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पर्यावरण एवं वन मंत्री ने किया वन प्रशिक्षण केंद्र अलवर का निरीक्षण, भवन के जीर्णोद्धार के प्रस्ताव तैयार करने के दिए निर्देश, प्रशिक्षणार्थियों से संवाद कर किया उत्साहवर्धन जनसुनवाई कर सुनी आमजन की परिवेदनाएं, लाइब्रेरी का भी किया निरीक्षण

जयपुर, 10 फरवरी। पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा ने सोमवार को अलवर के नारायण विलास स्थित वन प्रशिक्षण केंद्र का निरीक्षण कर प्रशिक्षु वन्यकर्मियों से उन्हें दिए जा रहे प्रशिक्षण के संबंध में संवाद किया। 

मंत्री शर्मा ने वन प्रशिक्षण केंद्र का निरीक्षण कर उप वन संरक्षक प्रशिक्षण राजीव लोचन पाठक को निर्देश दिये कि प्रशिक्षण भवन के जीर्णोद्धार के प्रस्ताव तैयार करें ताकि उसकी मरम्मत कर भवन को सुन्दर स्वरूप दिया जा सके। उन्होंने 120वें वनरक्षक प्रशिक्षण बेच के तहत प्रशिक्षण ले रही महिला वनरक्षकों से संवाद कर उन्हें दिए जा रहे प्रशिक्षण के संबंध में जानकारी लेकर कहा कि गहनता से प्रशिक्षण लेवे ताकि फील्ड में अपने दायित्वों का कुशलता से निर्वहन कर सकें। उन्हें प्रोत्साहित करते हुए कहा कि राजकीय सेवा के माध्यम से प्रकृति के संरक्षण का पुनीत दायित्व मिला है इसे सेवाभाव के साथ निष्ठापूर्वक निर्वहन करें। इस दौरान उन्होंने वन प्रशिक्षण केंद्र में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। 

जनसुनवाई कर परिवेदनाओं के निस्तारण के दिए निर्देश

मंत्री शर्मा ने अपने निवास पर जनसुनवाई कर आमजन की परिवेदनाओं को सुनकर संबंधित अधिकारियों को दूरभाष से त्वरित निराकरण करने के लिए निर्देशित किया। जनसुनवाई में पेयजल, नगर निगम, नगर विकास न्यास, विद्युत, पुलिस, स्थानांतरण एवं राजस्व मामलों की परिवेदनाएं प्रमुख रही। उन्होंने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिये कि स्वच्छता सर्वेक्षण में अलवर शहर की रैंकिंग सुधारने हेतु साफ-सफाई व्यवस्था की प्रभावी मॉनिटरिंग करें। साथ ही आमजन को कचरा सेग्रीगेशन आदि के लिए जागरूक करें। उन्होंने जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियन्ता को निर्देश दिये कि राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत कराई गई सभी बोरिंगों को यथाशीघ्र चालू कर पेयजल प्रभावित क्षेत्रों में आपूर्ति सुनिश्चित करें। परिवेदनाओं के निस्तारण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरते जाने पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जावेगी।

लाइब्रेरी का किया निरीक्षण 

उन्होंने अलवर के एसएमडी सर्किल स्थित भाषा एवं पुस्तकालय विभाग व नंगली सर्किल स्थित सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय तथा स्वामी विवेकानन्द स्मारक में यूआईटी के माध्यम से तैयार कराई गई डिजिटल लाइब्रेरी का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप अलवर सांसद व केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव तथा उनके द्वारा अलवर शहर सहित जिले में युवाओं को डिजिटल एजुकेशन से जोडने व अध्ययन हेतु अच्छी लाइब्रेरी विकसित कराई जा रही है। 

शोभायात्रा को झण्डी दिखाकर किया रवाना

मंत्री शर्मा ने विश्वकर्मा जयंती के शुभ अवसर पर जांगिड़ समाज अलवर द्वारा निकाली गई शोभायात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने भगवान विश्वकर्मा की जयन्ती के अवसर पर कामना की कि उनकी अनुकम्पा उतरोत्तर तकनीकी में सुधार से देश में खुशहाली व समृद्धि आए। 

भिलाई इस्पात संयंत्र में महिला सशक्तिकरण की नई दिशा: भिलाई इस्पात संयंत्र के सीएसआर विभाग द्वारा निःशुल्क ड्राइविंग प्रशिक्षण


भिलाई इस्पात संयंत्र ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) विभाग ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें समाज में समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से एक और अनूठी पहल की है। भिलाई इस्पात संयंत्र का सीएसआर विभाग हमेशा से ही सामाजिक उत्थान और महिला सशक्तिकरण के लिए काम करता रहा है। इस पहल के अंतर्गत भिलाई इस्पात संयंत्र ने “ड्राइविंग और ट्रैफिक रिसर्च संस्थान, प्रशिक्षण केंद्र, नवा रायपुर (आईडीटीआर)” के साथ मिलकर महिलाओं को निःशुल्क लाइट मोटर वाहन ड्राइविंग प्रशिक्षण प्रदान कर कर रहा है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना है।

आईडीटीआर के सहयोग से महिलाओं को ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे उन्हें वाहन चलाने का आत्मविश्वास मिल रहा है। प्रशिक्षण में महिलाओं को सड़क सुरक्षा, ट्रैफिक नियम, वाहन चलाने की तकनीक और वाहन का रखरखाव सिखाया गया। इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च परिवहन विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार और मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जो छत्तीसगढ़ राज्य में पेसेंजर और कमर्शियल वाहन चालकों को सुरक्षित प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया है। यह पहल न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अवसर प्रदान करती है,बल्कि उन्हें सुरक्षित और सक्षम ड्राइवर बनाकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने में भी सहायक है। अब महिलाओं के लिए ड्राइविंग जैसे गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में भी सफलता की राह खुली है, और इस पहल ने यह साबित कर दिया है कि जब महिलाएं ठान लें तो कोई भी कार्य उनके लिए कठिन नहीं होता।

इस प्रशिक्षण के प्रथम सत्र का शुभारंभ 20 मई 2024 को हुआ था। इस प्रशिक्षण के तहत अब तक बीएसपी के सीएसआर विभाग ने 3 बैच भिलाई में तथा एक बैच रायपुर में आयोजित किया है। ड्राइविंग प्रशिक्षण के अंतर्गत प्रत्येक बैच में 16 महिलाओं को चयनित किया जाता है। सीएसआर विभाग के सेक्टर 5 कार्यालय में कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) श्री पवन कुमार ने इस प्रशिक्षण के पहले बैच का उद्घाटन किया था। श्री पवन कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले बैच के लिए ड्राइविंग सिम्युलेटर शुरू किया और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान महिला प्रशिक्षुओं ने अपनी आकांक्षाओं को साझा किया, जिसमें उन्हें अपनी ज़िंदगी को सुधारने और अपने परिवारों को आर्थिक मदद देने की इच्छाएं थीं। डीआईजी (सीआईएसएफ) सुश्री प्रतिभा अग्रवाल ने महिलाओं के प्रयासों की सराहना की और उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित किया। सुश्री अग्रवाल ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा,“हम महिलाओं पर कई जिम्मेदारियां होती हैं, विशेषकर बच्चों की शिक्षा और संस्कार की। यह ड्राइविंग प्रशिक्षण आपकी स्वतंत्रता को बढ़ाएगा और समाज में महिलाओं की स्थिति को मजबूत करेगा। आयुक्त (नगर निगम रिसाली) श्रीमती मोनिका वर्मा ने प्रशिक्षु महिलाओं से अपील की कि वे पूरी एकाग्रता से ड्राइविंग सीखें ताकि वे अपने जीवन को बेहतर बना सकें और समाज में एक नई दिशा की शुरुआत कर सकें।

भिलाई इस्पात संयंत्र ने महिलाओं के लिए एक मुफ्त ड्राइविंग प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें उन्हें गाड़ी चलाने की तकनीकी जानकारी और यातायात नियमों की गहरी समझ दी जा रही है। इस पहल के तहत, क्लासरूम और सिम्युलेटर प्रशिक्षण सीएसआर कॉम्प्लेक्स, भिलाई में दिया जा रहा है, जबकि व्यावहारिक प्रशिक्षण भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा निर्धारित स्थानों पर प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद, महिलाओं को प्रमाण पत्र और लाइसेंस के लिए आवेदन करने का अवसर मिल रहा है। इस कार्यक्रम ने महिलाओं को आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाने में मदद की है और उन्हें रोजगार के नए अवसर भी प्रदान किए हैं। यह पहल महिला सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में ‘साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध’ विषय पर गृह मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता की


मोदी के नेतृत्व में देश ‘डिजिटल क्रांति’ का साक्षी बन रहा है, इसके साइज़ व स्केल को समझकर ही साइबर क्षेत्र की चुनौतियों का सामना किया जा सकता है

AI का उपयोग कर ‘म्यूल अकाउंट्स’ की पहचान करने और ऑपरेट होने से पहले ही इन्हें बंद करने की दिशा में काम किया जाएगा

गृह मंत्री ने साइबर अपराध रोकने के लिए मोदी के ‘रुकें, सोचें और फिर कार्रवाई करें’ के मंत्र के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया

मोदी सरकार साइबर अपराधों से निपटने के लिए चार प्रकार की रणनीति-Convergence, Coordination, Communication और Capacity पर आगे बढ़ रही है

गृह मंत्री ने कहा कि साइबर अपराध रोकने के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने और साइबर हेल्पलाइन ‘1930’ के प्रचार पर अधिक ध्यान हो

साइबर स्पेस में सॉफ्टवेयर, सर्विसेज़ और यूजर्स, इन तीनों के प्रयास से ही साइबर धोखाधड़ी से निपटने में पूर्ण सफलता मिलेगी

सदस्यों ने ‘साइबर सुरक्षा व साइबर अपराध’ संबंधी मुद्दों पर अपने सुझाव दिए और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में ‘साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध’ विषय पर गृह मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय और बंडी संजय कुमार, समिति के सदस्यों, केन्द्रीय गृह सचिव और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। समिति ने बैठक में ‘साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध’ से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।बैठक को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार हुआ है, जिसके कारण स्वाभाविक रूप से साइबर हमलों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है। उन्होंने कहा कि साइबर स्पेस को अलग दृष्टि से देखें तो ‘सॉफ्टवेर’ ‘सर्विसेज’ और ‘यूजर्स’ तीनों का एक जटिल नेटवर्क है। उन्होंने कहा कि जब तक ‘सॉफ्टवेर’ ‘सर्विसेज’ और ‘यूजर्स’ के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी को नियंत्रित नहीं किया जाएगा, तब तक साइबर स्पेस की समस्याओं का समाधान असंभव है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने साइबर सुरक्षित भारत बनाने की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

अमित शाह ने कहा कि साइबर क्राइम ने सारी भौगोलिक सीमाओं को समाप्त कर दिया है। यह ‘बॉर्डरलेस’ और ‘फॉर्मलेस’ क्राइम है, क्योंकि इसकी कोई सीमा या तय स्वरुप नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत पिछले एक दशक में ‘डिजिटल क्रांति’ का साक्षी बना है। ‘डिजिटल क्रांति’ के साइज़ और स्केल को समझे बिना हम साइबर क्षेत्र की चुनौतियों का सामना नहीं कर सकते।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश में आज 95 प्रतिशत गाँव डिजिटली कनेक्ट हो चुके हैं और एक लाख ग्राम पंचायत वाई-फाई हॉटस्पॉट से युक्त हैं। पिछले दस वर्षों में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या साढ़े चार गुना बढ़ी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में UPI के द्वारा कुल 17, 221 लाख करोड़ रुपए मूल्य के 246 लाख करोड़ लेन-देन हुए हैं। उन्होंने कहा कि 2024 में पूरी दुनिया में हुए डिजिटल लेन-देन में 48 प्रतिशत लेन-देन भारत में हुए। शाह ने कहा कि स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के मामले में भी भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बना।  वर्ष 2023 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में डिजिटल इकॉनमी का योगदान करीब 32 लाख करोड़ रुपये यानी 12 प्रतिशत रहा और करीब 15 मिलियन रोजगार का सृजन हुआ।

अमित शाह ने कहा कि आज भारत दुनिया में डिजिटल परिदृश्य में तीसरे नंबर का देश बन चुका है। भारत की अर्थव्यवस्था का कुल 20 प्रतिशत हिस्सा डिजिटल अर्थव्यवस्था में योगदान करता है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय का लक्ष्य है कि साइबर अपराध के मामलों में एक भी FIR दर्ज होने की नौबत नहीं आए।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि साइबर अपराध से निपटने के लिए हमने चार प्रकार की रणनीति अपनाई है जिसमें Convergence, Coordination, Communication और Capacity शामिल हैं। इन चारों में निश्चित लक्ष्य और व्यूह रचना के साथ काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अंतर-मंत्रालयी और गृह मंत्रालय में अंतर-विभागीय समन्वय को बढाया गया है, जिससे सीमलेस कम्युनिकेशन और सूचना की धारा प्रवाह प्राप्ति को सुनिश्चित किया जा रहा है।

अमित शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय, CERT-IN, I4C, टेलिकॉम और बैंकिंग जैसे विभागों के बीच टेक्नोलॉजी और बैठकों के माध्यम से संवाद की स्वस्थ परंपरा शुरू की गई है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने साइबर अपराध रोकने के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने पर जोर देते हुए समिति के सभी सदस्यों से I-4C की हेल्पलाइन 1930 का प्रचार करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि साइबर वित्तीय धोखाधड़ी को देखते हुए, ‘1930’ हेल्पलाइन नंबर कार्ड ब्लाक करने जैसे कई सुविधाओं का वन पॉइंट सलूशन प्रदान करता है।

अमित शाह ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग और रिज़र्व बैंक तथा अन्य सभी बेंक के साथ समन्वय से म्यूल अकाउंट्स की पहचान की व्यवस्था बनाने के लिए प्रयास जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि म्यूल अकाउंट को ऑपरेट होने से पहले ही बंद करने की व्यवस्था भी की जाएगी। गृह मंत्री ने कहा कि हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि लोगों को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘रुकें, सोचें और फिर कार्रवाई करें’ (STOP-THINK-TAKE ACTION) के मंत्र के बारे में जानकारी देकर उन्हे साइबर अपराधों के प्रति सतर्क किया जा सके।

गृह मंत्री ने कहा कि I4C पोर्टल पर 1 लाख 43 हजार FIR दर्ज की गई है और 19 करोड़ से अधिक लोगों ने इस पोर्टल का उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से 805 ‘ऐप्स’ और 3266 वेबसाइट-लिंक को I4C की सिफारिश पर ब्लॉक किया गया है। 399 बैंक और वित्तीय मध्यस्थ ऑनबोर्ड हो चुके हैं। साथ ही 6 लाख से अधिक संदिग्ध डेटा साझा किया गया, 19 लाख से अधिक म्यूल खाते पकड़े गए और 2038 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन रोके गए।

अमित शाह ने कहा कि 33 राज्यों तथा केंद्र-शासित प्रदेशों में साइबर क्राइम फोरेंसिक ट्रेनिंग लैब की स्थापना की गई है। ‘CyTrain’ नामक “मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (MOOC) प्‍लेटफॉर्म पर 101561 पुलिस अधिकारियों का पंजीकरण हुआ है और 78 हजार से अधिक प्रमाण-पत्र जारी किए गए है।

समिति के सदस्यों ने ‘साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध’ संबंधी मुद्दों पर अपने सुझाव दिए और सरकार द्वारा साइबर सुरक्षा के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों की सरहना की।  

अभिलेखागार के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार और ओमान की नेशनल रिकॉर्ड्स एंड आर्काइव्ज़ अथॉरिटी के बीच सहयोग के कार्यकारी कार्यक्रम (ईपीसी) पर हस्ताक्षर समारोह


भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार और ओमान की नेशनल रिकॉर्ड्स एंड आर्काइव्ज़ अथॉरिटी क्रमशः भारत सरकार व ओमान सल्तनत सरकार के गैर-वर्तमान अभिलेखों के संरक्षक हैं, जो लोगों को ऐतिहासिक अभिलेखों तक पहुंच की सुविधा प्रदान करते हैं।

दोनों देशों के बीच मैत्री को मजबूत करने के लिए, भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार और ओमान की नेशनल रिकॉर्ड्स एंड आर्काइव्ज़ अथॉरिटी के बीच 2025-2028 के लिए सहयोग के एक कार्यकारी कार्यक्रम (ईपीसी) पर आज 10 फरवरी 2025 को सुबह 10:30 बजे नई दिल्ली स्थित भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के समिति कक्ष में हस्ताक्षर किए गए।

ईपीसी पर हस्ताक्षर दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को बढ़ावा देने और प्रदर्शित करने, एक सशक्त और साझे भविष्य को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ाने के लिए, विशेष रूप से अभिलेखीय सहयोग के क्षेत्र में, एक विज़न स्टेटमेंट के रूप में भी कार्य करता है।

भारत सरकार के राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक श्री अरुण सिंघल, आईएएस ने भारत की ओर से समझौते पर हस्ताक्षर किए, जबकि ओमान सल्तनत सरकार की ओर से नेशनल रिकॉर्ड्स एंड आर्काइव्ज़ अथॉरिटी के अध्यक्ष महामहिम डॉ. हामिद मोहम्मद अल धवानी ने हस्ताक्षर किए। यह सहयोग भारत और ओमान के बीच सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

प्रयागराज महाकुंभ 2025: माघ पूर्णिमा स्नान पर लागू होगा विशेष यातायात प्रबंधश्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला क्षेत्र और शहर में ‘नो व्हीकल जोन’ लागूआज से मेला क्षेत्र में पूर्ण वाहन प्रतिबंध, बाहरी वाहनों के लिए निर्धारित पार्किंग व्यवस्थाशहर में भी शाम 5 बजे से लागू होंगे यातायात नियम, 12 फरवरी तक रहेगी विशेष व्यवस्था


प्रयागराज महाकुम्भ 2025 में माघ पूर्णिमा के स्नान पर्व को देखते हुए प्रशासन ने विशेष यातायात योजना बनाई है। इसके अंतर्गत, 11 फरवरी 2025 की सुबह 4:00 बजे से संपूर्ण मेला क्षेत्र को ‘नो व्हीकल जोन’ घोषित किया गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम स्नान के लिए केवल आवश्यक एवं आकस्मिक सेवाओं को ही प्रवेश की अनुमति होगी। प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं के निजी व सार्वजनिक वाहनों को 11 फरवरी को सुबह 4:00 बजे के बाद संबंधित रूट की पार्किंग में पार्क कराया जाएगा। इससे शहर में यातायात अव्यवस्था न हो और श्रद्धालु पैदल सुगमता से स्नान घाटों तक पहुंच सकेंगे।

श्रद्धालुओं के आवागमन को सुगम बनाने के लिए प्रशासन ने 11 फरवरी की शाम 5:00 बजे से पूरे प्रयागराज शहर को भी ‘नो व्हीकल जोन’ घोषित किया है। केवल आपातकालीन सेवाओं को इस प्रतिबंध से छूट दी जाएगी।मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए यह विशेष यातायात योजना 12 फरवरी को स्नान संपन्न होने तक लागू रहेगी।

महाकुम्भ में कल्पवास कर रहे श्रद्धालुओं के वाहनों पर भी यह नियम लागू रहेगा। प्रशासन ने सभी कल्पवासियों से अनुरोध किया है कि वे नियमों का पालन करें और अधिकृत पार्किंग स्थलों का उपयोग करें।प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे यातायात नियमों का पालन करें और सहयोग दें, ताकि महाकुम्भ का यह महत्वपूर्ण स्नान पर्व सुगमतापूर्वक संपन्न हो सके.

खाकी को नहीं खौफ , घूस का धंधा चल रहा बेख़ौफ़

प्रदेश में राम राज्य की परिकल्पना कैसे साकार होगी जब रक्षक ही भक्षक बन जाये। खाकी और खादी दोनों ने मिलकर जनता को खूब लूटा हैं। अब एक नया वीडियो वायरल हो रहा हैं जो भरतपुर के सारस चौराहे का बताया जा रहा हैं। सारस चौराहे पर अवैध वसूली का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक व्यक्ति पुलिसकर्मियों पर ट्रैक्टर-ट्रॉली चालकों से पैसे लेने का आरोप लगा रहा है। वीडियो में पुलिस की एक गाड़ी नजर आ रही है, लेकिन जैसे ही व्यक्ति वीडियो बनाना शुरू करता है, पुलिसकर्मी जीप लेकर मौके से फरार हो जाते हैं।

यह घटना रविवार सुबह की बताई जा रही है। वीडियो में आरोप लगाया गया है कि हर एक किलोमीटर पर पुलिसकर्मी 200 से 500 रुपये तक की वसूली कर रहे हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉली चालकों का कहना है कि पुलिसकर्मी पहले चालान करने की धमकी देते हैं और फिर पैसे लेकर छोड़ देते हैं।

जब इस मामले को लेकर सारस चौकी इंचार्ज राधाकिशन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस वीडियो की कोई जानकारी नहीं है और वीडियो में दिख रहे पुलिसकर्मी उनकी चौकी के नहीं हैं। ये स्थिति तो तब की हैं जब सूबे के मुखिया भरतपुर से सम्बन्ध रखते हैं। हालांकि, इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं

थार गाड़ी रखने वालों के लिए खबर अच्छी नहीं हैं। महिंद्रा कंपनी की थार कार ने इन दिनों खूब सुर्खिया बटोरीं हुई हैं।

इस गाडी की इमेज अब एक गैंग गिरोह के मेंबर्स जैसी हो गई हैं। सड़कों पर दनदनाती हुई ये थार अब पुलिस स्टेशन में कब खड़ी हो जाये कोई नहीं बता सकता।
सोशल मीडिया पर काली थार के स्टंट्स के वीडियो अपलोड करना महंगा पड़ गया। सोशल मीडिया पर काली थार और स्कॉर्पियो के स्टंटबाज़ी वीडियो अपलोड करने वालों के खिलाफ करधनी पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 11 थार और 3 स्कॉर्पियो ज़ब्त कर ली हैं। साथ ही, 07 ‘स्पीड प्रेमी’ चालकों को शांति भंग के आरोप में हिरासत में भेज दिया गया है।
डीसीपी जयपुर पश्चिम अमित कुमार ने बताया कि युवाओं में ‘काली थार’ का ऐसा भूत सवार है कि वे इसे सिर्फ सड़क पर नहीं दौड़ाते, बल्कि सोशल मीडिया पर भी इसकी धाक जमाने में लगे रहते हैं। तेज रफ्तार, ज़िग-ज़ैग स्टंट और काले शीशों के पीछे छिपी यह ‘रोड रोमियो’ गैंग आम जनता के लिए खतरा बन गई थी। इसी को देखते हुए पुलिस ने इनके ‘फिल्मी स्टंट’ पर असली कार्रवाई करने की ठानी और ऑपरेशन ‘थार-स्टंट’ चलाया।
सड़कों को अपने निजी रेस ट्रैक में बदलने वाले इन युवाओं को शायद यह अंदाज़ा नहीं था कि उनकी यह ‘स्पीड थ्रिल’ सीधा थाने की ‘हाई स्पीड’ कार्रवाई से टकरा जाएगी। एसीपी झोटवाड़ा सुरेंद्र सिंह राणावत और करधनी थाना प्रभारी सवाई सिंह की टीम ने दो दिनों के भीतर इन ‘स्टंटबाजों’ को धर दबोचा और उनकी रफ़्तार को पुलिस लॉकअप के ठहराव से मिला दिया

Lawrence Bishnoi: दो व्यापारियों को मिली जान से मारने की धमकी , लॉरेंस गैंग के कॉल से दहशत

Didwana:राजस्थान के डीडवाना जिले में कथित तौर पर लॉरेंस गैंग के धमकी भरे कॉल से धमकाने की बात सामने आई है। लॉरेंस विश्नोई गैंग के फिर से सक्रिय होकर धमकाने से व्यापारियों में फिर से दहशत जैसा मौहाल दिखाई दे रहा हैं। पुलिस को शिकायत मिली है कि रोहित गोदारा ने शहर के दो व्यापारियों को विदेश से धमकी भरा कॉल किया है। कथित तौर पर रोहित गोदारा ने कॉल कर व्यापारियों से फिरौती मांगी है। और बोला हैं कि अगर पैसा नहीं दिया तो जैंसे मार देंगे।पुलिस को दी गई शिकायत के बाद कुचामन थाना पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।
दरअसल, रविवार को इन दोनों व्यापारियों को व्हाट्सएप कॉल आया. इस दौरान कॉल करने वाले शख्स ने खुद को रोहित गोदारा बताया. उसने धमकी देते हुए कहा कि अभी तक फिरौती की रकम क्यों नहीं भेजी गई? इसके साथ ही उसने चेतावनी दी, “अगर जल्द ही पैसा नहीं पहुंचा, तो जान से हाथ धोने के लिए तैयार रहना, अब कोई कॉल नहीं आएगा.”
इन सब के बीच पुलिस अपना काम कर रही हैं और कार्यवाही करते हुए इन्हे गिरफ्तार भी कर रही हैं । धमकी भरे कॉल की शिकायत पर पुलिस ने सूरत पुलिस के सहयोग से चार स्थानीय बदमाशों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने व्यापारियों की जानकारी लॉरेंस गैंग तक पहुंचाई थी. पूछताछ के बाद इन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से इन्हें जेल भेज दिया गया. लेकिन इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड रोहित गोदारा अब भी पुलिस की पहुंच से दूर है. वह विदेश में बैठकर लगातार धमकियां दे रहा है

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं को सस्ती दरों पर राशन उपलब्ध कराने की विशेष योजना

नेफेड के माध्यम से अब तक 1000 मीट्रिक टन से अधिक राशन वितरित, 20 मोबाइल वैन कर रहीं राहत कार्य
व्हाट्सएप और कॉल पर भी उपलब्ध राशन, श्रद्धालुओं तक सस्ता और गुणवत्तापूर्ण अनाज पहुंचा रही सरकार

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं के लिए केंद्र सरकार की विशेष योजना के तहत सस्ती दरों पर राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय की पहल पर नेफेड (NAFED) के माध्यम से आटा, दाल, चावल और अन्य आवश्यक वस्तुएं श्रद्धालुओं को सस्ती दरों पर वितरित की जा रही हैं। श्रद्धालु व्हाट्सएप या कॉल के माध्यम से भी राशन मंगवा सकते हैं। अब तक 1000 मीट्रिक टन से अधिक राशन वितरित किया जा चुका है और यह वितरण कार्य 20 मोबाइल वैन के माध्यम से पूरे महाकुंभनगर और प्रयागराज में निरंतर जारी है।

मोबाइल वैन के माध्यम से आश्रमों और श्रद्धालुओं तक पहुंचेगा सस्ता राशन

महाकुंभ में आए संतों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री की परेशानी न हो, इसके लिए मोबाइल वैन के माध्यम से राशन की डिलीवरी की जा रही है। नेफेड के राज्य प्रमुख रोहित जैमन ने बताया कि सहकारिता मंत्रालय इस विशेष योजना को संचालित कर रहे हैं, ताकि महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की खाद्य समस्या न हो। नेफेड के एमडी दीपक अग्रवाल स्वयं इस पूरी योजना की निगरानी कर रहे हैं और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर व्यक्ति को खाद्य सामग्री समय पर पहुंचे।

आटा और चावल 10-10 किलो के पैकेट में, दालें 1 किलो के पैकेट में उपलब्ध

महाकुंभ में मौजूद श्रद्धालु 72 75 78 18 10 पर कॉल या व्हाट्सएप के माध्यम से राशन ऑर्डर कर सकते हैं। सस्ती दरों पर मिलने वाले इस राशन में आटा और चावल 10-10 किलो के पैकेट में उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जबकि मूंग, मसूर और चना दाल 1 किलो के पैकेट में वितरित की जा रही हैं। मोबाइल वैन द्वारा आदेश प्राप्त होते ही संबंधित आश्रमों और कल्पवासियों तक राशन पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।

केंद्र सरकार के नेतृत्व में इस विशेष योजना को लागू किया गया है, जिससे महाकुंभ में आए श्रद्धालु किफायती और गुणवत्तापूर्ण राशन प्राप्त कर रहे हैं। अब तक 700 मीट्रिक टन आटा, 350 मीट्रिक टन दाल (मूंग, मसूर, चना दाल) और 10 मीट्रिक टन चावल वितरित किया जा चुका है। श्रद्धालुओं के बीच नेफेड का प्रोडक्ट और ‘भारत ब्रांड’ का अनाज तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
इस योजना के माध्यम से सरकार महाकुंभ में आए करोड़ों श्रद्धालुओं को न केवल उच्च गुणवत्ता का राशन उपलब्ध करा रही है, बल्कि इसे सुविधाजनक और सुलभ भी बना रही है। मोबाइल वैन और ऑन-कॉल सुविधा ने इस सेवा को और भी प्रभावी बनाया है, जिससे महाकुंभ 2025 का यह आयोजन हर श्रद्धालु के लिए सहज और यादगार बन सके

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में तीर्थयात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए रेलवे की उत्तम व्यवस्था, श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम

प्रयागराज रेलवे जंक्शन पर प्रवेश केवल सिटी साइड से, निकास सिविल लाइंस साइड से होगा, तीर्थयात्रियों के लिए कलर कोडेड आश्रय स्थल की व्यवस्था

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने प्रयागराज रेलवे जंक्शन पर एकल दिशा प्लान लागू करने का निर्णय लिया है। अमृत स्नान पर्वों के बाद भी संगम स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का निरंतर आगमन जारी है, जिससे रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। महाकुंभ शुरू हुए 26 दिन हो चुके हैं और अब तक 42 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान कर चुके हैं। तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुगम रेल यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रयागराज रेलवे ने एकल दिशा प्लान को अगले आदेश तक लागू रखने का निर्णय लिया है।

रेलवे पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि रेलवे प्रशासन ने प्रयागराज रेलवे जंक्शन के प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए हैं। तीर्थयात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षित रेल यात्रा के लिए प्रयागराज रेलवे जंक्शन पर प्रवेश केवल सिटी साइड, प्लेटफार्म नंबर 1 से कराया जाएगा, जबकि निकास सिविल लाइंस साइड, प्लेटफार्म नंबर 6 और 10 से होगा। इससे स्टेशन परिसर में भीड़भाड़ को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और यात्रियों को सुगम यात्रा का अनुभव मिलेगा।

स्टेशन परिसर में प्रवेश के लिए विशेष योजना, तीर्थयात्रियों को मिलेगा कलर कोडेड आश्रय स्थल

महाकुंभ 2025 में प्रयागराज रेलवे ने तीर्थयात्रियों के लिए विशेष रूप से कलर कोडेड आश्रय स्थलों की व्यवस्था की है। पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि तीर्थयात्रियों को उनके गंतव्य स्टेशनों के अनुसार कलर कोडेड टिकट और आश्रय स्थलों के माध्यम से प्लेटफार्म तक पहुंचाया जाएगा। इन आश्रय स्थलों में अस्थायी टिकट काउंटर, शौचालय और यात्रियों के ठहरने की भी विशेष व्यवस्था की गई है।

रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आरक्षित यात्रियों के लिए स्टेशन में प्रवेश गेट संख्या 5 निर्धारित किया है। इसके अलावा, तीर्थयात्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे अपनी यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए ट्रेन के निर्धारित समय से अतिरिक्त समय लेकर स्टेशन पहुंचे, ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो।

रेलवे और पुलिस प्रशासन की ओर से बढ़िया व्यवस्था

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए प्रयागराज रेलवे और सिविल पुलिस प्रशासन के बीच समन्वय स्थापित किया गया है। रेलवे प्रशासन ने शहर में टैक्सी, ऑटो और ई-रिक्शा चालकों से अनुरोध किया है कि वे तीर्थयात्रियों को रेलवे स्टेशन केवल एकल दिशा प्लान के अनुसार ही लाएं। इससे स्टेशन परिसर और शहर में यातायात बाधित नहीं होगा और भीड़भाड़ व भगदड़ जैसी स्थितियों से बचा जा सकेगा।

रेलवे प्रशासन के इन प्रयासों से महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को एक सुव्यवस्थित और सुरक्षित रेल यात्रा का अनुभव मिलेगा। प्रयागराज जंक्शन पर लागू किए गए एकल दिशा प्लान से यात्रियों को सुविधा और सुरक्षा मिलेगी, जिससे महाकुंभ 2025 का यह भव्य आयोजन और अधिक सफल होगा