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Supreme Court का बड़ा फैसला: वैश्या, Housewife या Affair जैसे शब्दों पर लगाई रोक, अगर इन शब्दों का इस्तेमाल किया तो खैर नहीं

देश की सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को बड़ा कदम उठाया है. छेड़छाड़, वैश्या और हाउस वाइफ जैसे शब्द जल्द ही कानूनी शब्दावली से बाहर हो जाएंगे और इसकी जगह सड़क पर यौन उत्पीड़न, यौनकर्मी और गृह स्वामिनी (होममेकर) जैसे शब्द लाए जाएंगे. कोर्ट ने लैंगिक रूढ़िवादिता को कायम रखने वाले शब्दों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस संबंध में एक हैंडबुक का अनावरण किया गया है.

हैंडबुक के अनावरण के साथ, भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “इस हैंडबुक के माध्यम से यह जानने में मदद मिलेगी कि कौन से शब्द रूढ़िवादी हैं और उनसे कैसे बचा जाए. इस पुस्तिका में उन आपत्तिजनक शब्दों की सूची है. साथ ही उनके स्थान पर प्रयुक्त शब्दों के बारे में भी बताया गया है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की पीठ ने बुधवार को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बहस सुनी.

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने एक हैंडबुक लॉन्च की है, जिसमें उन शब्दों की सूची दी गई है जिनका कानूनी तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है और जिनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.

हैंडबुक में बताया गया है कि अफेयर की जगह पर शादी के इतर रिश्ता, प्रॉस्टिट्यूट/हुकर की जगह सेक्स वर्कर, अनवेड मदर (बिन ब्याही मां) की जगह केवल मां, चाइल्ड प्राॅस्टिट्यूड की जगह पर तस्करी करके लाया बच्चा, बास्टर्ड की जगह ऐसा बच्चा, जिसके माता-पिता ने शादी न की हो, ईव टीजिंग की जगह स्ट्रीट सेक्शुअल हैरेसमेंट, हाउसवाइफ की जगह होममेकर, मिस्ट्रेस की जगह वह महिला, जिसके साथ किसी पुरुष ने विवाहेतर रोमांटिक या यौन संबंध बनाए हों, का इस्तेमाल किया जाए.

इसके अलावा प्रोवोकेटिव क्लोदिंग/ड्रेस (भड़काऊ कपड़े) की जगह क्लोदिंग/ड्रेस, एफेमिनेट (जनाना) की जगह जेंडर न्यूट्रल शब्दों का प्रयोग, वफादार पत्नी/अच्छी पत्नी/आज्ञाकारी पत्नी की जगह वाइफ (पत्नी), भारतीय महिला/पश्चिमी महिला की जगह महिला, कॉन्क्युबाइन/कीप की जगह ऐसी महिला जिसका शादी के इतर किसी पुरुष से शारीरिक संबंध हो, जैसे वाक्यों या शब्दों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में अब केवल चलेगा ई- रिक्शा

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विश्व पर्यटन में अपनी अनूठी पहचान स्थापित किये हुए केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान न केवल प्रकृति  प्रेमियों के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। 350 से ज्यादा प्रवासी पक्षियों के घर केवलादेव में प्रति वर्ष हजारों की संख्या में देशी- विदेशी पर्यटक पक्षियों  के साथ वन्यजीवों की अटखेलियां निहारने पहुंचते है।  इसी को मध्यनजर रखते हुए केवलादेव प्रशासन द्वारा  पर्यटकों की सुविधाओं के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्पित होकर कार्य किया जा रहा है ।

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के उप वन संरक्षक मानस सिंह ने बताया कि पर्यटकों के लिए उद्यान में पूर्णतया मैनुअल रिक्शा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है एवं ई- रिक्शा  की शुरुआत की गयी है।  उन्होंने बताया कि अब तक 90 से ज्यादा ई- रिक्शा का पंजीकरण हो चुका है । ई- रिक्शा के जरिये पर्यटक कम  समय में उद्यान भ्रमण कर पाएंगे। साथ ही रिक्शा चालकों को भी किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही मैनुअल रिक्शा को फॉसिल -फ्यूल फ्री ई- रिक्शा से प्रतिस्थापित किया गया है, जो कि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी बेहतरीन साबित होगा। उन्होंने कहा कि केवलादेव प्रशासन नॉइज़ फ्री एवं प्रदूषण  मुक्त पर्यावरण संरक्षण के लिए पूर्णतया संकल्पबद्ध है। इसी दिशा में लगातार नित नए नवाचार कर केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को संरक्षित किया जा रहा है।

राज्य में 104 प्रकार की औद्योगिक इकाइयां श्वेत श्रेणी में शामिल

राज्य सरकार एक ओर जहाँ स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त पर्यावरण की उपलब्धता की ओर लगातार प्रयासरत है वही दूसरी ओर राज्य में उद्यमियों के लिए प्रक्रियाओं को आसान करने की दिशा में भी अग्रसर है। प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा नित नए नियम, आदेश एवं सतत निगरानी के साथ प्रदेशवासियों को स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त पर्यावरण उपलब्ध करवाने के प्रयास किये जा रहे है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रदूषण मुक्त राजस्थान की संकल्पना के साथ राज्य में स्थित उद्योगों को प्रोत्साहन देने एवं औपचारिकताओं को न्यूनतम रखने के उद्देश्य के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के सतत प्रयासों से राज्य में श्वेत श्रेणी की औद्योगिक इकाइयां जो की सामान्तया प्रदूषण रहित मानी जाती है, की संख्या 102 से बढ़ाकर 104 की गयी।

– गैसीय ईंधन पर आधारित 1 एमवीए तक सैंडस्टोन डीजल जनरेटर सेट एवं स्वच्छ ईंधन के साथ शहद बनाने वाली इकाइयों सहित 104 प्रकार की औद्योगिक इकाइयां शामिल श्वेत श्रेणी में शामिल

राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल ने बताया कि श्वेत  श्रेणी के अंतर्गत ऐसी औद्योगिक इकाइयां शामिल है, जिनसे प्रदूषण नहीं फैलता एवं जिन्हे राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल से अनुमति नहीं लेनी होती। राज्य में नए उद्यमियों को सस्टेनेबल प्रक्टिसेस एवं बेहतर पर्यावरणीय प्रबंधन तकनीक अपनाने पर प्रोत्साहन के उद्देश्य से श्वेत श्रेणी में विस्तार किया जा रहा है। ऐसी इकाइयों में ब्लू पोटरी, कोल्ड स्टोरेज, अगरबत्ती, हैंडलूम, जेम्स एंड ज्वेलरी, फ्लोरीकल्चर एंड हॉर्टिकल्चर, 5000 तक की संख्या के पोल्ट्री फार्म, इत्यादि के साथ  गैसीय ईंधन पर आधारित 1 एमवीए तक सैंडस्टोन डीजल जनरेटर सेट एवं स्वच्छ ईंधन के साथ शहद बनाने वाली इकाइयाँ सहित 104 प्रकार की औद्योगिक इकाइयां शामिल  है।

उल्लेखनीय है कि राज्य में संचालित औद्योगिक क्षेत्रों को प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की दृष्टयता से मुख्यतः चार श्रेणी में प्रदूषण उत्सर्जन क्षमता के आधार पर विभाजित किया गया है। जिसके अंतर्गत श्वेत, हरे, नारंगी एवं लाल रंग की श्रेणी  मुख्यतया शामिल है। जिनकी विभिन्न प्रकार के माध्यमों एवं राज्य प्रदूषण मंडल के 25 क्षेत्रीय कार्यालयों के जरिये सतत निगरानी  के साथ सामयिक निरीक्षण कर राज्य में  प्रदूषण मुक्त पर्यावरण की संकल्पना को साकार करने की दृष्टि से प्रयास किये जा रहे है

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने चुनाव समिति की बैठक 19 अगस्त को बुलाई, सीएम गहलोत होंगे शामिल

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विधानसभा चुनाव के लिए गठित कांग्रेस की प्रदेश चुनाव समिति की महत्वपूर्ण बैठक राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं प्रदेश चुनाव समिति के चेयरमेन गोविन्द सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में दिनांक 19 अगस्तको प्रात: 11 बजे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वार रूम 7, अस्पताल रोड, जयपुर पर आयोजित होगी।

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने बताया कि राजस्थान प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिये अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा गठित प्रदेश चुनाव समिति की बैठक प्रदेशाध्यक्ष एवं समिति चेयरमेन गोविन्द सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में दिनांक 19 अगस्त, 2023 को प्रात: 11 बजे प्रदेश कांग्रेस के वार रूम 7, हॉस्पिटल रोड, जयपुर पर आहूत की गई है जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित समिति के समस्त सदस्यगण भाग लेंगे।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने मालाखेडा एवं उमरैण ब्लॉक में ग्रामीण ओलम्पिक का किया शुभारंभ

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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने गुरूवार को अलवर ग्रामीण क्षेत्र के मालाखेड़ा ब्लॉक के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर एवं उमरैण ब्लॉक के माचड़ी में हिट राजस्थान फिट राजस्थान के उद्देश्य से आयोजित राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों का फीता काटकर शुभारम्भ मां सरस्वती के छाया चित्र पर दीप प्रज्जवित कर किया किया तथा झण्डारोहण कर मार्चपास्ट की सलामी ली। 

मंत्री टीकाराम जूली ने ग्रामीणों को संबो​धित करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा फिट राजस्थान हिट राजस्थान के सपने को साकार करते हुए इन खेलों का आयोजन प्रदेश भर में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कि मुख्यमंत्री अशोक गहालोत एवं खेल मंत्री अशोक चांदना की पहल पर पूरे प्रदेश में आयोजित हो रहे इन खेलों के लाखों खिलाड़ी साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेलों के बने माहौल को देखते हुए इन खेलों का आयोजन राज्य सरकार द्वारा प्रदेश भर में उत्सव के रूप में कराया जा रहा है जिसमें बडी संख्या में हर आयुवर्ग के लोग अपनी भागीदारी देकर इन खेलों में अपनी प्रतिभा दिखा रहे है। उन्होंने कहा कि इन खेलों में ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाडियों एवं ग्रामीणों को दोबारा अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला है। 

मंत्री टीकाराम जूली ने खिलाड़ियो से कहा कि खेल को हार-जीत की भावना से ना खेलकर खेल को खेल की भावना से खेला जाए। उन्होंने कहा कि नशा स्वस्थ शरीर के लिए हानिकारक है इसलिए युवा पीढी नशे से दूर रहे। इस दौरान उन्होंने खिलाडियों की हौंसला-अफजाई की। इस दौरान उन्होंने इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के तहत महिलाओं को स्मार्टफोन वितरित किए।

राजीव गांधी ग्रामीण एवं शहरी ओलम्पिक खेल-2023 2030 तक खेल सहित सभी क्षेत्रों में राजस्थान को नंबर वन बनाना हमारा विजनः मुख्यमंत्री – 10 करोड़ रुपए की लागत से रामप्रताप कटारिया स्टेडियम की घोषणा

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण एवं शहरी ओलम्पिक खेलों से गांव-ढाणी की खेल प्रतिभाओं को भी आगे आने का मौका मिल रहा है। इन प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देकर अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि युवा एवं खेल राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में हैं। वर्ष 2030 तक खेल सहित सभी क्षेत्रों में राजस्थान को नंबर वन राज्य बनाना हमारा विजन है। वर्ष 2030 के विजन डॉक्यूमेंट के लिए आमजन को आगे आकर सुझाव देने चाहिए।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरूवार को मुंडिया रामसर में राजीव गांधी ग्रामीण एवं शहरी ओलम्पिक-2023 के अंतर्गत आयोजित ब्लॉक स्तरीय खेल प्रतियोगिता का अवलोकन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बड़े स्तर पर खेल का माहौल तैयार करने के लिए गत वर्ष राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों का आयोजन किया गया था। इसमें लगभग 30 लाख खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। यह संख्या इस बार लगभग 60 लाख तक पहुंच गई है। इनमें 25 लाख महिला खिलाड़ी भी शामिल हैं। हर आयु वर्ग के खिलाड़ी इन खेलों में भाग ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे प्रदेश में खेलों के प्रति सकारात्मक माहौल बन रहा है और एक नई खेल संस्कृति विकसित हो रही है।

 प्रदेश में खेल एवं खिलाड़ियों को मिल रहा प्रोत्साहन

 मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार निरंतर खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन दे रही है। इसी दिशा में आउट ऑफ टर्न नियुक्ति, सरकारी नौकरियों में आरक्षण, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में पदक विजेता खिलाड़ियों के लिए पुरस्कार राशि में कई गुना बढ़ोतरी, खेल मैदानों का विकास जैसे फैसले लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों से राजस्थान खेलों के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनकर उभर रहा है।

 राज्य सरकार की योजनाओं से हर वर्ग को मिल रही राहत

 मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में महंगाई एवं बेरोजगारी से राहत देने के लिए विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 500 रुपए में गैस सिलेण्डर, 25 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा, महिलाओं को इंटरनेटयुक्त निःशुल्क स्मार्टफोन, अन्नपूर्णा राशन किट, विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग, पशुपालकों को दो दुधारू पशुओं का 40 हजार रुपए का बीमा सहित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से आमजन को राहत दी जा रही है। सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 3 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां देने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही, निजी क्षेत्र में रोजगार के लिए जॉब फेयर का आयोजन किया जा रहा है। जिनमें 40 हजार नौकरियां दी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि इस बार का बजट युवाओं को समर्पित किया गया था। किसानों के लिए अलग से कृषि बजट पेश करने वाला राजस्थान पहला राज्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में अपराधियों के विरूद्ध सख्त एवं त्वरित कार्यवाही की जा रही है।

                 इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 10 करोड़ रुपए की लागत से रामप्रताप कटारिया स्टेडियम बनाए जाने की घोषणा की। इस दौरान श्री गहलोत ने महिलाओं के रस्साकशी तथा कबड्डी मैच भी देखे एवं खिलाड़ियों से मिलकर उनका उत्साहवर्धन किया।

                 कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राज्य में खिलाड़ियों को बेहतरीन अवसर मिल रहे हैं। राज्य सरकार की नीतियों से प्रदेश में उत्कृष्ट खेल ढ़ांचा तैयार हो रहा है। युवा मामलात एवं खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना ने कहा कि राज्य सरकार के ऐतिहासिक निर्णयों से प्रदेश में खेलों को प्रोत्साहन मिला है। अन्य राज्य भी प्रदेश की खेल नीतियों का अनुसरण कर रहे हैं।

                

मजबूत सड़क तंत्र से प्रशस्त होगा मिशन-2030 का मार्ग -मुख्यमंत्री – 4,817 करोड़ रुपए की लागत से 153 सड़क कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास – प्रदेश के 50 राज्य राजमार्गों को एनएच में क्रमोन्नत करने की केंद्र से मांग

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2030 तक प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने का संकल्प लिया है। एक मजबूत सड़क तंत्र से मिशन-2030 का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षाें में प्रदेश में सड़क विकास के उत्कृष्ट कार्य हुए हैं, जिसके फलस्वरूप हमारी सड़कों की प्रशंसा देशभर में हो रही है। आज प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों के गांव-ढाणियां सुरक्षित और सुगम सड़क तंत्र से जुड़ रहे हैं, जिससे आमजन को रोजगार मिला है और उनकी आय में वृद्धि हुई है। 

सीएम अशोक गहलोत गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास से 4,817 करोड़ रुपए की लागत के 153 सड़क विकास कार्यों के लोकार्पण तथा शिलान्यास कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार दुर्घटना रहित सुरक्षित और सुगम सफर के लिए उच्च गुणवत्तापूर्ण सड़कों का जाल बिछा रही है। इससे निवेशकों के लिए एक सकारात्मक माहौल बना है और प्रदेश विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है। उन्होंने बजट घोषणाओं को तेज गति से धरातल पर उतारने के लिए सार्वजनिक निर्माण और अन्य विभागों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जयपुर में बन रहे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रोड एण्ड बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन से निर्माण कार्याें की गुणवत्ता में और मजबूती आएगी।  

50 राजमार्गाें को एनएच में क्रमोन्नत करने की केंद्र से मांग

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश की अपार संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा उच्च गुणवत्तापूर्ण सड़कों का विकास किया जा रहा है। इसी क्रम में प्रदेश के 50 प्रमुख राज्य राजमार्गों को राष्ट्रीय राजमार्गाें में क्रमोन्नत करने की मांग को लेकर कई बार केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया। राज्य में निवेश की प्रबल संभावना रखने वाले कई क्षेत्र हैं, इनके राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ने से औद्योगिक विकास को गति मिलेगी तथा रोजगार की संभावनाएं बढ़ेगी, जिससे जनता को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। 

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य राजमार्गाें पर टोल संग्रहण के लिए फास्टैेग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे आवागमन में सुगमता आई है तथा आमजन को समय की बचत हो रही है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों को सड़क से जोड़ने का कार्य भी प्राथमिकता से किया जा रहा है। 

66 हजार कि.मी. में सड़कों का विकास

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने 1 लाख कि.मी. से अधिक सडकों का विकास कराने का लक्ष्य रखा है। इसमें अभी तक 66 हजार कि.मी. से अधिक सड़कों का विकास हो चुका है। नगर निगम, नगर परिषद और नगरपालिकाओं में भी पीडब्ल्यूडी के माध्यम से सड़कें बनवाई जा रही हैं। आगे भी नवीन सड़क निर्माण, सुदृढ़ीकरण एवं चौड़ाईकरण के कार्य कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि तय समय सीमा में ही गुणवत्तापूर्ण सड़क निर्माण होने से आमजन को राहत मिली है। 

2030 तक राजस्थान होगा अग्रणी राज्यों में शुमार

      सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि वर्ष 2030 से पहले राज्य के 100 की आबादी वाले गांवों को भी सड़कों से जोड़ने का कार्य किया जाएगा। राज्य सरकार 2030 तक राजस्थान को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शुमार करने का विजन लेकर चल रही है। इसमें सभी प्रदेशवासियों की भागीदारी आवश्यक है। इसके लिए मुहिम चलाकर अर्थशास्त्रियों, लेखकों, पत्रकारों, विद्यार्थियों, सरकारी कर्मचारियों, अधिवक्ताओं, किसानों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं, बुद्धिजीवियों, खिलाड़ियों सहित एक करोड़ प्रदेशवासियों से सुझाव लिए जाएंगे। राज्य सरकार इन्हें समाहित कर मिशन 2030 का विजन डॉक्यूमेंट जारी करेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में प्रदेश की अर्थव्यवस्था करीब 9 लाख 11 हजार करोड़ रुपए थी। यह आज करीब 14.14 लाख करोड़ रुपए है। इसे वर्ष 2030 तक करीब ढाई गुना बढ़ाकर 35.71 लाख करोड़ रुपए ले जाने का हमारा लक्ष्य है।

ईआरसीपी से जुड़ेंगे 53 अतिरिक्त बांध

      मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 जिलों के लिए महत्वपूर्ण पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) की डीपीआर में शेष रह गए बांधों को भी जोड़ा जाएगा। इसमें दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, भरतपुर एवं अलवर के 53 बांधों को ईआरसीपी से जोड़कर भरा जाएगा। इससे ईआरसीपी परियोजना की लागत 1,665 करोड़ रुपए बढ़ेगी और 11 लाख किसान लाभान्वित होंगे। जयपुर के रामगढ़ बांध को भी ईआरसीपी के तहत ईसरदा बांध से भरा जाएगा। इस पर 1,250 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 

विकास को मिली नई गति

सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजनलाल जाटव ने बताया कि 4,817 करोड़ रुपए की लागत से 153 सड़क विकास कार्याें के लोकार्पण तथा शिलान्यास से प्रदेश में विकास को एक नई गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि बजट 2023-24 में 16 हजार 123 करोड़ रुपए की लागत से 23 हजार कि.मी. सड़कों का निर्माण और सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अभी तक 33 हजार 440 करोड़ रुपए की लागत से 66 हजार कि.मी. में सड़कों का विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सड़क विकास के उत्कृष्ट कार्य हो रहे हैं।

भाजपा के विशेष सदस्यता अभियान की शुरूआत, 17 अगस्त से 28 अगस्त तक चलेगा अभियान

भाजपा के विशेष सदस्यता अभियान की लॉंचिंग गुरूवार सुबह खंडेलवाल सभा भवन वैशाली सर्किल वैशाली नगर पर की गई। इस दौरान भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी, प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, गजेन्द्र सिंह शेखावत, प्रदेश सह-प्रभारी विजया राहटकर, अभियान संयोजक बाबा बालकनाथ, राष्ट्रीय सचिव अल्का गुर्जर, राष्ट्रीय प्रवक्ता सांसद राज्यवर्धन सिंह, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी सहित कोर कमेटी के सदस्यों ने विशेष सदस्यता अभियान की शुरूआत की।

सदस्यता अभियान के दौरान संबोधित करते हुए प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी ने कहा कि बूथ स्तर के प्रत्येक कार्यकर्ता को भाजपा के सदस्यता अभियान के लिए जुटना होगा। इसमें प्रत्येक बूथ पर कम से कम 100 नए नवमतदाताओं को भाजपा से जोडने का काम करना है। मुख्य रूप से नवमतदाताओं पर ध्यान केंद्रिंत करने की आवश्यकता इसलिए भी है, क्योंकि एैसे सभी लोग जो पहली बार मतदान कर रहे हैं, उन्हे भाजपा की विचारधारा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास कार्यों और देश में विकास के नये आयामों के बारे में विस्तार से जानकारी देने का काम करना आवश्यक है। बूथ कार्यकर्ता को ‘‘बूथ जीता चुनाव जीता’’ के मंत्र के साथ काम करना है।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा विश्व का सबसे बडा राजनैतिक दल है। भाजपा से जुडने को लेकर नवमतदाताओं में उत्सुकता का माहौल है। भाजपा एक विचार है, पदाधिकारी बदलते हैं विचार नहीं। सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ऐसी पार्टी है जहां बूथ स्तर का कार्यकर्ता राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच पाता है।

विशेष सदस्यता अभियान के संयोजक सांसद बाबा बालकनाथ ने संबोधन में कहा कि विशेष सदस्यता अभियान 17 अगस्त से 28 अगस्त तक चलेगा। इस सदस्यता अभियान से एक बडे अभियान का आगाज होगा। भाजपा अपने इस सदस्यता अभियान के माध्यम से समाज के हर वर्ग तक पहुंचेगी। बूथ स्तर के कार्यकर्ता से लेकर प्रत्येक पदाधिकारी संकल्प के साथ सदस्यता अभियान में जुटेगा। भाजपा की ओर से विशेष सदस्यता अभियान से जुडने के लिए टोल फ्री नंबर (8140-200-200) जारी किया गया है। टोल फ्री नंबर पर मिस्ड कॉल के अलावा भाजपा की ओर से ‘‘क्ूयआर कोड’’ स्कैनर को स्कैन करके भी आप भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। इस टोल फ्री नंबर पर मिस्ड कॉल देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की जा सकती है।

गदर 2– देशभक्ति में एक नया एहसास

गदर 2

इक्कीसवीं शताब्दी के पहले दशक में जवान हुई पीढ़ी का सबसे प्रभावी सिनेमाई नॉस्टेल्जिया है गदर!

हैंडपंप उखाड़ कर चिल्लाने वाला दृश्य तो पिछले पच्चीस-तीस वर्षों का सबसे अधिक प्रभावी एक्शन सीन है। सिनेमा हॉल में उतनी उत्तेजना, उतनी तालियां किसी और दृश्य पर नहीं बजीं। और शेर की तरह दहाड़ते तारा सिंह का डायलाग- अशरफ अली.. कोई तोड़ नहीं भाई साहब! कोई तोड़ नहीं… गदर 2001 में आयी थी। उसके तीन साल पहले ही कारगिल युद्ध हुआ था। कश्मीर में चूहे की तरह घुस कर अपना बिल बना चुके पाकिस्तानी आतंकियों की करतूतों पर देश में गुस्सा भरा हुआ था। अपने असँख्य वीर शहीदों सैनिकों के बलिदान पर देश और युवाओं को गर्व था, पर सबके हृदय में लावा दहक रहा था। ठीक उसी समय गदर आयी। सिंगल स्क्रीन सिनेमा का जमाना, छोटे शहरों के सिनेमा हॉल में छह रुपये में भी टिकट मिल जाती थी। फिर क्या था, देश उमड़ पड़ा हॉल में… ग्रामीण भारत को दो अभिनेताओं की योग्यता पर बड़ा भरोसा रहा है। एक मिथुन चक्रवर्ती और दूसरे सन्नी देवल! “मतलब ये घुस गए तो अमेरिका के प्रेजिडेंट को भी टांग लाएंगे” ऐसा भरोसा था दर्शकों को… कारगिल युद्ध के बाद कई वर्षों तक स्कूल के फेकैत लड़कों ने यह गुप्त जानकारी बांटी थी कि सन्नी देवल और नाना पाटेकर भी गए थे आतंकवादियों से लड़ने… तो भाई साहब! वही सन्नी देवल जब कहता है कि “एक कागज पर मुहर नहीं लगेगी तो क्या तारा सिंह पाकिस्तान नहीं जाएगा?” तो दर्शक आंख मूंद कर भरोसा कर लेते हैं कि तारा सिंह तो जरूर जाएगा और फाड़ कर आएगा…

देश के मन में पाकिस्तान के लिए भरी आग को ठंडा किया था गदर ने। तारा सिंह जब अकेला पाकिस्तान में घुस कर परदे पर गरजता तो आम देहाती मन को सुकून मिलता था। आम जनता युद्ध को नहीं देख पाती, सो विजय के उल्लास को भी महसूस नहीं कर पाती है। 2001 में अशरफ अली और उसकी पाकिस्तानी सेना को चीरते फाड़ते तारा सिंह के साथ देश की आम जनता ने 1998 की विजय का जश्न मनाया था।

हम वे देहाती लड़के थे जो शाहरुख खान को सदैव यह कह कर नकार देते थे कि “उ तो मउगा हीरो है, साला खाली प्यार करता है।” हम परदे पर शौर्य ढूंढते थे। तभी गाँव में मिथुन, सन्नी देवल, अजय देवगन, सलमान खान, संजय दत अधिक चलते थे। पर हर फिल्म में मार-धाड़ ढूंढने वाले लड़कों ने भी तारा सिंह के साथ तीन घण्टे प्रेम को जिया था। याद कीजिये मैडम जी को लाहौल छोड़ने जाने वाला दृश्य… वो दरिया, पानी, वो मौजां फिर आसमान… सब याद है भाई।

तारा सिंह फिर आया है परदे पर। फिर घुसा है पाकिस्तान में… हम जानते हैं गदर के निर्देशक अनिल शर्मा को, हम जानते हैं डायलॉग लिखने वाले शक्तिमान को, हम जानते हैं तारा सिंह को… इसीलिये हम जानते थे कि तारा सिंह फाड़ कर रख देगा। उम्मीदों पर खरा उतरा है तारा… पिछली बार जब उसने हैंडपंप उखाड़ा तो पाकिस्तान हिल गया था, इस बार तो बस उसने देखा भर है हैंडपंप की ओर, उसे हैंडपंप की ओर देखते देखकर ही भाग गए पाकिस्तानी। वो बूढ़ा नहीं होगा, तारा सिंह बूढ़े नहीं होते, सुनहरी यादें कभी बूढ़ी नहीं होतीं।

कुछ चीजें मिसिंग हैं, जैसे उत्तम सिंह का संगीत। पुराने गीतों को छोड़ दें तो नए गीतों में दम नहीं। अरिजीत के प्रसंशकों को शायद पसन्द आये कराहता हुआ संगीत… सकीना और जीते कमजोर कड़ी हैं, पर तारा सिंह ने सब मेंटेन कर दिया है। गदर में बौद्धिकता न ढूंढिये। बस विशुद्ध मनोरंजन चाहिये तो देख आइये गदर, आनन्द आ जायेगा दोस्त।

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष पद पर सेवानिवृत्त मेजर जनरल आलोक राज को किया नियुक्त

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देर रात बुधवार को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड जयपुर के अध्यक्ष पद पर सेवानिवृत्त मेजर जनरल आलोक राज को नियुक्ति प्रदान की है।कार्मिक विभाग ने इनकी आदेश जारी कर दिए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि बोर्ड के अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा ने अपने पद से 2 महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया था।