, और उनके मुंबई स्थित घर पर गोली चलाने की भी घटना हुई है।
निष्कर्ष
इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि सलमान खान की सुरक्षा बढ़ाने के कदम उठाए जा रहे हैं, जबकि बिश्नोई समाज उनके खिलाफ चल रहे मामलों के चलते आर्म्स लाइसेंस देने के निर्णय को उचित नहीं मानता। सलमान के खिलाफ मामले और उनके सुरक्षा मुद्दे, दोनों ही अब चर्चा का विषय बन गए हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का आगे क्या मोड़ आता है।