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19 अगस्त को शाही लवाजमे के साथ निकलेगी तीज की शाही सवारी

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पर्यटन विभाग की ओर से श्रावण शुक्ला तृतीया के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय तीज फेस्टिवल के दौरान जयपुर में 19 अगस्त को तीज माता की शाही सवारी निकाली जाएगी। तीज की शाही सवारी में शामिल होने के लिए देशी-विदेशी पर्यटक जयपुर पहुंचने शुरू हो गए हैं। राजधानी जयपुर में तीज पर्व को लेकर जयपुरवासियों में खास उत्साह दिखाई दे रहा है। सिटी पैलेस की जनाना ड्योढ़ी में पूजा अर्चना के बाद तीज माता की सवारी त्रिपोलिया गेट होते हुए रवाना होगी।

पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेंद्रसिंह शेखावत ने बताया कि बैंड बाजा, सजे हुए ऊंट घोडे और शाही लवाजमे के साथ तीज माता चांदी की पालकी पर सवार होकर त्रिपोलिया गेट से रवाना होकर छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार होते हुए तालकटोरा पहुंचेंगी। इस तीज फेस्टिवल कार्यक्रम के दौरान 150 से अधिक लोक कलाकार प्रदेश की लोक कला और संस्कृति की छटा बिखेरेंगे। उन्होंने बताया कि राजस्थान के प्रसिद्ध कालबेलिया, गैर नृत्य, बहरूपिया, मशक वादन, कठपुतली नृत्य, कच्ची घोड़ी और अलग-अलग बैंड ग्रुप सहित अनेक लोक कलाकारों के समूह तीज की शाही सवारी के दौरान अपनी शानदार प्रस्तुतियां देंगे। गौरतलब है कि पर्यटन विभाग की तरफ से विदेशी मेहमानों के लिए पर त्रिपोलिया गेट के सामने हिन्द होटल की छत पर बैठने की व्यवस्था की गई है।

राजीविका ‘सखी सम्मेलन‘- राजीविका समूहों से जुड़ी महिलाएं निभा रहीं- प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका: मुख्यमंत्री – समर्थ सखी योजना, इंदिरा रसोई योजना-ग्रामीण, एकीकृत खेती क्लस्टर कार्यक्रम और डिजिटल सखी योजना का शुभारम्भ – राजीविका से जुड़ी महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री ने की बड़ी घोषणाएं – 702 करोड़ राशि के चेक किये प्रदान – सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली महिलाओं का हुआ सम्मान

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजीविका जैसे कार्यक्रमों से महिलाओं का सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व कार्यकाल में अजमेर जिले से स्वयं सहायता समूहों की शुरूआत की गई। आज वह प्रयास इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में वृहत रूप में सबके सामने है। राजीविका से जुड़कर महिलाएं विभिन्न प्रकार के उद्यमों एवं नवाचारों में भाग ले रही है, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। उन्हें अपनी क्षमताओं एवं संविधान प्रदत्त अधिकारों की पहचान हुई है। सहकारिता की भावना से कार्य करते हुए राजीविका समूहों से जुड़ी महिलाएं आज प्रदेश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। 

सीएम अशोक गहलोत शुक्रवार को जयपुर के जेईसीसी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका परिषद् (राजीविका) द्वारा आयोजित ‘सखी सम्मेलन’ को सम्बोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन में प्रदेश भर से राजीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हजारों महिलाओं ने हिस्सा लिया। साथ ही, बड़ी संख्या में महिलाएं वीसी के माध्यम से भी कार्यक्रम से जुड़ी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राजीविका के अंतर्गत 3.60 लाख समूहों का गठन कर लगभग 43 लाख महिलाओं को इनसे जोड़ा गया है। राज्य सरकार इन समूहों को 4774 करोड़ का ऋण उपलब्ध करवा रही है। यह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राज्य सरकार का एक अहम प्रयास है।

मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को सौंपे चेक-

मुख्यमंत्री ने बैंकों द्वारा दिये जाने वाले 381 करोड़ रुपये की ऋण राशि के चेक स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को सौंपे। साथ ही, राजस्थान महिला निधि से दिये जाने वाले 63 करोड़ रुपए, आजीविका संवर्द्धन सहायता द्वारा दिए जाने वाले 160 करोड़ रुपए एवं जलग्रहण विकास कर्न्वजेंस सहायता द्वारा दिए जाने वाले 98 करोड़ रुपए की राशि के चेक भी राजीविका से जुड़ी महिलाओं को प्रदान किये। इस अवसर पर श्री गहलोत ने महिलाओं को स्कूटी की चाबी सौंपी एवं सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को सम्मानित किया। 

महिलाओं को सशक्त बना रही योजनाएं-

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं से हर वर्ग को लाभान्वित कर रही है। राज्य में लगभग 1 करोड़ लोगों को न्यूनतम 1000 रुपये सामाजिक सुरक्षा पेंशन, निशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट, 500 रुपये में गैस सिलेण्डर जैसी योजनाओं से आमजन को राहत दी जा रही है। महिलाओं के लिए उड़ान योजना के अंतर्गत निःशुल्क सेनेटरी नैपकिन, रोड़वेज बस किराये में 50 प्रतिशत छूट, इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के अंतर्गत इंटरनेट युक्त निःशुल्क स्मार्टफोन, आरटीई के तहत 12वीं तक छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा, नई महिला नीति लागू करने, सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण, मकान के खरीद-बेचान में रजिस्ट्री महिला के नाम से होने पर शुल्क में छूट देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। अनिवार्य एफआईआर की नीति से महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अत्याचारों में कमी आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2030 तक राजस्थान को को देश का अग्रणी राज्य बनाना हमारा ध्येय है। इसमें राजीविका से जुड़ी महिलाओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहेगी। 

मुख्यमंत्री ने किया विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ-

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समर्थ सखी योजना, इंदिरा रसोई योजना (ग्रामीण), एकीकृत खेती क्लस्टर (आईएफसी) कार्यक्रम एवं डिजिटल सखी योजना का शुभारंभ किया। डिजिटल सखी योजना के तहत महिलाओं को चरणबद्ध रूप से डिजिटल प्रशिक्षण दिया जाएगा। एकीकृत खेती क्लस्टर कार्यक्रम के द्वारा महिला किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने की घोषणाएं-

– राजीविका कैडर से जुड़ी महिलाओं के मानदेय में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी।

– राजीविका से जुड़ी महिलाओं को कृषि एवं गैर कृषि क्षेत्र में 1000 करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त ऋण दिया जाएगा।

– राजीविका से जुड़ी महिलाएं 2.5 प्रतिशत की जगह शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर स्कूटी खरीद पाएंगी।

– उड़ान योजना के अंतर्गत सेनिटरी नैपकिन की पूरी सप्लाई एवं बनाने का कार्य चरणबद्ध रूप से राजीविका को सौंपा जाएगा।

– इंदिरा रसोई योजना-ग्रामीण के अंतर्गत 1000 रसोईयों का संचालन एवं प्रबंधन राजीविका स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जाएगा।

माइनिंग सेक्टर है आधुनिक सभ्यता की रीढ़ , टेक्नोलोजिकल एडवासंमेंट, एनर्जी सिक्योरिटी और इकोनोमिकल ग्रोथ में माइनिंग की प्रमुख भूमिका – अतिरिक्त मुख्य सचिव, माइंस व पेट्रोलियम

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अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस व पेट्रोलियम वीनू गुप्ता ने कहा है कि माइनिंग सेक्टर की भूमिका और अहमियत को इसी से समझा जा सकता है कि आज टेक्नोलोजिकल एडवांसमेंट, एनर्जी सिक्योरिटी और ससटेनेबल इकोनोमिक ग्रोथ की माइनिंग सेक्टर के बिना कल्पना ही नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि सही मायने मेें आधुनिक सभ्यता की बेकबोन है माइनिंग सेक्टर।

एसीएस माइंस वीनू गुप्ता शुक्रवार को होटल मैरियट में माइनिंग, ऑयल और गैस कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रही थीं।  उन्होंने कहा कि एक और जहां राजस्थान में बहुमूल्य मेजर व माइनर मिनरल्स के डिपोजिट्स हैं वहीं लाईम स्टोन के विपुल भण्डार के कारण राजस्थान देश का सीमेंट हब बन चुका है। रिकॉर्ड राजस्व अर्जन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि गत वित्तीय वर्ष में 7000 करोड़ का रिकॉर्ड राजस्व अर्जित किया गया है व इस साल नया रिकॉर्ड बनाया जाएगा।

वीनू गुप्ता ने चुनौतियों की चर्चा करते हुए कहा कि सेक्टर के सामने पर्यावरण संतुलन और स्वास्थ्य सेक्टर की चुनौतियां है। माइनिंग की आधुनिक तकनीक के उपयोग और सघन पौधारोपण से इससे निपटा जा सकता है वहीं सिलिकोसिस की बीमारी को लेकर सरकार गंभीर है। 

जम्मू कश्मीर यूटी की माइंस सचिव रश्मी सिंह ने कहा कि लिथियम की खोज ने जेके को नई पहचान दी है। जेके में श्रेष्ठ गुणवत्ता के सफायर की किश्तवाड में डिपोजिट को देखते हुए एमईसीएल के साथ करार किया गया है। उन्होंने बताया कि जेके में भी मिनरल्स के भण्डार है पर अभी काफी काम किया जाना है।

 निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि कृषि के बाद सर्वाधिक रोजगार माइनिंग सेक्टर उपलब्ध करा रहा है। राजस्थान मिनरल्स की दृष्टि से संपन्न प्रदेश है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में खनिज खोज व खनन को गति देने का परिणाम है कि इस साल 61 मेजर मिनरल्स ब्लॉक की ई-नीलामी की तैयारी के साथ नीलामी प्रक्रिया जारी है। 130 माइनर मिनरल ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया जारी है। 

विशेष सत्र को संबोधित करते हुए एसीएस पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने एआई चेट पर विस्तार से चर्चा करते हुए भावी संभावनाओं की और इशारा किया। उन्होंने एआई के दौर में मानवीय संवेदनाओं की चर्चा की। उन्होंने सोशियल मीडिया की ताकत और तकनीक में तेजी से बदलाव आ रहा है और उसे हमें आत्मसात करना होगा। 

जेसीटीएसएल के सीएमडी अजिताभ शर्मा ने तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रीन एनर्जी के दौर में रिन्यूवल एनर्जी और प्राकृतिक गैस को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा कि देश दुनिया मे तेजी से बदलाव आ रहा है और उसके अनुसार ही आगे बढ़ना होगा। आरएसजीएल के एमडी रणवीर सिंह ने सीएनजी व पीएनजी की आवश्य​कता व महत्व पर चर्चा की।

टायर वेस्ट प्रबंधन के साथ ईपीआर लक्ष्यों की प्राप्ति में नए आयाम होंगे स्थापित : अध्यक्ष, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल -कंटीन्यूअस प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना को दी गई मंजूरी

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राजस्थान में बढ़ती वाहनों की संख्या के साथ टायर वेस्ट का समुचित निस्तारण एक बड़ी समस्या नजर आ रही थी जिसको मध्यनजर रखते हुए राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल एवं एनजीटी व सीपीसीबी द्वारा समय समय पर उचित दिशा निर्देश जारी किये जाते रहे साथ ही आम जन के साथ हितधारकों के हितों को सर्वोपरि रख कर प्रदूषण नियंत्रण एवं अपशिष्ट निस्तारण की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे है।

राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष श्री शिखर अग्रवाल ने कहा कि वाहनों की बढ़ती संख्या के परिणामस्वरूप टायर कचरे के उत्पादन के साथ, ऐसी टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना को सक्षम और प्रोत्साहित करना समय की मांग है जो प्रदूषण का कारण नहीं बनती हैं। आरएसपीसीबी ने तदनुसार कुछ चेतावनियों के साथ निरंतर प्रक्रिया के बाद नई टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना और कंटीन्यूअस बैच  प्रकार की मौजूदा इकाइयों के रूपांतरण की अनुमति देने का निर्णय लिया है। आशा है कि इस निर्णय से न केवल टायर प्रसंस्करण इकाइयों में तत्काल निवेश और टायर कचरे का उचित निपटारा हो सकेगा, बल्कि ईपीआर लक्ष्यों की शीघ्र प्राप्ति  भी होगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान हितधारकों, सीपीसीबी एवं गहन रिसर्च के पश्चात् यह निर्णय लिया है जिससे उम्मीद यही है कि निश्चित तौर पर टायर वेस्ट का उचित निस्तारण हो सकेगा साथ ही आर्थिक मूल्यों में भी वृद्धि हो सकेगी। इसी के साथ अवैध रेसाइक्लर्स पर भी नजर रखी जा सकेगी।

-कंटीन्यूअस प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना को दी गई मंजूरी

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव श्री विजय एन द्वारा जारी आदेशानुसार राज्य में  स्थापित/संचालित करने  की सहमति केवल निरंतर प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों को दी जाएगी, न कि बैच प्रक्रिया पर चलने वाली इकाइयों को। वहीं बैच प्रक्रिया पर टायर पायरोलिसिस इकाइयों के संचालन और प्राधिकरण के लिए सहमति के नवीनीकरण के लिए ऐसी इकाइयों को केवल निर्दिष्ट औद्योगिक क्षेत्रों के भीतर ही अनुमति दी जाएगी वहीँ ऐसी इकाइयों को  गंभीर रूप से प्रदूषित क्षेत्रों, नॉन अटेन्मेंट शहर  (अलवर, कोटा, जयपुर, जोधपुर और उदयपुर) और राज्य के एनसीआर उप क्षेत्र में अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही बैच प्रक्रिया पर टायर पायरोलिसिस इकाइयों के संचालन और प्राधिकरण के लिए नवीनीकरण की सहमति इस शर्त पर दी जाएगी कि इकाई को 31.12.2025   तक कंटीन्यूअस प्रक्रिया में परिवर्तित कर दिया जाएगा। इस सम्बन्ध में राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल सतत रूप से निगरानी रखने के साथ किसी विशेष क्षेत्र में ऐसी इकाइयों के संकेन्द्रण को प्रतिबंधित कर सकेगा।

उल्लेखनीय है कि राज्य में 2012 के बाद कंटीन्यूअस प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना पर आगामी आदेशों तक  प्रभावी रोक लगा दी गयी थी। जिसके पश्चात एनजीटी ने सीपीसीबी को एनईईआरआई और आईआईटी, दिल्ली की भागीदारी के साथ अध्ययन करने का निर्देश दिया था ताकि अध्ययन के नतीजे के आधार पर यह निर्णय लिया जा सके कि मौजूदा बैच  या एडवांस बैच स्वचालित या केवल कंटीन्यूअस इकाइयों को अनुमति दी जाए या नहीं। जिसके पश्चात् एनजीटी एवं  सीपीसीबी के निर्देशानुसार  टायर वेस्ट के समुचित निस्तारण की समस्या एवं प्रदूषण नियंत्रण के साथ ईपीआर( एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी) को मध्यनजर रखते हुए यह निर्णय लिया गया। उक्त सम्बन्ध में विस्तृत आदेश के साथ एसओपी जारी कर दी गयी है।       

राजस्थान में बढ़ती वाहनों की संख्या के साथ टायर वेस्ट का समुचित निस्तारण एक बड़ी समस्या नजर आ रही थी जिसको मध्यनजर रखते हुए राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल एवं एनजीटी व सीपीसीबी द्वारा समय समय पर उचित   दिशा निर्देश जारी किये जाते रहे साथ ही आम जन के साथ हितधारकों के हितों को सर्वोपरि रख कर प्रदूषण नियंत्रण एवं   अपशिष्ट निस्तारण की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे है।

राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल ने कहा कि वाहनों की बढ़ती संख्या के परिणामस्वरूप टायर कचरे के उत्पादन के साथ, ऐसी टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना को सक्षम और प्रोत्साहित करना समय की मांग है जो प्रदूषण का कारण नहीं बनती हैं। आरएसपीसीबी ने तदनुसार कुछ चेतावनियों के साथ निरंतर प्रक्रिया के बाद नई    टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना और कंटीन्यूअस बैच  प्रकार की मौजूदा इकाइयों के रूपांतरण की अनुमति देने का निर्णय लिया है। आशा है कि इस निर्णय से न केवल टायर प्रसंस्करण इकाइयों में तत्काल निवेश और टायर कचरे का  उचित निपटारा हो सकेगा, बल्कि ईपीआर लक्ष्यों की शीघ्र प्राप्ति  भी होगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान हितधारकों, सीपीसीबी एवं गहन रिसर्च के पश्चात् यह निर्णय लिया है जिससे उम्मीद यही है कि निश्चित तौर पर टायर वेस्ट का उचित     निस्तारण हो सकेगा साथ ही आर्थिक मूल्यों में भी वृद्धि हो सकेगी। इसी के साथ अवैध रेसाइक्लर्स पर भी नजर रखी जा सकेगी।

-कंटीन्यूअस प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना को दी गई मंजूरी

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव विजय. एन द्वारा जारी आदेशानुसार राज्य में  स्थापित/ संचालित करने  की सहमति केवल निरंतर प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों को दी जाएगी, न कि बैच प्रक्रिया पर    चलने वाली इकाइयों को। वहीं बैच प्रक्रिया पर टायर पायरोलिसिस इकाइयों के संचालन और प्राधिकरण के लिए सहमति के नवीनीकरण के लिए ऐसी इकाइयों को केवल निर्दिष्ट औद्योगिक क्षेत्रों के भीतर ही अनुमति दी जाएगी वहीँ ऐसी इकाइयों को  गंभीर रूप से प्रदूषित क्षेत्रों, नॉन अटेन्मेंट शहर  (अलवर, कोटा, जयपुर, जोधपुर और उदयपुर) और राज्य के NCR उप क्षेत्र में अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही बैचप्रक्रिया पर टायर पायरोलिसिस इकाइयों के संचालन और प्राधिकरण के लिए नवीनीकरण की सहमति इस शर्त पर दी जाएगी कि इकाई को 31.12.2025   तक कंटीन्यूअस क्रिया में परिवर्तित कर दिया जाएगा। इस सम्बन्ध में राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल सतत रूप से निगरानी रखने के साथ किसी विशेष क्षेत्र में ऐसी इकाइयों के संकेन्द्रण को प्रतिबंधित कर सकेगा।

उल्लेखनीय है कि राज्य में 2012 के बाद कंटीन्यूअस प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना पर आगामी आदेशों तक  प्रभावी रोक लगा दी गयी थी। जिसके पश्चात एनजीटी ने सीपीसीबी को एनईईआरआई और आईआईटी, दिल्ली की भागीदारी के साथ अध्ययन करने का निर्देश दिया था ताकि अध्ययन के नतीजे के आधार पर यह निर्णय लिया जा सके कि मौजूदा बैच  या एडवांस बैच स्वचालित या केवल कंटीन्यूअस इकाइयों को अनुमति दी जाए या नहीं। जिसके पश्चात्   एनजीटी एवं  सीपीसीबी के निर्देशानुसार  टायर वेस्ट के समुचित निस्तारण की समस्या एवं प्रदूषण नियंत्रण के साथ ईपीआर( एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी) को मध्यनजर रखते हुए यह निर्णय लिया गया। उक्त सम्बन्ध में विस्तृत    आदेश के साथ एसओपी जारी कर दी गयी है।       

सरकार को बनानी चाहिए ई रिक्शा के लिए ठोस नीति

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा. अरुण चर्तुवेदी ने जयपुर मे पर्यावरण की रक्षा के लिए ई रिक्शा की जरूरत बताते हुऐ उन्हे परिवहन विभाग के नियमो के तहत लाकर जयपुर शहर की बे तरतीब यातायात व्यवस्था को सुधारने की मांग की है।
डा. चतुर्वेदी ने कहा है कुछ रसूखदारों ने ई रिक्शा नीति नहीं होने के कारण गरीब की रोटी छीनने का का काम किया है। डा. चतुर्वेदी ने कहा की जयपुर में हजारों की संख्या में ई रिक्शा चल रहे है इनके लिए कोई नियम और प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं होने के कारण सड़क हादसे बढ़ रहे है। साथ ही ई चार्जिंग स्टेशन नही होने के कारण कुछ रसूखदार लोग जिन्होंने बड़ी संख्या में ई रिक्शे खरीद रखे है सरकारी बिजली के खंबो से अवैध रूप से बिजली लेकर ई रिक्शो को चार्ज कर सरकारी कोष को चूना लगा रहे है।
डा. चतुर्वेदी ने भारी संख्या में चल रहे ई रिक्शा चालकों की नागरिकता को लेकर भी संदेह प्रकट किया है, साथ ही शहर प्रशासन को ई रिक्शा नीति बनाने के साथ ही उनके सत्यापन कराने की भी मांग करते हुए कहा की जयपुर वासियों की सुरक्षा को देखते हुए ई रिक्शा चालकों और मालिको का सर्वे कराया जाए।
डा. चतुर्वेदी ने कहा है जयपुर में पहले बड़ी संख्या में मानव चालित रिक्शे चलते थे इन रिक्शो के लिए नगर निगम से नीति बनी हुई थी, जिससे गरीब आदमी को रोजगार मिल रहा था लेकीन ई रिक्शा नीति और नियम नहीं होने से वास्तविकता में जिस गरीब को रोजगार मिलना चाहिए, उसकी रोजी-रोटी पर रसूखदार का कब्जा हो गया। नियम के अभाव में शहर प्रशासन गलत और बेतरतीब ई रिक्शा चालकों पर कोई कार्यवाही भी नहीं कर पा रहा है। अकेले जयपुर में इस समय दस हजार से ज्यादा ई रिक्शा चल रहे है जो रामगंज बाजार, ईद गाह, बड़ी चौपड़, सुभाष चौक, रेलवे स्टेशन की यातायात व्यवस्था को प्रभावित कर रहे है।

गहलोत सरकार को तुष्टिकरण की राजनीति को छोड़कर महिला सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए : डॉ अलका गुर्जर

जयपुर पुलिस कमीशनरेट की नाक के नीचे 25 दिन तक बालिकाओं को बंधक बनाकर रखा जाता है और शासन और प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जाता है , उनका ध्यान तो सिर्फ़ तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली सरकार को बचाने में और सरकार को खुश करने में लगा रहता है । गहलोत जी ख़ुद गृहमंत्री है उनका यह दायित्व बनता है कि राजस्थान की माता और बहनों को सुरक्षित रखा जाये ।
यह सरकार घोर महिला विरोधी सरकार है । कभी बच्चिया भट्टी में जला दी जाती है , कभी उन पर तेज़ाब डालकर रेप करके कुँए में फ़ेक दिया जाता है परंतु दुर्भाग्य की बात ये है कि शासन और प्रशासन पूरी तरह मौन धारण किए रखता है । मैं इस सरकार की घोर निंदा करती हूँ और मुख्यमंत्री जी से इस्तीफ़े की माँग करती हूँ ।
डॉ अलका ने कहा कि इनकी सरकार की विधायक दिव्या मदेरणा जी ख़ुद असुरक्षित महसूस करती है तो आम महिला की तो क्या स्थिति होगी इस बात का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि पॉक्सो एक्ट में 2911 शिकायत दर्ज होती है और एफ़ आई आर सिर्फ़ 2 मामलों में दर्ज की जाती है ।
डॉ अलका ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इनके मंत्री पुत्रों , विधायकों पर महिला अत्याचारों के आरोप लगते है परंतु एक भी मामले में कार्यवाही नहीं होती है । और तो और इसी प्रदेश में पुलिसकर्मी महिला के साथ दुष्कर्म कर देता है , शिक्षक बच्ची के साथ दुष्कर्म कर देता है , पी एच ई डी विभाग का बाबू बच्ची के साथ दुष्कर्म कर देता है परंतु फिर भी ये सरकार महिलाओ को सुरक्षा देने के नाम पर पूर्णत विफल रही है । आज महिलायें कही सुरक्षित नहीं है चाहे घर , ऑफिस , पुलिस स्टेशन , एंबुलेंस ही क्यों ना हो । गहलोत सरकार के सत्ता में आने के बाद 46 प्रतिशत महिला अत्याचारों में वृद्धि हुई है और इनकी सरकार के मुख्यमंत्री कहते है कि क्या अब हम सब घरों के बाहर सिपाही तैनात कर दे ! इस प्रकार के ग़ैर ज़िम्मेदार बयान इनके महिला विरोधी चरित्र को उजागर करता है ।
मुख्यमंत्री जी जिनके पास गृह विभाग का प्रभार भी है, को नैतिकता के नाते इस्तीफ़ा दे देना चाहिये ।

सरकार मोबाइल की गारंटी दे रही है,सुरक्षा की गारंटी देने में नाकाम

जयपुर शहर में आज गांधी सर्किल पर बढ़ते अपराध और दुष्कर्म की घटनाओं के खिलाफ भाजपा महिला मोर्चा की ओर से मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया गया।
इस दौरान महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष डॉ.रक्षा भंडारी ने कहा कि गहलोत सरकार मोबाइल की गारंटी दे रही है लेकिन महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी देने में नाकाम है। गूंगी बहरी गहलोत सरकार के राज में अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं और ऐसा कोई भी दिन नहीं है जब कोई महिला या बच्ची किसी अपराध की शिकार ना हुई हो। साढ़े चार में साल में दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी है अब महिलाओं और बच्चियों को घर से बाहर निकलने में डर लगने लगा है।

भाजपा ने बजा दिया चुनावी बिगुल,2 सितंबर को प्रधानमंत्री करेंगे सभा को संबोधित, भाजपा निकालेगी चार परिवर्तन यात्रा, 25 सितंबर को दीनदयाल उपाध्याय की जन्म स्थली धानक्या में होगी संपन्न

भाजपा ने राजस्थानी विधानसभा चुनावों को देखते हुए चुनावी बिगुल बजा दिया हैं चुनावी रणभेरी में भाजपा से अब दिग्गज चेहरे चुनावी माहौल को जीत की मंशा से साधते हुए दिखाई देंगे। बीजेपी इस चुनाव में अपने वोटरो को रिझाने और पार्टी को रीति नीति पहुँचाने में में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती । बीजेपी ने चुनावी प्रचार प्रसार को तेज करने के लिए 2 सितंबर से प्रदेश में 4 धार्मिक स्थानों से परिवर्तन यात्रा निकालने का निश्चित किया है। इन चारों यात्राओं का समापन जयपुर में 25 सितंबर को दीनदयाल के जन्म स्थल धानक्या में किया जाएगा। समापन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। परिवर्तन यात्रा निकालने का फैसला 10 जुलाई को सवाई माधोपुर में  भाजपा के संगठन महामंत्री संतोष की अध्यक्षता में हुए चिंतन शिविर की  दो दिवसीय बैठक में किया था।

जयपुर में आयोजित कोर कमेटी की बैठक में तय किया गया कि भाजपा 2 सितंबर से उत्तर में गोगा मेडी मंदिर हनुमानगढ़, दक्षिण में बेणेश्वर धाम डूंगरपुर, पूर्व में त्रिनेत्र गणेश मंदिर सवाई माधोपुर और पश्चिम में रामदेवरा जैसलमेर से परिवर्तन यात्रा शुरू की जाएगी । अभी तक परिवर्तन यात्रा का नेतृत्व कौन करेगा इसका निर्णय भी होना बाकी है।  फिलहाल यात्रा कहां-कहां से गुजरेगी रोडमैप तैयार कर लिया गया है। 

कोर कमेटी में तय किया गया कि 23 दिन तक चलने वाली चारों यात्राएं 200 विधानसभा क्षेत्र को कवर करेगी। ऐसा माना जा रहा है कि चारों यात्राओं की जिम्मेदारी किस नेता को दी जाए लगभग तय कर लिया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और प्रतिपक्ष के उपनेता डॉ. सतीश पूनिया को परिवर्तन यात्रा की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है! परिवर्तन यात्रा में भाजपा की मौजूदा विधायक और विधायक प्रत्याशी मौजूद रहेंगे।

कोर कमेटी की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत नहीं आए। जबकि बैठक में प्रभारी अरुण सिंह, छत्तीसगढ़ के चुनाव प्रभारी ओम प्रकाश माथुर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, सह प्रभारी  रोहटकर, केंद्रीय कृषि कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, संगठन महामंत्री चंद्रशेखर मिश्रा,विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़, उप नेता डॉक्टर सतीश पूनिया, राष्ट्रीय संघ मंत्री  डॉ.अलका सिंह गुर्जर मौजूद रहे।

जयपुर डिसकॉम के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक आयोजित-उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करने व सौ फीसदी राजस्व वसूली के दिए निर्देश

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जयपुर डिस्काॅम के प्रबन्ध निदेशक आर.एन.कुमावत की अघ्यक्षता में गुरुवार 1 7अगस्त को जयपुर डिस्काॅम के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक आयोजित हुई। बॅैठक में राजस्व वसूली, बकाया राशि की वसूली, राजकीय विभागों पर बकाया राशि की वसूली, नए कनेक्शन जारी करने में लगने वाले औसत समय, डिफेक्टिव मीटर्स को बदलने की स्थिति, लम्बित पीएचईडी व कृषि कनेक्शन, लम्बित वीसीआर के निस्तारण की स्थिति सहित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यों में जुलाई माह तक हुई प्रगति की सर्किलवार विस्तार से समीक्षा की गई। उन्होंने उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करने और प्रतिमाह शत प्रतिशत राजस्व वसूली के निर्देश दिए।

प्रबन्ध निदेशक श्री कुमावत ने चालू वित्तीय वर्ष में जुलाई माह तक राजस्व वसूली की सर्किलवार समीक्षा करते हुए कहा कि दो-तीन सर्किलों को छोड़कर सभी सर्किलों ने राजस्व वसूली में अच्छा कार्य किया है। सौ फीसदी से कम राजस्व वसूली वाले भरतपुर, धौलपुर व करौली सर्किलों के अधीक्षण अभियन्ताओं को निर्देश दिए कि कारणों का विश्लेषण कर आगामी माह में शत – प्रतिशत राजस्व वसूली किया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना घरेलू के तहत सभी घरेलू उपभोक्ताओं का पंजीकरण करवाएं, जिससे सभी उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि डीसी/पीडीसी कनेक्शन, राजकीय विभागों पर बकाया राशि, 50
हजार से अधिक बकाया राशि व नियमित उपभोक्ताओं पर बकाया राशि की वसूली में हुई प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि यह कार्य संतोषजनक नही है।


डॉ मनीष की फैशन एवं मीडिया बुक का विमोचन-— प्रो. जीएचएस प्रसाद ने एनआईएफटी जोधपुर में आयोजित कार्यक्रम में किया विमोचन

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जोधपुर। राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर के सभागार में फैशन कम्युनिकेशन विभाग के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ. मनीष शर्मा की बुक “फैशन एवं मीडिया” का विमोचन एनआईएफटी जोधपुर के निदेशक प्रोफ़ेसर जीएचएस प्रसाद ने किया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि एनआईएफटी जोधपुर के निदेशक प्रो. जीएचएस प्रसाद ने कहा कि फैशन और मीडिया की व्याख्या करने वाली हिंदी भाषा की यह पहली पुस्तक है। इसमें लेखक द्वारा फैशन और मीडिया के सभी क्षेत्रों को शामिल करने की कोशिश की है। प्रसाद ने कहा कि आज ट्रेंड्स की रिपोर्टिंग का दौर है, यकीनन ट्रेंड्स फैशन उद्योग को चलाते हैं और निश्चित रूप से फैशन और लाइफस्टाइल मीडिया का आधार बनते जा रहे हैं। आजकल फैशन वीक के दौरान दिखाए गए नए कलेक्शन पत्रकारिता के एंगल बन चुके है। ऐसे में निश्चित रूप से यह पुस्तक फैशन और मीडिया के विद्यार्थियों के लिए सहायक सिद्ध होगी। इस मौके पर पुस्तक के लेखक असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ मनीष शर्मा ने बताया कि फैशन और मीडिया को लेकर पाठ्यपुस्तकों की कमी है जबकि हर साल हजारों युवा इस फील्ड में अपना कैरियर तराश रहे है। ऐसे में इस फैशन और मीडिया की शिक्षा पर आधारित पुस्तक में युवाओं को फैशन और मीडिया फील्ड के सम्मिश्रण से बनने वाले कैरियर विकल्प के साथ साथ इस फील्ड की संभावनाओं के बारे में अवगत कराने की कोशिश की है। उल्लेखनीय है कि डॉ मनीष शर्मा मीडिया में एक दशक से ​अधिक समय तक मीडिया से जुड़े रहे है। इनके राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय जर्नल्स में 10 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित हो चुके है। कार्यक्रम में सीएसी डॉ शिखा गुप्ता, छात्र विकास गतिविधि समन्वयक प्रियंका वर्मा सहित सभी फैकल्टी मेंबर्स मौजूद रहें।