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नरेंद्र मोदी और मैक्रो की दोस्ती देख दुनिया दंग, AI के लिए भारत को चुना पार्टनर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय फ्रांस की यात्रा पर है। नरेंद्र मोदी का फ्रांस का दो दिनों का दौरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंच चुके है। यहां उनका राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रो ने जमकर स्वागत किया है। मैक्रो पीएम मोदी के सम्मान में डिनर का आयोजन भी कर चुके है। बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रो के नेतृत्व में एआई समिट का आयोजन किया जाएगा। इस समिट की अध्यक्षता के लिए पीएम मोदी को आमंत्रित किया गया है। इमैनुएल मैक्रों का कहना है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर एआई के क्षेत्र में आगे काम करना चाहते हैं।

वैश्विक स्तर पर मोदी और उनका एआई को लेकर एजेंडा एक समान ही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पेरिस में एआई शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता किए जाने से पहले आयोजित स्वागत रात्रिभोज में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गले लगाकर उनका स्वागत किया। मोदी ने सोमवार को ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘पेरिस में अपने मित्र राष्ट्रपति मैक्रों से मिलकर प्रसन्नता हुई।’’ रात्रिभोज में प्रधानमंत्री ने अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस से भी मुलाकात की। वेंस भी एआई शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए फ्रांस में हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक पोस्ट में कहा, ‘‘पेरिस में एक यादगार स्वागत! ठंड के मौसम के बावजूद भारतीय समुदाय ने आज शाम अपना स्नेह दिखाया। हम अपने प्रवासी समुदाय के प्रति आभारी हैं और उनकी उपलब्धियों पर गर्व करते हैं!’’ मोदी ने फ्रांस के लिए रवाना होने से पहले अपने वक्तव्य में कहा, ‘‘मैं एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करने के लिए उत्सुक हूं, जो विश्व के नेताओं और वैश्विक प्रौद्योगिकी सीईओ का सम्मेलन है, जहां हम समावेशी, सुरक्षित और भरोसेमंद तरीके से नवाचार एवं व्यापक सार्वजनिक कल्याण के लिए एआई प्रौद्योगिकी के प्रति सहयोगात्मक दृष्टिकोण पर विचार साझा करेंगे

एल्विश यादव को नहीं दी गई कोई सुरक्षा, एल्विश यादव और पूर्व मंत्री के बेटे के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई-जयपुर पुलिस कमिश्नर

पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने मंगलवार सुबह जनसुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि राजस्थान पुलिस की ओर से यूट्यूबर एल्विश यादव को कोई सुरक्षा नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि यह वीडियो पुराना है और इसे तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। पुलिस कमिश्नर ने इसे एक प्रोपेगेंडा करार देते हुए कहा कि इसकी जांच की जा रही है। साथ ही वीडियो वायरल करने वाले दोनों व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस का बयान – जानबूझकर भ्रम फैलाया गया
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, एल्विश ने जानबूझकर पुलिस की गाड़ी के पीछे अपनी कार चलाकर यह वीडियो बनाया, जिससे ऐसा लगे कि उन्हें एस्कॉर्ट किया जा रहा है। एडिशनल कमिश्नर रामेश्वर सिंह ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को आधिकारिक पुलिस सुरक्षा दी जाती है, तो उसके लिए विशेष अनुमति होती है और स्पेशल एस्कॉर्ट गाड़ी लगाई जाती है, न कि 112 नंबर की गाड़ियां।

कैसे शुरू हुआ विवाद?
यूट्यूबर एल्विश यादव 8 फरवरी को जयपुर में एक गाने की रिकॉर्डिंग के लिए आए थे। इस दौरान उन्होंने व्लॉग बनाया, जिसे 10 फरवरी को उनके यूट्यूब चैनल ‘एल्विश यादव व्लॉग्स’ पर अपलोड किया गया। इस वीडियो में एल्विश की कार के आगे और पीछे पुलिस की चेतक और 112 नंबर की गाड़ियां चलती हुई नजर आईं, जिससे ऐसा लगा कि उन्हें पुलिस सुरक्षा दी जा रही है। हालांकि, पुलिस ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है।

कानूनी कार्रवाई होगी
पुलिस ने कहा कि इस वीडियो के जरिए राजस्थान पुलिस की छवि खराब करने की कोशिश की गई है। एल्विश यादव और उनके साथ मौजूद पूर्व मंत्री के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। वीडियो की जांच जारी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने स्पष्ट किया कि राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर गलत जानकारी फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी

अवैध शराब तस्करी के विरूद्ध उदयपुर में खेरवाड़ा थाना पुलिस की बड़ी कार्रवाईहरियाणा निर्मित अंग्रेजी शराब के 225 कार्टून कन्टेनर सहित जब्त, एक अभियुक्त गिरफ्तारप्लास्टिक के दानों की आड़ में अवैध शराब तस्करी कर अहमदाबाद ले जा रहा था1200 किलोमीटर की दूरी तय कर गुजरात बॉर्डर तक पहुंच गया था आरोपी

जयपुर 11 फरवरी। अवैध शराब की तस्करी के विरूद्ध उदयपुर जिले की खेरवाड़ा थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई कर एक ट्रक कंटेनर से हरियाणा निर्मित अंग्रेजी शराब के 225 कार्टून जब्त किये है। गिरफ्तार अभियुक्त नसरुदीन उर्फ वकील पुत्र हारुन खान निवासी मैंदापुर थाना फिरोजपुर जिला नूह हरियाणा प्लास्टिक के दानों की आड़ में अवैध शराब तस्करी कर अहमदाबाद ले जा रहा था। आरोपी 1200 किलोमीटर की दूरी तय कर लगभग गुजरात बॉर्डर तक पहुंच गया था, लेकिन सजग उदयपुर पुलिस ने धर लिया।

उदयपुर पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल द्वारा अवैध शराब के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजना सुखवाल व सीओ राजीव राहर के सुपरविजन में एसएचओ दलपत सिंह राठौड मय टीम द्वारा मुखबीर की सूचना पर नेशनल हाईवे 48 पर हरियाणा नंबर के एक कन्टेनर को रूकवाया गया।

कन्टेनर चालक से नाम पता पूछा तो उसने अपना नाम नजरूदीन उर्फ वकील निवासी नूह हरियाणा होना बता कण्टेनर में प्लास्टिक के दानों के कट्टे भरे होना बताया। संदिग्ध लगने पर चैक किया तो प्लास्टिक के कट्टे में प्लास्टिक के दाने भरे थे। जिनकी आड में अंग्रेजी शराब के कार्टून छुपाए हुये थे। जिनकी गिनती करने पर हरियाणा निर्मित अवैध अंग्रेजी शराब के कुल 225 कार्टून पाये गये।

आबकारी अधिनियम का अपराध पाया जाने से अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया व अवैध अंग्रेजी शराब व कन्टेनर को भी जब्त कर अग्रिम अनुसंधान जारी है। आरोपी अंग्रेजी शराब को पंजाब हरियाणा से गुजरात अहमदाबाद की तरफ ले जाया जा रहा था। जब्त शराब का बाजार मुल्य करीब 15 लाख रूपये एवं वाहन की कीमत करीब 55 लाख रूपये है। थाना पुलिस द्वारा पंजाब हरियाणा से करीब 1200 किमी पार कर चुके एवं गुजरात में प्रवेश से कुछ पहले ही करीब 70 लाख रूपये माल व ट्रक को आबकारी अधिनियम में जब्त किया गया।

कार्रवाई करने वाली टीम में एसएचओ दलपत सिंह के साथ एएसआई राकेश मेहता, हेड कांस्टेबल राकेश, दानवीर सिंह, कांस्टेबल मनिंदर, भंवर सिंह व भरत शामिल थे।

किराए के मकान में मिली 7 पिस्तौल और 280 कारतूस, हरियाणा-झुंझुनूं के बदमाश फरार

जयपुर पुलिस को मुहाना इलाके में बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने विष्णु विहार कॉलोनी में एक बंद पड़े मकान में सर्च ऑपरेशन के दौरान 7 पिस्तौल और 280 कारतूस बरामद किए। यह मकान हरियाणा और झुंझुनूं के रहने वाले दो बदमाशों ने खुद को स्टूडेंट बताकर किराए पर लिया था। पुलिस अब इन फरार बदमाशों की तलाश में जुटी हुई है।

मुहाना थाना प्रभारी उदय सिंह के अनुसार, मकान मालिक ने पुलिस को बताया कि दिसंबर 2024 में हरियाणा के भिवानी निवासी प्रशांत कुमार और झुंझुनूं के चिड़ावा निवासी अनिल कुमार जाट ने मकान किराए पर लिया था। दोनों ने जयपुर में पढ़ाई और कार बाजार का काम करने का बहाना बनाया और मकान मालिक का विश्वास जीतने के लिए आईडी कार्ड और किरायानामा एग्रीमेंट भी बनवाया।

प्रारंभिक जांच में सामने आया कि दोनों आरोपी एक संगठित गिरोह के सदस्य हैं और अवैध हथियारों की सप्लाई करते हैं। जयपुर पुलिस ने हरियाणा और झुंझुनूं पुलिस से इनके आपराधिक रिकॉर्ड मंगवाए हैं। फरार बदमाशों की तलाश के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है और संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।

SHO उदय सिंह ने बताया कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और हथियारों की सप्लाई चेन का खुलासा किया जाएगा। जयपुर में हाल के दिनों में अवैध हथियारों की तस्करी के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है, जिसे लेकर पुलिस सतर्कता बरत रही है। इस कार्रवाई से शहर में एक बड़ी आपराधिक साजिश नाकाम हो गई है।

हिस्ट्रीशीटर की करोड़ों की संपत्ति जब्त होने के 24 घंटे के भीतर ही हुई सड़क हादसे में मौत

बाड़मेर: करोड़ों की संपत्ति जब्त होने के 24 घंटे के भीतर हिस्ट्रीशीटर की सड़क हादसे में मौत

राजस्थान के बाड़मेर में पुलिस की बड़ी कार्रवाई के तहत इलाके के कुख्यात तस्कर विरधाराम की करोड़ों की संपत्ति जब्त करने के 24 घंटे के भीतर ही उसकी सड़क हादसे में मौत हो गई। सदर थाना पुलिस ने सोमवार को हिस्ट्रीशीटर विरधाराम के घर पर छापा मारकर करीब तीन करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त की थी, जिसमें एक आलीशान बंगला, एसयूवी कार और तीन लग्जरी बसें शामिल थीं। पुलिस के मुताबिक, विरधाराम बाड़मेर जिले के गाला बेरी गांव का रहने वाला था और अवैध मादक पदार्थ तस्करी के कई मामलों में आरोपी था। वह फिलहाल जमानत पर बाहर था और उसके खिलाफ सदर कोतवाली, बायतु समेत प्रदेश के कई थानों में 10 से अधिक मामले दर्ज थे। पुलिस ने जब सोमवार को उसके घर पर NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई की, तब वह घर पर मौजूद नहीं था।

जब्ती के बाद, मंगलवार सुबह उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास उसकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें उसकी मौके पर ही मौत हो गई और उसके कुछ साथी गंभीर रूप से घायल हो गए। जानकारी के मुताबिक, विरधाराम पिछले कुछ दिनों से पुलिस कार्रवाई और अपने व्यवसाय में मंदी को लेकर तनाव में था। उसे किसी ने सुझाव दिया था कि उसके जीवन में आ रही मुश्किलों का कारण पूर्वजों की अतृप्त आत्माएं हो सकती हैं, इसलिए उसे बिहार के गया जी में तर्पण करना चाहिए। इसी कारण वह अपने रिश्तेदारों के साथ सोमवार शाम गया जी के लिए रवाना हुआ था, लेकिन कानपुर के पास उसकी स्विफ्ट कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें उसकी मौत हो गई।

हालांकि, इस घटना को लेकर पुलिस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन सोशल मीडिया पर एक दुर्घटनाग्रस्त कार और एक मृत व्यक्ति की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिन्हें विरधाराम का बताया जा रहा है। अब पुलिस यह जांच कर रही है कि यह हादसा महज संयोग था या इसके पीछे किसी बड़ी साजिश की आशंका है। इलाके में इस घटनाक्रम को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं और पुलिस की अगली कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।

मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना की अंतिम तिथि बढ़ाई, अब 15 फरवरी तक कर सकेंगे आवेदनजयपुर, 10 फरवरी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री अविनाश गहलोत के निर्देश पर विभाग ने मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना में ऑनलाइन आवेदन की तिथि को बढ़ाकर 15 फरवरी कर दिया है।

मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के तहत विभिन्न प्रोफेशनल कोर्स के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षाओं एवं सरकारी नौकरियों के लिए आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी उत्कृष्ट ढंग से कराने एवं समान अवसर प्रदान करने के लिए विभाग द्वारा ऑनलाईन पोर्टल पर सूचीबद्ध कोचिंग संस्थानों में निःशुल्क कोचिंग करने हेतु इच्छुक अभ्यर्थियों से वर्ष 2024-25 के लिए ऑनलाइन आवेदन किये जाने की तिथि पूर्व में 1 से 10 फरवरी 2025 निर्धारित की गई थी।

निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग श्री बचनेश अग्रवाल ने बताया कि इच्छुक अभ्यर्थी निःशुल्क कोचिंग करने के लिए ऑनलाइन आवेदन किये जाने की पूर्व में निर्धारित अंतिम तिथि को 15 फरवरी 2025 तक बढ़ा दिया गया है।

श्री अग्रवाल ने बताया कि इच्छुक अभ्यर्थी अपना आवेदन SSO Portal (https://sso.rajasthan.gov.in) पर लॉग-इन कर CM Anuprati Coaching आइकन के माध्यम से 15 फरवरी 2025 तक विभाग को ऑनलाइन किये जा सकते हैं

गैस सिलेंडर पर सब्सिडी नही , जनता किससेमांगे अपनी सब्सिडी मांगे अपनी केवल जुमले सुनाने में व्यस्त है सीएम

Rajasthan News: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर जुबानी हमला करते हुए सरकार को ही कटघरे में घेरने की कोशिश की हैं। उन्होंने सरकार के ही घोषणाओं पर सवालिया निशान उठा दिया हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने सस्ते गैस सिलेंडर का वादा तो किया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया।
गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा, राजस्थान में ‘मोदी की गारंटी और गरीबों की हालत खराब। आज से दो साल पहले मैंने बजट भाषण में उज्ज्वला योजना और BPL परिवारों की महिलाओं को 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने की घोषणा की थी, और इसका क्रियान्वयन कर 500 रुपये में सिलेंडर देने की व्यवस्था की थी।
गहलोत ने आगे कहा कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि वे सरकार में आने पर 450 रुपये में गैस सिलेंडर देंगे, लेकिन अब अखबारों की सुर्खियों से सामने आया है कि अक्टूबर और नवंबर 2024 में लिए गए गैस सिलेंडरों पर सब्सिडी नहीं दी गई।
गहलोत ने आरोप लगाया कि राजस्थान की गरीब जनता भाजपा के झांसे में आकर महंगे सिलेंडर खरीदने को मजबूर हो रही है, जबकि मुख्यमंत्री हवा-हवाई जुमलों में व्यस्त हैं और ज़रूरी मुद्दों पर बात नहीं कर रहे। मुख्यमंत्री को आम जनता की पीड़ा समझनी चाहिए जनता ने उन्हें अपना समर्थन देकर सत्ता दी हैं अगर ये सत्ता के माध में आकर जनता के काम नहीं करेंगे तो जनता को सबका सिखानाआता हैं

पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह जसोल को भारत रत्न देने की मांग उठी

Rajasthan News: पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह जसोल को भारत रत्न देने की मांग उठी है। राजस्थान विधानसभा में ये बात उठाई गई हैं ।शिव विधायक रविंद्र भाटी ने इस संबंध में विधानसभा के सचिव को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि इन दिवंगत नेताओं के नाम भारत रत्न के लिए केंद्र सरकार को अनुशंसित किए जाएं।
विधानसभा नियम 131 के तहत मुख्य सचिव राजस्थान विधानसभा को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के लिए समय देने के लिए लिखे पत्र में विधायक रविन्द्र भाटी ने कहा कि स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत और स्वर्गीय जसवंत सिंह जसोल का जीवन राष्ट्र सेवा, जनकल्याण और भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने के प्रति पूर्णतः समर्पित रहा है. इन दोनों महान विभूतियों ने अपने कृतित्व और नेतृत्व से न केवल राजस्थान बल्कि समूचे भारत को प्रेरणा दी है.
भैरो सिंह शेखावत ने तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में कुशल नेतृत्व प्रदान किया और प्रदेश के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनके कार्यकाल में राज्य ने कृषि, सिंचाई, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की. उपराष्ट्रपति के रूप में भी उन्होंने पूरे देश को प्रभावी और समर्पित नेतृत्व प्रदान किया. वे “गरीबों के मसीहा” के रूप में पहचाने गए, जिनका योगदान लोकतंत्र को मजबूती देने में अविस्मरणीय है.
इसी तरह से जसवंत सिंह जसोल का योगदान भारतीय राजनीति में उनके बौ‌द्धिक कौशल और नेतृत्व क्षमता के लिए सदैव स्मरणीय रहेगा. उन्होंने रक्षा, वित्त और विदेश जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कुशलतापूर्वक नेतृत्व करते हुए भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाई. उनकी विद्वता, कूटनीति और देश के प्रति समर्पण उन्हें एक प्रखर और दूरदर्शी नेता के रूप में स्थापित करता है.
इन दोनों के योगदान को ध्यान में रखते हुए यह उचित होगा कि उनके नाम को भारत रत्न पुरस्कार के लिए नामित किया जाए. यह न केवल उनकी स्मृति को सच्ची श्रद्धाजंलि होगी, बल्कि उनके कार्यों और विचारों को आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत भी बनाएगा. भाटी ने लिखा कि प्रदेश सरकार दोनों नेताओं के नाम भारत रत्न पुरस्कार के लिए नामित करने की अनुशंसा की जाए

डॉ किरोड़ीलाल मीणा को किस्से ज्यादा खतरा, अपनों या गैरों से !

किरोड़ी लाल मीणा को निपटाने की तैयारी! पूर्व मंत्री के बयान से गरमाई सियासत
कद्दावर नेता किरोड़ीलाल मीणा हमेशा राजनितिक सुर्खियों में रहना पसंद करते हैं और कभी कभी ये सुर्खिया उन्हें परेशान भी कर देती हैं। राजस्थान सरकार के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा एक नए विवाद के चलते सुर्खियों में हैं। उन्होंने हाल ही में अपनी ही सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई। बीजेपी ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा है।
इस विवाद में अब कांग्रेस भी कूद गई है। उधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, यह किरोड़ी लाल मीणा को निपटाने की तैयारी है। उन्होंने बजरी खनन से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर किया, जिसके बाद अब उन्हीं के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। जब सरकार अपने ही मंत्री की नहीं सुन रही, तो बाकी हालात क्या होंगे?
किरोड़ी लाल मीणा को कहा गया कि आपने मंत्री परिषद से त्यागपत्र की सूचना समाचार पत्रों में प्रकाशन के लिए उपलब्ध करवाया और बयान देकर भाजपा सरकार पर टेलीफोन टैप कराने का आरोप लगाया जो असत्य है। आपने ऐसा बयान देकर भाजपा की बहुमत वाली सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का काम किया।
वहीं इस पूरे विवाद पर किरोड़ी लाल मीणा का कहना है कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं

बीजेपी की दिल्ली जीत के फॉर्मूले, अब अगली परीक्षा 2029 में लोकसभा और 2030 में विधानसभा में

2029 में लोकसभा और 2030 में विधानसभा में फिर से जीत दिला सके, वही दिल्ली का मुख्यमंत्री बनेगा।
मोदी और शाह को पता है कि केजरीवाल से मात्र 2 प्रतिशत वोट ही ज्यादा मिले है।
कांग्रेस और अन्यों को 10 प्रतिशत वोट मिले, इसलिए दिल्ली में भाजपा की जीत हो पाई।

दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने दिल्ली की सत्ता पर अपना कमल खिला दिया। लम्बे समय से आप पार्टी दिल्ली की सत्ता पर काबिज़ थी और इस बार बीजेपी ने बेहतर प्रदर्शन करके आप को झाड़ू से साफ़ कर दिया। पूरे देश में बीजेपी को मजबूती दिलाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली विधानसभा चुनाव की इस हकीकत को जानते हैं कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी से भाजपा को मात्र दो प्रतिशत वोट ज्यादा मिले है। भाजपा को 45.56 प्रतिशत तथा केजरीवाल को 43.57 प्रतिशत वोट मिले। मात्र दो प्रतिशत से ज्यादा वोट मिलने पर ही भाजपा को 70 में से 48 और केजरीवाल को 22 सीटें मिली। यह भी हकीकत है कि कांग्रेस पार्टी ने 6.34 और AIEMIM जैसी पार्टियों ने निर्दलीयों के साथ 4.53 प्रतिशत वोट हासिल किए। यदि केजरीवाल कांग्रेस और अन्य को मिले प्रतिशत को जोड़ा जाए तो 55 प्रतिशत वोट भाजपा के खिलाफ पड़े हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही अब दिल्ली का मुख्यमंत्री उसे बनाया जाएगा जो 2029 में लोकसभा और फिर 2030 में विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत दिला सके। यह सही है कि 48 सीट मिलने से भाजपा का मुख्यमंत्री कोई भी नेता बन सकता है, लेकिन सवाल उठता है कि देश की राजधानी दिल्ली में जो चुनौतियां है उनका मुकाबला कौन कर पाएगा?
वोट प्रतिशत के साथ ही दिल्ली के विकास की भी चुनौती है। विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने जिन मुद्दों को उठाया उन्हें अब पूरा करने की जिम्मेदारी नए मुख्यमंत्री की ही होगी। प्रवेश वर्मा जैसे विधायक को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि अरविंद केजरीवाल को हराने के कारण ही मुख्यमंत्री बना दिया जाए। यह सही है कि केजरीवाल को हराने में प्रवेश वर्मा ने खूब मेहनत की, लेकिन केजरीवाल मोदी-शाह की रणनीति और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं की घर घर दस्तक की वजह से हारे। यदि कांग्रेस उम्मीदवार दीक्षित पांच हजार वोट प्राप्त नहीं करते तो प्रवेश वर्मा का जीतना मुश्किल हो जाता। प्रवेश वर्मा मात्र चार हजार वोटों से जीते हैं। असल में पीएम मोदी और अमित शाह को पता है कि दिल्ली की चुनौतियों से किस प्रकार मुकाबला किया जा सकता है। यह अच्छी बात है कि भाजपा के जो विधायक मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं, उनमें से एक भी मुख्यमंत्री के पद पर दावा नहीं कर रहा। इसे भी मोदी शाह की रणनीति ही कहा जाएगा। कांग्रेस शासित कर्नाटक और हिमाचल में मुख्यमंत्री पद को लेकर नेताओं में अभी भी खींचतान हो रही है। इसके विपरीत भाजपा शासित राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में नए चेहरों को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद अब हालात शांतिपूर्ण है। इन राज्यों के वरिष्ठ भाजपा नेता कुछ दिन छटपटाहट दिखाने के बाद शांत बैठे हैं। अब ऐसे भाजपा शासित राज्य देश की विकास की मुख्यधारा से जुड़ गए हैं। दिल्ली में भी ऐसे विधायक को ही मुख्यमंत्री बनाया जाएगा जो विकास के मुद्दे पर देश की मुख्यधारा से जुड़ सके। जब नरेंद्र मोदी के चेहरे और अमित शाह की रणनीति से पूरे देश में भाजपा का परचम फैल रहा है, तब दिल्ली प्रदेश में भी मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय मोदी-शाह पर छोड़ देना चाहिए। मीडिया भले ही कितने भी नेताओं की इच्छा जाग्रत करे, लेकिन मोदी-शाह को पता है कि दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा। पीएम मोदी तो अमेरिका की यात्रा पर जा रहे है। अब अमित शाह को ही मुख्यमंत्री के नाम पर निर्णय लेना है