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गहलोत के मंत्री को जान से मारने की धमकी, मुख्य आरोपी विष्णु खुडाला फरार

राजस्थान में कानून व्यवस्था बनाए रखने के मामले में बीजेपी के नेता हमेशा से ही गहलोत सरकार को घेरते रहे हैं।सांचौर सहित प्रदेश भर में अपराधी इतने बेखौफ हैं कि दिनदहाड़े वारदातों को अंजाम दे रहे है. अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं इसका अंदाजा इस बात लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्री सुखराम बिश्नोई और उनके दो बेटों को व्हाट्सएप कॉल के जरिए जान से मारने की धमकी मिली।

इस मामले का मुख्य संदिग्ध पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। वहीं, पुलिस ने आरोपी को दूसरी बार गिरफ्तार किया. दरअसल, 14 अगस्त को सांचौर में लक्ष्मण देवासी की हत्या करने वाले अपराधी और गैंगस्टर विष्णु खुडाला ने गहलोत के राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई के बेटे डॉ. भूपेन्द्र बिश्नोई को फोन किया था. “हम तुम्हारा, तुम्हारे भाई, और तुम्हारे बाप का भी वही हाल करेंगे जो हमने लक्ष्मण देवासी का किया था. चुपचाप घर बैठे रहो हमारे आदमी अभी भी वहीं घूम रहे हैं.”

फोन पर ऐसी धमकियां मिलने के बाद 20 अगस्त को डॉ. भूपेन्द्र बिश्नोई ने सांचौर थाने में मामला दर्ज कराया. इस मामले में, भजनलाल बिश्नोई को सांचौर जिला पुलिस ने 22 अगस्त को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने 23 अगस्त से 25 अगस्त तक उसे डिमांड पर लेकर पूछताछ की। उसके बाद फिर 25 अगस्त से 27 अगस्त की डिमांड पर लिया, लेकिन इस मामले में धमकी देने वाला मुख्य आरोपी विष्णु खुडाला अभी भी फरार है. इसकी जानकारी पुलिस को भी नहीं है.

दूसरी ओर, आरोपी भजनलाल बिश्नोई ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने विष्णु खुडाला के निर्देश पर एक महिला के फोन नंबर से वकील के कार्यालय को एक व्हाट्सएप संदेश दिया था. बाद में विष्णु खोडाला ने डॉ. भूपेन्द्र बिश्नोई को मुझे यह नंबर भेजने के लिए धमकी दी।

डॉ. भूपेन्द्र बिश्नोई ने बताया कि धमकी देने वाले शख्स ने उनसे कहा कि अगर उसने उसका नाम बताया तो हम और मेरे पिता अपनी जान से हाथ धो बैठेंगे. उसी रात भाई के फोन पर एक इंटरनेशनल नंबर से कॉल आई। हालांकि मेरे भाई ने फोन का जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि बार-बार फोन करने के बाद उनके पिता ने उनसे कहा कि वह एफआईआर दर्ज कराएंगे. डॉ. भूपेन्द्र बिश्नोई ने कहा कि सांचौर में एकदम माहौल शांत था और उन लोगों ने दिनदहाड़े हत्या करके माहौल खराब कर दिया है. अब हमें कह रहे हैं. घर के अंदर बैठ जाओ, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं.

पुलिस में डीपीसी से पदोन्नति की वर्षों से लंबित मांग पूरी करने पर पुलिसकर्मियों ने मुख्यमंत्री का किया आभार व्यक्त

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पुलिस महकमे में अब हेड कांस्टेबल से निरीक्षक तक होने वाली पदोन्नति परीक्षा की बजाय अन्य सेवाओं की तरह वरिष्ठता के आधार की जाएगी मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत ने पुलिस महक़मे को बड़ी ख़ुशी देते हुए इसकी घोषणा की हैं। इस निर्णय के बाद पुलिस महकमें के एक वर्ग में बड़ी ख़ुशी सी दिखाई दे रही है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस घोषणा के करने के बाद पुलिस मुख्यालय पंहुचने पर पुलिस कर्मियों ने हेड कांस्टेबल से निरीक्षक तक होने वाली पदोन्नति परीक्षा की बजाय अन्य सेवाओं की तरह वरिष्ठता के आधार पर करने की घोषणा के लिए प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आभार व्यक्त किया। 

गहलोत को पुलिस कर्मियों ने कहा कि इस घोषणा से पुलिस कर्मियों में भारी हर्ष की लहर व्याप्त है।वरिष्ठता अनुसार पदोन्नतियां होने से सभी पुलिसकर्मियों को पदोन्नति का वरिष्ठतानुसार लाभ मिलेगा। इससे पुलिस कर्मियों का मनोबल और कार्य क्षमता में वृद्धि होगी। पदोन्नतियों के सम्बंध में न्यायालय में होने वाले अनावश्यक वाद विवाद की स्थितियां उत्पन्न नहीं होगी। पारदर्शी पदोन्नतियां होने से विभाग के प्रति विश्वास में वृद्धि होगी।

उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हेड कांस्टेबल से निरीक्षक तक होने वाली पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर विभागीय पदोन्नति समिति के माध्यम से करने की घोषणा की थी । इसके अनुसार सेवा नियमों में पदोन्नति के लिए योग्यता परीक्षा के प्रावधान को संशोधित कर वरिष्ठता को आधार माना जाएगा। इसी आधार पर सेवा रिकॉर्ड व आचरण के मापदंड पर खरे उतरने वाले पुलिसकर्मियों को रिक्त पदों पर पदोन्नत किया जाएगा।

सरकारी स्कूलों में ‘असुरक्षित स्पर्श’ की समझ से लाखों बच्चे बने ‘शक्तिमान सुरक्षित स्कूल सुरक्षित राजस्थान’अभियान में 65 हजार 284 सरकारी स्कूलों में 57 लाख 18 हजार बच्चों की रिकॉर्ड भागीदारी

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राजस्थान के 65 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों के 57 लाख 18 हजार 360 विद्यार्थी ‘असुरक्षित स्पर्श’ की समझ के साथ अब ‘शक्तिमान’ बनकर समाज में ‘यौन दुर्व्यवहार’ और ‘बुरी नजर’  वाली मानसिकता का दृढ़ता से मुकाबला करेंगे। 

यह सम्भव हुआ है राजस्थान सरकार की अनुकरणीय पहल के तहत शनिवार स्कूलों में नो बैग डे के तहत एक ही दिन में प्रात: 8 बजे से 12 बजे के दौरान प्रदेश के सभी 50 जिलों के समस्त सरकारी स्कूलों में एक साथ आयोजित विशेष ट्रेनिंग सेशंस की बदौलत। इस प्रशिक्षण के जरिए अपने तरकश में ‘नो-गो-टेल’ की थ्योरी को संजो चुके ये बच्चे खुद की सुरक्षा के साथ समाज में ‘बैड टच’ के खिलाफ मुहिम की अगुआई भी करेंगे।

स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि सुरक्षित स्कूल सुरक्षित राजस्थान अभियान के पहले चरण में शनिवार को प्रदेश के 65 हजार 284 सरकारी विद्यालयों में एक लाख 905 ट्रेनिंग सेशंस आयोजित किए गए, इनमें 57 लाख 18 हजार 360 विद्यार्थियों को गुड टच बैड टच का प्रशिक्षण दिया गया।

शिक्षा मंत्री डॉ. बी डी कल्ला और शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती जाहिदा खान ने सुरक्षित स्कूल सुरक्षित राजस्थान अभियान के प्रथम चरण को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग की पूरी और विशेष रूप से सभी स्कूलों में बच्चों को प्रशिक्षित करने वाले ट्रेनर्स (प्रशिक्षित टीचर्स) और मास्टर ट्रेनर्स के प्रयासों की सराहना की है। राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में इस अभियान के रिपीट प्रशिक्षण सत्र आगामी अक्टूबर और जनवरी माह में आयोजित होंगे

बीजेपी करेंगी कई बड़े बदलाव,चुनावों में सांसदों की कट जाएगी टिकट ,दे सकते हैं संगठन की जिम्मेदारी

भाजपा में इन दिनों युवाओं को प्रतिनिधित्व देने की चर्चा जोरों पर है। ऐसे में कई सांसद और विधायक जो कि 2 बार या इससे अधिक बार चुनाव जीत चुके हैं। उनकी जगह नए लोगों को प्रतिनिधित्व देने की चर्चा गंभीरता से की जा रही है। भाजपा इन सभी वरिष्ठ नेताओं को संगठन में जिम्मेदारी देने का मानस बना रहा है। इसके अलावा कुछ को राज्यपाल बनाए जाने की संभावना भी जताई जा रही है।कई सांसदों की विपरीत छवि के कारण पार्टी को 2024 के लोकसभा के चुनाव में नुकसान हो सकता है इसी बात को ध्यान में रखकर उन्हें चुनाव नहीं लड़ाई जाने का फैसला हो सकता है !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह,राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोषने  यह मानस बना लिया है कि वर्ष 2023 के विधानसभा और वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में नए लोगों को उतारा जाता है तो कई दिग्गजों के सामने टिकट पाने की समस्या पैदा हो जाएगी । यह भी कहा जा रहा है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ सहित कई प्रदेशों में अधिकांश सांसदों के टिकट काटे जा सकते हैं और कुछ विधानसभा में यही नीति अपनाई गई तो बहुत सारे ऐसे नेता भी चुनाव मैदान से बाहर हो जाएंगे जो कि कई सपने देख रहे हैं।

मौजूदा लोकसभा में दो सांसदों की उम्र 80 से 90 के बीच है। वही 110 सांसद ऐसे हैं जिनकी उम्र 60 से 70 के बीच है और 13 सांसद ऐसे हैं जिनकी उम्र 30 से 40 के बीच है। भाजपा के 135 लोकसभा के सदस्य पहली बार और 97 लोकसभा के सदस्य दूसरी बार जीते हैं।कुछ सांसद तो ऐसे हैं जो कि 8 बार चुनाव जीते हैं इसमें मेनका गांधी, संतोष गंगवार और डॉ वीरेंद्र कुमार 7 बार चुनाव जीते हैं।

6 बारचुनाव जीतने वालों में पंकज चौधरी, अनंत हेगड़े, रमेश जिगाजिनगी, फग्गन कुलस्ते, वीएस प्रसाद, बृजभूषण शरण सिंह, राधामोहन सिंह, मनसुख वासवा शामिल है। 5 बार चुनाव जीतने वालों मेंजीएस बासवराज, निहालचंद चौहान, रावसाहेब दानवे, जय प्रकाश, एसवाई नायक, जुअल ओराम, प्रह्लाद पटेल, राव इंद्रजीत सिंह, साक्षी महाराज, भानुप्रताप वर्मा, राम कृपाल यादव शामिल है।
4 बार चुनाव जीतने वालों में जीतने वालों मेंरमा देवी, संजय धोत्रे, पीसी गौडर, एसपीएस बघेल, डीवीएस गौड़ा, प्रह्लाद जोशी, छेदी पासवान, आरपी रूडी, अरविंद शर्मा, जीएम सिद्देश्वरा, दुष्यंत सिंह, गणेश सिंह, केवी सिंह, राकेश सिंह, सुशील सिंह, वीरेंद्र सिंह, संगीता​ सिंहदेव, अनुराग ठाकुर, राजेश वर्मा शामिल है।
तीन बार चुनाव जीतने वालों में राजेंद्र अग्रवाल, सुभाष बहेरिया, सुदर्शन भगत, सीएस दरबार, निशिकांत दुबे, वरुण गांधी, संजय जयसवाल, दर्शना जरदोश, एनवी खाचडिया, नलिन कतील, रामशंकर कठेरिया, अर्जुन मेघवाल, पीसी मोहन, जगदंबिका पाल, कमलेश पासवान, डीएम पटेल, एलबी पटेल, सीआर पाटिल, बीवाई राघवेंद्र, अशोक रावत, किरेन रिजीजू, एमआरएल शाह, पशुपति सिंह, यूपी सिंह, किरीट सोलंकी, नरेंद्र सिंह तोमर, एससी उदासी शामिल है। वरिष्ठ सांसदों को संगठन या राजकीय पदों पर जिसमें राज्यपाल और आयोगों के अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा भी है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का राजस्थान दौरा, झुंझुनूं में सैनिक स्कूल के विद्यार्थियों से किया संवाद लोहार्गल सूर्य मंदिर में की पूजा-अर्चना

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि फेल होने का डर विद्यार्थी की ताकत को कम करता है, इसलिए असफलता का भय नहीं रखें। उन्होने कहा कि जिस भी क्षेत्र में विद्यार्थी अभिरुचि रखते हैं, उसमें कड़ी मेहनत करें व आगे बढ़े। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ झुंझुनूं के दोरासर स्थित सैनिक स्कूल में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।    

 उन्होंने कहा कि वह सैनिक स्कूल के विद्यार्थियों को राज्यसभा की कार्यवाही को देखने के लिए बुलाएंगे। उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा कि आप देश का भविष्य हैं। सैनिक स्कूल में जो भी विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करता है, वह किसी भी क्षेत्र में जाए, अच्छा कार्य करता है। उन्होने कहा कि आज यहां आकर उन्हें बतौर विद्यार्थी सैनिक स्कूल में बिताया वक्त याद आ गया। सैनिक स्कूल आगमन पर उपराष्ट्रपति धनखड़ का प्रिंसिपल कर्नल अनुराग महाजन ने स्वागत किया।

हर 6 महीने में स्कूल की प्रगति को मिलेगा नया आयाम

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि सैनिक स्कूल की प्रगति को हर 6 महीने में नया आयाम मिलेगा, इस हेतु हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि झुंझुनूं जिले ने सैन्य बलों को बड़ा योगदान दिया है। उन्होने विद्यार्थियों से चंद्रयान अभियान की सफलता और देश की वैश्विक स्तर पर प्रगति का भी जिक्र किया। उपराष्ट्रपति ने संबोधन के पश्चात स्कूल व्यायामशाला, खरीददारी केंद्र, आगंतुक अतिथि गृह, बालिका छात्रावास, एकीकृत खेल प्रांगण, बहुउद्देश्यीय हॉल आदि के भवन का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने इस दौरान पौधारोपण भी किया।

लोहार्गल स्थित सूर्य मंदिर और रानी शक्ति मंदिर में की पूजा-अर्चना    

उपराष्ट्रपति ने लोहार्गल में सूर्य मंदिर एवं झुंझुनूं में रानी शक्ति मंदिर में धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ पूजा अर्चना की। उन्होने विश्व शांति और देश की प्रगति की मंगलकामना की।   

राजस्थान के सरकारी स्कूलों में ‘असुरक्षित स्पर्श’ की समझ से लाखों बच्चे बने ‘शक्तिमान सुरक्षित स्कूल सुरक्षित राजस्थान’अभियान में 65 हजार 284 सरकारी स्कूलों में 57 लाख 18 हजार बच्चों की रिकॉर्ड भागीदारी राजस्थान सरकार की अनुकरणीय पहल से राजकीय स्कूलों में बच्चों को मिली ‘गुड टच बैड टच’ की ट्रेनिंग ‘नो-गो-टेल” की थ्योरी से करेंगे समाज में अवेयरनेस की अगुआई

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राजस्थान के 65 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों के 57 लाख 18 हजार 360 विद्यार्थी ‘असुरक्षित स्पर्श’ की समझ के साथ अब ‘शक्तिमान’ बनकर समाज में ‘यौन दुर्व्यवहार’ और ‘बुरी नजर’  वाली मानसिकता का दृढ़ता से मुकाबला करेंगे। यह सम्भव हुआ है राजस्थान सरकार की अनुकरणीय पहल के तहत शनिवार स्कूलों में नो बैग डे के तहत एक ही दिन में प्रात: 8 बजे से 12 बजे के दौरान प्रदेश के सभी 50 जिलों के समस्त सरकारी स्कूलों में एक साथ आयोजित विशेष ट्रेनिंग सेशंस की बदौलत। इस प्रशिक्षण के जरिए अपने तरकश में ‘नो-गो-टेल’ की थ्योरी को संजो चुके ये बच्चे खुद की सुरक्षा के साथ समाज में ‘बैड टच’ के खिलाफ मुहिम की अगुआई भी करेंगे।

स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि सुरक्षित स्कूल सुरक्षित राजस्थान अभियान के पहले चरण में शनिवार को प्रदेश के 65 हजार 284 सरकारी विद्यालयों में एक लाख 905 ट्रेनिंग सेशंस आयोजित किए गए, इनमें 57 लाख 18 हजार 360 विद्यार्थियों को गुड टच बैड टच का प्रशिक्षण दिया गया।

शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला और शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान ने सुरक्षित स्कूल सुरक्षित राजस्थान अभियान के प्रथम चरण को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग की पूरी और विशेष रूप से सभी स्कूलों में बच्चों को प्रशिक्षित करने वाले ट्रेनर्स (प्रशिक्षित टीचर्स) और मास्टर ट्रेनर्स के प्रयासों की सराहना की है। राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में इस अभियान के रिपीट प्रशिक्षण सत्र आगामी अक्टूबर और जनवरी माह में आयोजित होंगे।

मुख्यमंत्री का एलपीजी गैस सिलेंडर वितरकों से संवाद राजस्थान में मिल रहा देश का सबसे सस्ता गैस सिलेंडर इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना के सफल क्रियान्वयन में एलपीजी गैस सिलेंडर वितरकों की भूमिका अहमः मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की जनता से दावा करते हुए हमारी सरकार सरकार अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं से आमजन को महंगाई से राहत दे रही है। आज राजस्थान में देश का सबसे सस्ता गैस सिलेंडर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने वाला राजस्थान एकमात्र राज्य है। एलपीजी गैस सिलेंडर वितरकों के सहयोग से इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना प्रदेश में सफलतापूर्वक लागू हुई है।

सीएम अशोक गहलोत सीएम हाउस पर राजस्थान एलपीजी गैस सिलेंडर वितरक संघ के प्रतिनिधिमण्डल के साथ संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना लागू कर पात्रों को 1 अप्रेल 2023 से 500 रुपए में गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाया जा रहा है। इससे महंगाई का बोझ कम हुआ है और आर्थिक संबल मिला है। यह आमजन को महंगाई से राहत देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, महिला सशक्तिकरण एवं रोजगार सहित हर क्षेत्र में देश का मॉडल स्टेट बन गया है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना अंतर्गत 25 लाख रुपए तक निःशुल्क उपचार व 10 लाख का दुर्घटना बीमा, निःशुल्क दवाईयां व जांच सुविधाओं सहित कानून बनाकर स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है। राज्य मंे आईआईटी, आईआईएम, निफ्ट जैसे विश्व स्तरीय संस्थान खुले हैं। राज्य में दुधारू पशुओं का बीमा, कमजोर वर्ग के लोगों को अन्नपूर्णा फूड किट, मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना व इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में 125 दिन के रोजगार की गारंटी दी जा रही है। राज्य में हर क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं। 

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हम ‘राजस्थान मिशन-2030’ में 1 करोड़ लोगों से सुझाव व सलाह ले रहे हैं। उन्होंने एलपीजी गैस वितरकों से मिशन-2030 में अपने सुझाव प्रेषित करने को कहा।

कार्यक्रम में संघ के अध्यक्ष डॉ. दीपक सिंह ने गैस सिलेंडर वितरकों से संबंधित विभिन्न विषयों से मुख्यमंत्री को अवगत करवाया। संघ के सदस्यों ने पात्र लोगों को 500 रुपए में सिलेंडर उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित किया।

राज्य सरकार प्रदेश के गौरवमयी इतिहास को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए बनाएगी पेनोरमा

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राज्य सरकार प्रदेश के गौरवमयी इतिहास को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। विभिन्न जिलों में पेनोरमा के निर्माण कराए जा रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 7 स्थानों पर पेनोरमा बनाए जाने के लिए 35 करोड़ रुपए की वित्तीय मंजूरी प्रदान की है। 

अजमेर में पृथ्वीराज चौहान पेनोरमा, जैसलमेर के पोकरण में इन्दिरा महाशक्ति भारत पेनोरमा, भरतपुर के डीग में महाराजा सूरजमल पेनोरमा, जयपुर में स्वतंत्रता सेनानियों के पेनोरमा बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने इनके कार्यों के लिए 23 करोड़ रुपए की सैद्धांतिक सहमति दी है।

साथ ही, भीलवाड़ा के आसींद में बगड़ावत सवाईभोज पेनोरमा, करौली में कैला देवी पेनोरमा, जालोर में वीरमदेव कान्हड़देव चौहान का भी पेनोरमा तैयार होगा। सीएम द्वारा 12 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी गई है। यह राशि पर्यटन विभाग के माध्यम से पर्यटन विकास कोष से व्यय होगी। इन पेनोरमा से आमजन को अपने प्रेरणास्त्रोतों के अविस्मरणीय बलिदान, त्याग, साहस, स्वाभिमान और सामाजिक सरोकारों की जानकारी मिलेगी। यह पेनोरमा भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत साबित होंगे

चोरों ने चुराए जज साहब के जूते, मंदिर के बाहर से चुराए जूते, माणक चौक थाने में हुई एफआईआर दर्ज, पुलिस जुटी जूते खोजने में

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राजधानी जयपुर में आज माणक चौक थाने में पिछले दिनों एक जबरदस्त मामला दर्ज हुआ है। मामला यह है कि अलवर में पोक्सो कोर्ट के जज साहब के बेटे के जूते चोरी हो गए हैं। जज साब ने पुलिस को डाक से शिकायत भेजी है। अब पुलिस के हाथ-पांव फूले हुए नजर आ रहे हैं और पुलिस मामले की जांच कर जूते ढूंढने में जुट गई है।

वैसे तो मंदिर के बाहर से जूते चप्पल चोरी होना एक आम बात है लेकिन जब यह घटना खुद जज साहब के परिवार के साथ हो जाए और जज साहब डाक से एफआईआर भी दर्ज करवा दे तो पुलिस के माथे पर माथे पर सिकन के साथ टेंशन होना लाजमी है।

हुआ यूं कि जयपुर के माणक चौक थाने में डाक से जूते चोरी की एक शिकायत मिली, इस शिकायत के बाद पुलिस मंदिर के बाहर लगे सीसीटीवी को खंगाल रही है। यह शिकायत खुद जज साहब ने की थी।शिकायत में जज साब ने बताया कि जयपुर के चांदनी चौक स्थित ब्रज निधि मंदिर के बाहर से उनके बेटे के जूते चुरा लिए गए। घर पहुंचने के बाद जज साहब ने डाक के जरिए पुलिस को शिकायत भेज दी अब पुलिस जूते की तलाश में गली-गली खाक छान रही है।

दरअसल अलवर के पोक्सो कोर्ट संख्या 1 के जज जगेंद्र कुमार अग्रवाल जयपुर के महेश नगर निवासी हैं।इन्होंने डाक के जरिए माणक चौक थाने में शिकायत भेजकर उनके बेटे के जूते चोरी होने का मामला दर्ज करवाया है।20 अगस्त की शाम 8 बजे परिवार सहित जज साहब ब्रज निधि मंदिर दर्शन करने के लिए पहुंचे थे जहां उनके बच्चे के जूते चोर ने चुरा लिए। ब्रांडेड जूते की कीमत करीब दस हजार बताई जा रही है। शिकायत के बाद माणक चौक थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। अब माणक चौक थाना पुलिस मंदिर के आसपास फुटेज खंगाल रही है और जूते खोजने का काम जारी है। मामले की जांच हेड कांस्टेबल मनीराम को सौंप गई है

शर्म बची है तो इस्तीफा दो और चुनाव में दो-दो हाथ करो,’ लाल डायरी पर अमित शाह का गहलोत को चैलेंज..!!

जयपुर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को राजस्थान के गंगापुर में सहकार किसान सम्मेलन में पहुंचे. इस दौरान अमित शाह ने केंद्र सरकार की किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में भी बताया और राज्य की सत्ता में काबिज अशोक गहलोत की कांग्रेस पार्टी की सरकार को भी जमकर घेरा.

शाह ने राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में पिछले कुछ दिनों से गूंज रहे लाल डायरी के मुद्दे को भी उछाला. इस लाल डायरी का हवाला देते हुए अमित शाह ने कहा कि करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का कच्चा-चिट्ठा उस लाल डायरी के अंदर है.

शाह ने मांगा गहलोत का इस्तीफा, नारेबाजों को दिया जवाब:

केंद्रीय गृह मंत्री ने इसी लाल डायरी के बूते अशोक गहलोत पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और उनके इस्तीफ के मांग कर दी. उन्होंने कहा, ‘मैं गहलोत साहब को कहने आया हूं कि चंद लोगों को भेजकर नारे लगवाने से कुछ नहीं होता है. जरा सी शर्म बची है तो लाल डायरी के मुद्दे पर इस्तीफा देकर चुनाव के मैदान में आइए. हो जाए दो-दो हाथ.’

इस एक बयान के जरिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गहलोत पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा, उनसे इस्तीफा भी मांगा और उनकी सभा में नारेबाजी करने वाले कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर भी हमला बोला. इसी दौरान अमित शाह ने फिर एक बार लाल डायरी का जिक्र किया और उससे जुड़ा एक किस्सा भी सुनाया.

अमित शाह ने कहा, ‘कल मुझे एक फोल्डर भेजा गया था. मैंने कहा कि ये फोल्डर मत रखना नहीं तो अशोक गहलोत नाराज हो जाएंगे. मुझसे पूछा गया कि इसमें ऐसा क्या है कि गहलोत चिढ़ जाएंगे. तो मैंने जवाब दिया कि उस फोल्डर का रंग लाल था. आज कल गहलोत साहब लाल डायरी से बहुत डर रहे हैं. वो इसलिए डर रहे हैं क्योंकि डायरी का रंग लाल है और उसके अंदर काले कारनामे कैद हैं.’

राजस्थान की सियासत में कहां से हुई लाल डायरी की एंट्री:

दरअसल राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को गहलोत ने पार्टी लाइन से हटकर विधानसभा में बोलने के चलते मंत्रिमंडल से बाहर निकाल दिया था. इस फैसले के बाद गुढ़ा ने बताया कि गहलोत ने एक बार उनसे ईडी के छापे के बीच से लाल डायरी निकाल कर लाने का टास्क दिया था. उस डायरी को वो सफलता से निकाल लाए तो गहलोत ने उनकी तारीफों के पुल भी बांध दिए थे. गुढ़ा ने बताया था कि लाल डायरी में गहलोत के काले कारनामे दफन थे.

लाल डायरी के बूते सत्ता में वापसी की तैयारी में बीजेपी:

इस किस्से के बाद से ही लगातार बीजेपी इस लाल डायरी के मुद्दे को जमकर उछाल रही है. पार्टी की रणनीति है कि इस मुद्दे के जरिए सूबे में गहलोत के खिलाफ माहौल बनाया जा सके, ताकि इसकी मदद आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी को मिल सके. दो महीने बाद राजस्थान में विधानसभा के चुनाव होने हैं. सूबे में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही रहता है. पिछले 25 सालों से राजस्थान की परंपरा रही है कि वो हर पांच साल में सरकार बदल देता है.