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भाजपा की ‘‘प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति’’ और ‘‘संकल्प पत्र समिति’’ का गठन, विजय संकल्प के साथ काम करेंगी समितियां-सीपी जोशी

भाजपा ने राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुएअपनी कमर कस ली हैं और जीत के लिए तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। बीजेपी ने आज जयपुर में पार्टी ऑफिस में (प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति) और (प्रदेश संकल्प पत्र समिति) की घोषणा कर दी है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह ने प्रेसवार्ता करके दोनों समितियों की विधिवत घोषणा की। इस दौरान प्रेसवार्ता में केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी भी मौजूद रहे।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने बताया कि प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक पूर्व सांसद एंव भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण पचारिया को बनाया गया है। सह-संयोजक पद पर ओंकार सिंह लखावत, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सासंद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, प्रदेश महामंत्री भजन लाल शर्मा, दामोदर अग्रवाल, सीएम मीणा और कन्हैयालाल बेरवाल वहीं समिति में राजेंद्र सिंह शेखावत, प्रमोद वशिष्ठ, शंकर अग्रवाल, आनंद शर्मा, पंकज गुप्ता, निर्मल शर्मा, लक्ष्मीकांत भारद्वाज, सुनील कोठारी, हीरेन्द्र कौशिक, धनराज सोलंकी, निर्मल नाहटा, अभिषेक रावत, डॉ.अपूर्वा सिंह और स्नेहा कांबोज को सदस्य नियुक्त किया गया है।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने बताया कि ‘‘संकल्प प़त्र समिति’’ का संयोजक केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को बनाया गया है। सह-संयोजक पद पर राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाडी, किरोडी लाल मीणा, अल्का सिंह गुर्जर, राव राजेंद्र सिंह, सुभाष महरिया, प्रभु लाल सैनी और राखी राठौर को नियुक्त किया गया है। वहीं सुशील कटारा, हिमांशु शर्मा, अशोक रामदास अग्रवाल, रतन लाल गाडरी, रामगोपाल सुथार, प्रभु धोबी (बाडोवालिया), मोहन नाई जसवंत बिश्नोई, खेमराज देसाई, अशोक वर्मा, सी.एम. मीणा, ममता शर्मा, प्रकाश माली, श्याम सिंह चौहान, डॉ. मनन चतुर्वेदी, सरदार जसबीर सिंह और डॉ एसएस अग्रवाल को सदस्य नियुक्त किया गया है।

भाजपा प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा ‘‘प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति’’ और ‘‘संकल्प पत्र समिति’’ में अनुभवी टीम की घोषणा की गई है। प्रदेश की जनता गहलोत राज से पूरी तरह हताश और तंग है। चाहे वह महिला अपराध, भ्रष्टाचार, युवाओं और किसानों से वादाखिलाफी कोई भी क्षे़त्र हो गहलोत सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। प्रदेश की जनता कांग्रेस सरकार से छुटकारा पाना चाहती हैं। दोनों घोषित टीमें विजय संकल्प के साथ काम करेंगी और आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रचंड बहुमत से सत्ता में आएगी।

सचिवालय में ईड़ी की दस्तक!ईडी की टीम के सचिवालय पहुँचने पर मचा हड़कंप,ACS अरोड़ा और आईटी सचिव आनंदी से मिलने पहुंची सचिवालय, नहीं मिलने पर दिया नोटिस दिया आईटी आयुक्त इंद्रजीत को

सचिवालय में उस वक्त हड़कंप मच गया जब ईड़ी की एक टीम सचिवालय पहुँच गयी। ईड़ी के सचिवालय में पहुँचते ही अधिकारियों और कर्मचारियों को हालात ख़राब सी दिखने लगी। अधिकारियों और कर्मचारियों के चेहरे के भाव ही उतर गये और सचिवालय के गलियारों में सन्नाटा सा छा गया।

शासन सचिवालय के पीछे स्थित योजना भवन में विस्तृत इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी विभाग की अलमारी में 2.31 करोड़ की नकद राशि और 1 किलो सोना मिलने के मामले में अब इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट ( ईडी) ने आईटी  की सचिव आनंदी के नाम का नोटिस आईटी आयुक्त इंद्रजीत को दिया है। अब आईटी सचिव आनंदी को ईडी ने बुलाया है। 

ईडी की टीम जब सचिवालय पहुंची तो वह हड़कंप मच गया। आईटी सचिव आनंदी का कार्यालय मुख्य सचिव कार्यालय से थी बाहर स्थित है। सचिवालय में इस बात की चर्चा जोरों पर होने लगी कि ईडी की टीम ने मुख्य सचिव कार्यालय तक गई है। जबकि ईडी की टीम तो मुख्य सचिव कार्यालय तक नहीं गई बल्कि उनके बाहर स्थित आईटी के आईटी सचिव आनंदी  से मिलना चाहती थी।  लेकिन वह कार्यालय में मौजूद नहीं रही। यही नहीं कि ईडी की टीम अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा भी सचिवालय में मौजूद नहीं थे इस कारण ईडी उनसे भी नहीं मिल सकी।  

ईडी ने ऐसे में आईटी आयुक्त इंद्रजीत से योजना भवन में स्थित उनके कार्यालय कमरा नंबर 207 में मिलकर आईटी सचिव आनंदी के नाम का नोटिस दिया । इसके बाद यह नोटिस आईटी सचिव को सर्व दिया गया।

ईडी की टीम अब पहले से अधिक सक्रिय होकर संबंधित अधिकारियों को नोटिस उनके घरों पर ही भेज रही है। इंडिगो निलंबित संयुक्त निदेशक वेद प्रकाश यादव ने नगद पैसे और सोने के बारे में कई जानकारियां दी है।

मुख्य सचिव ने ली राजस्थान-मिशन 2030 अभियान की समीक्षा बैठक- 31 अगस्त को किया जायेगा राजस्थान मिशन 2030 वेब पोर्टल लांच, आम जन दे सकेंगे अपने सुझाव

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मुख्य सचिव उषा शर्मा ने बुधवार को शासन सचिवालय में राजस्थान-मिशन 2030 अभियान के कुशल संचालन के लिए समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने कहा कि 15 अगस्त से 30 सितम्बर, 2023 तक चलने वाले राजस्थान-मिशन 2030 अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु मुख्यमंत्री राजस्थान आर्थिक सुधार सलाहकार परिषद (CMRETAC) के नेतृत्व में विकसित राजस्थान 2030 का दस्तावेज तैयार किया जायेगा। इस दस्तावेज में राज्य के प्रबुद्धजनों, विषय विशेषज्ञों, हितधारकों, युवाओं तथा समाज के सभी वर्गो के सुझावों उनकी आकांक्षाओं व अपेक्षाओं को सम्मिलित किया जाना आवश्यक है।

मुख्य सचिव ने कहा कि राजस्थान मिशन 2030 का विजन डॉक्यूमेन्ट तैयार करने में विभागीय स्तर पर गहन परामर्श (इंटेंसिव कंसल्टेशन), फेस टू फेस सर्वे, आई वी आर सर्वे, स्कूलों-कॉलेजों में निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन, जन सम्मान वीडियो कॉन्टेस्ट की तर्ज पर वीडियो कांटेस्ट का आयोजन, प्रभावशाली समूहों के साथ संवाद स्थापित किये जायेंगे। 

मुख्य सचिव उषा शर्मा ने अभियान में युवाओं की भूमिका पर विशेष बल देने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी विभाग प्रतिबद्ध होकर आपसी सामंजस्य के साथ एक नियत योजना के तहत इस अभियान को सफल बनायें।

बैठक में आयोजना विभाग के प्रमुख शासन सचिव भवानी सिंह देथा ने कहा कि राजस्थान मिशन 2030 अभियान के संदर्भ में आम जन के विकास एवं खुशहाली में सरकार की जनता के प्रति एवं जनता की सरकार के प्रति क्या भूमिका हो इस पर भी सुझाव आमंत्रित किये जायेंगे। इसी क्रम में 31 अगस्त को राजस्थान मिशन 2030 के वेब पोर्टल को लांच किया जाएगा, जिसमें आम जन इस मिशन को बेहतर बनाने हेतु अपने सुझाव दें सकेंगे। इस मिशन हेतु आयोजना विभाग नोडल विभाग होगा साथ ही अभियान के कुशल संचालन के लिये प्रोग्राम मॉनिटरिंग यूनिट का गठन भी किया जाएगा।

बैठक में संयुक्त शासन सचिव आयोजना, श्री सुशील कुलहरी भी मौजूद थे। इनके अतिरिक्त विशेष शासन सचिव, गृह विभाग श्रीमती अर्चना सिंह आयुक्त सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग, श्री इंद्रजीत सिंह, मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, डॉ जितेंद्र सोनी आयुक्त कृषि, श्री गौरव अग्रवाल तथा अन्य संबंधित अधिकारी वी सी के माध्यम से जुड़े थे।

मुख्यमंत्री प्रदेशवासियों को देंगे सौगातें -4430 करोड़ रुपए की लागत के 131 कार्यों का शिलान्यास -387 करोड़ रुपए की लागत के 22 कार्यों का करेंगे लोकार्पण

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर 4 हजार 430 करोड़ की लागत से 131 कार्यों का शिलान्यास एवं 387 करोड़ की लागत से 22 कार्यों का लोकार्पण करेंगे। इस राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन दोपहर 12 बजे वीसी के माध्यम से किया जाएगा। इसमें पंचायत समिति स्तर तक के कार्यालय तथा जनप्रतिनिधि आदि ऑनलाइन जुड़ेंगे। कार्यक्रम में सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजनलाल जाटव एवं विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे।

सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा बजट 2023-24 में प्रत्येक जिले में 5 महत्वपूर्ण सड़क विकास कार्यों की घोषणा की गई थी। इन घोषणाओं के अंर्तगत 17 अगस्त को मुख्यमंत्री द्वारा 3,910 किमी लंबी सड़कों का शिलान्यास एवं 383 किमी लंबी सड़कों-पुलों के कार्यों का लोकार्पण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में प्रत्येक जिले की मुख्य 3 सड़कों के लिए 1 हजार 926 किलोमीटर लम्बाई के 1 हजार 948 करोड़ की लागत के 99 कार्य स्वीकृत किये गए थे। इनमें विभाग द्वारा लगभग सभी कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। इसी क्रम में वर्ष 2022-23 में प्रत्येक जिले की मुख्य 3 सड़कों के लिए 2 हजार 846 किलोमीटर लम्बाई के 3 हजार 133 करोड़ की लागत के 99 कार्य स्वीकृत किये गए थे। इनमें विभाग द्वारा 2 हजार 110 किमी सड़कों के कार्य पूर्ण किये जा चुके है एवं शेष कार्य भी शीघ्र ही पूरे किये जायेंगे। 

प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि इन विकास कार्यों से सभी जिले समान रूप से एक साथ विकास की राह पर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि सड़क विकास कार्यों से यहां शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन आदि सुविधाएं मजबूत होंगी और जिलों की आपस में कनेक्टिविटी बेहतर बनेगी। श्री गालरिया ने कहा कि विभाग द्वारा इन कार्यों को उच्च गुणवत्ता मानकों का ध्यान रखते हुए समयबद्ध रूप से पूरा किया जाएगा।

 10,900 अवैध जल कनेक्शन हटाए, 1965 बूस्टर जब्त किए,अतिरिक्त मुख्य सचिव पीएचईडी की पेयजल व्यवस्था की समीक्षा 

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इस वर्ष अप्रेल से जुलाई माह तक प्रदेश भर में 11 हजार 997 अवैध जल कनेक्शन चिन्हित किए गए थे जिनमें से 10 हजार 900 जल संबंध हटाए गए जबकि 1080 जल कनेक्शन नियमित किए गए। सिर्फ जुलाई माह में ही 3251 अवैध जल कनेक्शन हटाए गए हैं। इस वर्ष 1965 अवैध बूस्टर भी जब्त किए गए हैं। इनमें से 626 बूस्टर सिर्फ जुलाई माह में जब्त किए गए।

अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में बुधवार को यहां जल भवन में आयोजित पेयजल व्यवस्था की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि पिछली समीक्षा बैठक में अवैध जल संबंधों एवं बूस्टर्स के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के अतिरिक्त मुख्य सचिव के निर्देशों के बाद अभियान में तेजी आई। इस वित्तीय वर्ष में नागौर में 1150, टोंक में 1059, अजमेर में 921 एवं जोधपुर नगर वृत्त में 732 अवैध जल कनेक्शन हटाए गए। इसी प्रकार नगर वृत्त जोधपुर में 353, टोंक में 206, एनसीआर अलवर में 130, नगर वृत्त (दक्षिण) जयपुर में 84 अवैध बूस्टर जब्ती की कार्रवाई की गई।

जिन जिलों में अवैध जल संबंधों एवं बूस्टर्स के खिलाफ कम कार्रवाई हुई है वहां के अधीक्षण अभियंताओं को डॉ. अग्रवाल ने कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, राजसमंद, उदयपुर एवं पाली में सबसे कम अवैध जल संबंधों को हटाने की कार्रवाई हुई है। इसी प्रकार अजमेर, जैसलमेर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ एवं राजसमंद में अवैध बूस्टर्स के खिलाफ कार्रवाई सबसे कम हुई है। एसीएस ने अभियंताओं को पेयजल आपूर्ति के समय फील्ड में जाने और समुचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने जल गुणवत्ता परीक्षणों की वर्तमान स्थिति के बारे में भी जानकारी ली। 37 वीं एसएलएसएससी में स्वीकृत विभिन्न ओटीएमपी के कार्यादेश जारी होने में हो रही देरी के लिए भी उन्होंने संबंधित अभियंताओं से कारणों को स्पष्ट करते हुए लिखित जवाब देने के निर्देश दिए।  

78 हजार 422 स्कूलों ने 15 मिनट में इस तरह बना दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड

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देश के 77 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राजस्थान में सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों के एक करोड़ से अधिक विद्यार्थियों ने महज 15 मिनट की समयावधि में एक साथ श्संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचनश् करते हुए एक अनूठा विश्व रिकॉर्ड बनाया है। इस विश्व रिकॉर्ड को ’वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स’ के इंडिया एडिशन में दर्ज करते हुए राजस्थान के स्कूल शिक्षा विभाग के नाम सर्टिफिकेट जारी किया गया है।

यह जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बताया कि आजादी के पर्व के मौके पर जब पूरा देश मातृभूमि का वंदन करते हुए जीवन में इसके लिए कुछ कर गुजरने के संकल्प को दोहराता है, ऐसे में राजस्थान के 78 हजार 422 स्कूलों में एक करोड़ 3 लाख 36 हजार 354 विद्यार्थियों के साथ-साथ 5 लाख 73 हजार 724 शिक्षक एवं कार्मिकों द्वारा 15 मिनट की अवधि में पूरे प्रदेश में एक साथ संविधान और मूल कर्तव्प्यों के प्रति निष्ठा का संकल्प लेकर विश्व कीर्तिमान बनाना देश और प्रदेश के इतिहास में एक नायाब नजीर है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए प्रदेश के सभी सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं, शिक्षक समुदाय, इन कार्यक्रमों में सम्मिलित रहे जनप्रतिनिधियों और गणमान्य अतिथियों सहित शिक्षा विभाग की पूरी टीम को बधाई दी है।

स्कूल शिक्षा विभाग के नाम दर्ज हुआ छठा विश्व कीर्तिमान

डॉ. कल्ला ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी विद्यालयों में क्वालिटी एजुकेशन फोकस करते हुए कई नवाचार किए जा रहे हैं, इसी के परिणाम स्वरूप ’संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों के वाचन’ की इस गतिविधि से छठा विश्व कीर्तिमान राजस्थान के नाम दर्ज हुआ है। इससे पहले प्रदेश में कोरोना काल में जो बच्चे स्कूल जाने से वंचित रह गए थे, उनके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रेरणा से लर्निंग गैप्स की पूर्ति के लिए ’राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम कार्यक्रम‘ के तहत विद्यार्थियों के लिए ब्रिज कोर्स का संचालन किया गया। राज्य के कक्षा 3 से 8 तक के 65 हजार विद्यालयों के लगभग 45 लाख विद्यार्थियों के लर्निंग लेवल्स की जांच के लिए 1.35 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन ’आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ (एआई) से करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने विश्व कीर्तिमान बनाया था। इसके बाद राजस्थान के सभी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने ’आजादी का अमृत महोत्सव’ के अन्तर्गत गत वर्ष 12 अगस्त को प्रातः 10.15 बजे से 10.40 बजे तक एक साथ पांच देशभक्ति गीत गाएं। इसमें सभी जिलों में कक्षा 1 से 12 के एक करोड़ 12 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लेकर दूसरा विश्व कीर्तिमान बनाया।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में गांधी जयंती के अवसर पर राज्य में सामूहिक सर्वधर्म प्रार्थना सभा में राज्य के एक करोड़ 47 लाख से अधिक विद्यार्थियों की भागीदारी से तीसरा विश्व रिकॉर्ड बनाया। राजस्थान के स्कूलों में ’नो-बैग-डे’ के नवाचार के तहत पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की जयंती (19 नवम्बर 2022) पर शुरू की गई ’चेस इन स्कूल एक्टिविटी’ में एक साथ 38 लाख 21 हजार 9 विद्यार्थियों ने भाग लेकर चौथा विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। वहीं इस साल की शुरूआत में रोहट (पाली) में राज्य में 67 वर्ष बाद आयोजित राष्ट्रीय स्काउट व गाइड जम्बूरी में ’टेम्परेरी स्टेडियम निर्माण’ का भी विश्व रिकार्ड स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से स्थापित किया गया। ये सभी कीर्तिमान वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है।  

स्वतंत्रता दिवस पर ऐसे बना विश्व रिकॉर्ड

शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल की गत दिनों आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का प्रदेश के सभी स्कूलों में प्रार्थना सभा के दौरान वाचन किया जाएगा। यह कार्यक्रम विद्यालयों में नियमित रूप से संचालित किया जा रहा है। इसी दिशा में राजस्थान के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नागरिकों में संविधान के मूल्यों और मूल कर्तव्यों के प्रति अधिक जागरूकता लाने की सोच के साथ प्रदेश के सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों में इस आयोजन की विस्तृत रूपरेखा तैयार की गई। सभी स्कूलों में 15 अगस्त को प्रातः 8.15 बजे से 8.30 बजे की समयावधि में स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल, जनप्रतिनिधियों, गणमान्य अतिथियों और आम नागरिकों की उपस्थिति में संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन किया गया। इस आयोजन की सूचनाओं का त्वरित संकलन करने के लिए शाला दर्पण/पीएसपी पोर्टल पर एक मॉड्यूल बनाया गया। इस प्रकार प्रदेश में 15 अगस्त को  78 हजार 422 स्कूलों में एक करोड़ 3 लाख 36 हजार 354 विद्यार्थियों तथा 5 लाख 73 हजार 724 शिक्षक एवं कार्मिकों द्वारा 15 मिनट की अवधि में पूरे प्रदेश में एक साथ संविधान और मूल कर्तव्यों के प्रति निष्ठा का संकल्प लेकर नया विश्व रिकॉर्ड कायम किया गया।

प्रदेश के 130 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में खुलेंगे नए विभाग

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राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में शैक्षिक उत्थान के लिए अहम निर्णय लिए जा रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के 130 विद्यालयों में नवीन संकाय खोलने और विद्यालयों को क्रमोन्नत किए जाने के प्रस्तावों को स्वीकृति दी है। 

सीएम की स्वीकृति से 29 विद्यालयों में विज्ञान संकाय, 48 में वाणिज्य संकाय, 2 में कला संकाय तथा 51 में कृषि संकाय खोले जाएंगे। नए संकायों के संचालन के लिए स्कूल व्याख्याता के 317 एवं प्रयोगशाला सहायक के 29 पद सृजित होंगे। इससे विद्यार्थियों को 10वीं कक्षा के बाद अपनी रूचि के विषय नजदीक ही पढ़ने का अवसर मिलेगा।

10 राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत

मुख्यमंत्री ने 10 राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इसमें चित्तौड़गढ़ जिले के 3, अलवर, भरतपुर व नागौर जिले के 2-2 तथा जालोर जिले का 1 विद्यालय क्रमोन्नत होगा। 

इन क्रमोन्नत विद्यालयों के संचालन के लिए 130 नवीन पद भी सृजित किए जा रहे हैं। नवसृजित पदों में प्रधानाचार्य, कनिष्ठ सहायक व सहायक कर्मचारी के 10-10 पद, वरिष्ठ अध्यापक के 60 पद तथा अध्यापक लेवल-1 व अध्यापक लेवल-2 के 20-20 पद शामिल हैं।

राज्य सरकार की प्रभावी नीतियों से प्रदेश में बढ़ा निवेश और रोजगार,राज्य में 24,681 करोड़ रुपए निवेश के 7 प्रस्ताव मंजूर 10 हजार से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में 24 हजार 681 करोड़ रुपए के निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए 7 परियोजनाओं को कस्टमाइज्ड पैकेज देने की मंजूरी दी है। बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट की पांचवी बैठक में मंजूर प्रस्तावों से 10 हजार से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। 

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा गत साढ़े चार वर्षों में कई महत्वपूर्ण नीतियां एवं कार्यक्रम लागू किए हैं। राजस्थान में एमएसएमई नीति, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (रिप्स-2019), रिप्स 2022, राजस्थान इंडस्ट्रियल डवलपमेंट पॉलिसी-2019, वन स्टॉप शॉप प्रणाली एवं सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से उद्यमियों एवं निवेशकों को कई तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। इससे प्रदेश में निवेश एवं रोजगार में वृद्धि हुई है। 

सीएम अशोक गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर विनिधान बोर्ड (बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट) की पांचवी बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मिशन 2030 के तहत राजस्थान को अग्रणी राज्यों में शामिल करने का संकल्प राज्य सरकार द्वारा लिया गया है एवं औद्योगिक विकास एवं निवेश में वृद्धि की इसमें अहम भूमिका है। वर्ष 2030 तक राज्य की जीडीपी को करीब ढाई गुना बढ़ाकर 35.71 लाख करोड़ रुपए ले जाने का हमारा लक्ष्य है। वर्ष 2018-19 में प्रदेश की जीडीपी करीब 9 लाख 11 हजार करोड़ रुपए थी जोकि आज करीब 14.14 लाख करोड़ रुपए हो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं। इसके लिए सोलर पार्क लगाए जा रहे हैं। सोलर पार्क में लगने वाले कॉम्पोनेन्ट्स की उत्पादन इकाईयां भी राज्य में लगाए जाने की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए। उन्हांेने कहा कि इससे राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी, रोजगार बढ़ेंगे तथा सोलर पार्क लगाने वाली इकाईयों को सुगमता से मॉड्यूल्स व कॉम्पोनेन्ट्स उपलब्ध हो सकेंगे। श्री गहलोत ने औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए।

बैठक में उद्यमों को पैकेज, रियायत, छूट तथा अन्य सुविधाओं के संबंध में आए प्रस्तावों को बोर्ड द्वारा मंजूरी दी गई। अनुमोदित प्रस्तावों में प्रमुख रूप से सोलर सैल एवं मॉड्यूल्स, ऑटो कॉम्पोनेन्ट्स, जूस एवं डेयरी उत्पाद, सीमेंट क्षेत्रों से संबंधित हैं।

उल्लेखनीय है कि वन स्टॉप शॉप प्रणाली के अंतर्गत निवेश प्रस्तावों को त्वरित स्वीकृति एवं अनुमति प्रदान करने के उद्देश्य से गठित इस बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री हैं जबकि उद्योग मंत्री इसके उपाध्यक्ष हैं। 

इन प्रस्तावों को दी मंजूरीः-

1. कमलेश मेटाकास्ट प्राइवेट लिमिटेड की परियोजनाः 1.65 एमटीपीए क्लिंकर, 2.2 एमटीपीए सीमेंट एवं 35 मेगावॉट कैप्टिव सोलर संयंत्र। निवेश राशिः 1715 करोड़ रुपए। रोजगार 825 व्यक्तियों को। स्थानः सिरोही जिले के पिंडवाडा में।

2. हिन्दुस्तान जिंक फर्टिलाइजर प्राइवेट लिमिटेड की परियोजनाः 0.51 एमटीपीए फर्टिलाइजर कॉम्प्लेक्स (डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) एवं एनपीके (छच्ज्ञ) फर्टिलाइजर्स)। निवेश राशिः 1655 करोड़ रुपए। रोजगार 820 व्यक्तियों को। स्थानः चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार में।

3. वारी एनर्जीज लिमिटेड की परियोजनाः इन्गट, वेफर, सोलर सैल एवं सोलर मॉड्यूल्स (12 गीगावॉट क्षमता दो चरणों में)। निवेश राशिः 15,750 करोड़ रुपए। रोजगार 3800 व्यक्तियों को। स्थानः जोधपुर जिले के कांकाणी औद्योगिक क्षेत्र में।

4. जेएसडब्ल्यू रिन्यूऐबल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की परियोजनाः इन्गट, वेफर, सोलर सैल एवं सोलर मॉड्यूल्स (1 गीगावॉट क्षमता)। निवेश राशिः 1674 करोड़ रुपए। रोजगार 1880 व्यक्तियों को। स्थानः बाड़मेर में।

5. बैक्सी ग्रुप की परियोजनाः ऑटो कॉम्पोनेन्ट्स। निवेश राशिः 1005 करोड़ रुपए। रोजगार 2000 व्यक्तियों को। स्थानः भिवाड़ी एवं नीमराणा औद्योगिक क्षेत्र में।

6. कन्धारी ग्लोबल बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड की परियोजनाः कोका-कोला ब्राण्ड के जूस, डेयरी उत्पादों हेतु एक इन्टीग्रेटेड अल्ट्रा मेगा फैसिलिटी। निवेश राशिः 1010 करोड़ रुपए। रोजगार 805 व्यक्तियों को। स्थानः बूंदी जिले में।

7. श्री सीमेंट लिमिटेड की परियोजनाः 3 एमटीपीए क्लिंकर, 4.4 एमटीपीए सीमेंट प्लांट की एकीकृत परियोजना। निवेश राशिः 1872 करोड़ रुपए। रोजगार 500 व्यक्तियों को। स्थानः ब्यावर जिले के जैतारण में।

बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्रीमती शकुंतला रावत, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग एवं वाणिज्य श्रीमती वीनू गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री अखिल अरोड़ा, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा श्री भास्कर ए. सांवत, राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष श्री आशुतोष एटी पेडनेकर, बीआईपी के आयुक्त श्री ओम कसेरा एवं अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना- जयपुर एवं जयपुर ग्रामीण जिले में 11 हजार से ज्यादा पैकेट का हुआ वितरण

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मुख्यमंत्री निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना के तहत बुधवार तक जयपुर एवं जयपुर ग्रामीण जिले में 11 हजार से ज्यादा पात्र लाभार्थियों को फूड पैकेट का वितरण किया गया।

जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि बुधवार तक जयपुर ग्रामीण जिले में कुल 3 हजार 559 लाभार्थियों को फूड पैकेट तो वहीं 3 हजार 600 लाभार्थियों को ऑयल पैकेट वितरित किये गए हैं, वहीं जयपुर जिले में अब तक कुल 7 हजार 734 फुड पैकेट एवं 7 हजार 933 ऑयल पैकेट का वितरण किया गया है।

महंगाई राहत कैंप में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले लाभार्थियों को ही मिलेगा लाभ

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से जुड़े परिवारों के लिए मुख्यमंत्री निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना शुरू की है। राजस्थान सरकार द्वारा आयोजित महंगाई राहत कैंप में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले लाभार्थियों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा। पात्र लाभार्थी को फूड पैकेट प्राप्त करने के लिए अपने नजदीकी उचित मूल्य की दुकान पर अपना जन आधार एवं राशन कार्ड लेकर जाना होगा। पोस मशीन से बायोमेट्रिक सत्यापन के माध्यम से लाभार्थी को फूड पैकेट का वितरण किया जाएगा।

फूड पैकेट में मिल रही यह खाद्य सामग्री-

मुख्यमंत्री निःशुल्क फूड पैकेट योजना के तहत वितरित किये जा रहे फूड पैकेट में एक लीटर सोयाबीन रिफाइंड तेल, एक किलो आयोडीन नमक, एक किलो चीनी, एक किलो चना दाल, 100 ग्राम धनिया पाउडर, 100 ग्राम मिर्च पाउडर, 50 ग्राम हल्दी पाउडर दिया जा रहा है।

‘मिशन 2030‘ के लिए 1 करोड़ प्रदेशवासियों से सुझाव लेगी राज्य सरकार

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने कुशल वित्तीय प्रबंधन कर जनकल्याणकारी योजनाओं से हर व्यक्ति को लाभान्वित किया है। अब राजस्थान को देश के अग्रणी राज्यों में लाने के लिए राज्य सरकार ने ‘मिशन 2030‘ का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए मिशन 2030 की मुहिम चलाकर अर्थशास्त्रियों, लेखकों, पत्रकारों, विद्यार्थियों, सरकारी कर्मचारियों, अधिवक्ताओं, किसानों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं, बुद्धिजीवियों, खिलाड़ियों सहित एक करोड़ प्रदेशवासियों से सुझाव लिए जाएंगे। राज्य सरकार इन्हें समाहित कर मिशन 2030 का विजन डॉक्यूमेंट जारी करेगी।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में प्रदेश की अर्थव्यवस्था करीब 9 लाख 11 हजार करोड़ रुपए थी। यह आज करीब 14.14 लाख करोड़ रुपए है। इसे वर्ष 2030 तक करीब ढाई गुना बढ़ाकर 35.71 लाख करोड़ रुपए ले जाने का हमारा लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक राजस्थानी संकल्प ले कि वे वर्ष 2030 तक राजस्थान में प्रगति की गति 10 गुना बढ़ाकर हर क्षेत्र में देश का प्रथम राज्य बनाने में अहम योगदान निभाएंगे।