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“मुख्य सचिव ने अजमेर संभाग के अधिकारियों से कहा- संवेदनशीलता के साथ काम करें, आमजन को दें राहत”

 अधिकारी संवेदनशील होकर काम करें और प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक केन्द्र व राज्य की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाएं एवं उन्हें राहत प्रदान करें। यह बात मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने मंगलवार को अजमेर में आयोजित संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने कानून एवं शांति व्यवस्था, सुशासन, राज्य बजट घोषणा, राजस्व एवं विभिन्न विभागों से संबंधित योजनाओं एवं कामकाज की समीक्षा की। संभागीय आयुक्त श्री महेश चन्द्र शर्मा एवं पुलिस महानिरीक्षक श्री ओम प्रकाश ने संभाग की प्रगति से अवगत कराया। 

बैठक में मुख्य ​सचिव ने निर्देश दिए कि विकास योजनाओं एवं जनकल्याणकारी कार्यक्रमों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए ताकि अधिकतम लाभ आमजन तक पहुंच सके। मुख्य सचिव ने आगामी अध्यापक पात्रता परीक्षा की तैयारियों की समीक्षा की तथा सुचारू एवं निष्पक्ष सम्पादन के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा भी की गई। साथ ही नकल एवं त्रुटि रहित परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा हुई।

मुख्य सचिव श्री पंत ने लंबित भूमि रूपांतरण और नामांतरण मामलों का जिला कलक्टर एवं एसडीएम स्तर पर विश्लेषण किया। ये मुद्दे आम आदमी से जुड़े हुए हैं इसलिए इनका निस्तारण प्राथमिकता से करें। समय-समय पर कुछ प्रकरणों की जांच भी उच्च स्तर से होनी चाहिए। ई-गवर्नेंस और प्रशासनिक सुधार पर चर्चा की। फाइल निस्तारण में औसत समय और पेंडेंसी का आकलन कर समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए। समस्त पत्रावलियां ई-फाईलिंग सिस्टम से ही सम्पादित होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि राजकीय भूमि को निजी खातेदारी घोषित करने के फैसलों की अपील सक्षम न्यायालय में की जानी चाहिए। इसके लिए पूर्व में किए गए निर्णयों की जांच करें। युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए लगातार कार्यवाही की जाए। इस सम्बन्ध में की गई कार्यवाही की समीक्षा प्रतिमाह जिला स्तर पर होनी चाहिए। आबकारी विभाग, पुलिस विभाग एवं अन्य विभाग मिलकर यह कार्य करें। अवैध खनन को रोकने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस, वन, खनन एवं परिवहन विभाग मिलकर कार्य करें। संगठित अवैध खनन को रोकना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। नागौर में अवैध खनन रोकने के लिए आरएसी पुनः तैनात करने की कार्यवाही करेंं।

श्री पंत ने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध अपराधों को रोकना आवश्यक है। अपराधों को होने से पहले रोकना बडी सफलता होती है। समाज में जागरूकता एवं प्रशासन मेें संवेदनशीलता से यह कार्य किया जा सकता है। राजमार्गों पर दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए क्षेत्रवार डाटा का विश्लेषण कर योजनाएं बनाए। अन्य स्थानों पर किए गए नवाचारों को स्थानीय आवश्यकता के अनुसार उपयोग लें। हाल ही में लागू किए गए नए तीन आपराधिक कानूनों में नियमानुसार एफएसएल जांच एवं ई-सम्मन शत—प्रतिशत करावें। गृह विभाग के द्वारा जारी आदेश तथा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का सभी प्रशिक्षण प्राप्त करें। इन कानूनों से जुड़ी मोबाइल एप का भी उपयोग सुनिश्चित किया जाए। नोटिस की ई-तामिली कराने के लिए सम्बन्धित थाने के लेण्डलाइन से फोन भी जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आईजीगोट मिशन कर्मयोगी के तहत प्रशिक्षण की प्रगति बढ़ाने के लिए निर्देश दिए गए। क्षेत्र में कानून एवं शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के लिए नियमानुसार कार्यवाही की जानी चाहिए। क्षेत्र की घटनाओं पर लगातार नजर रखें। बैठक में विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए जल जीवन मिशन की प्रगति तथा पीएचईडी कार्यों के लिए लंबित विद्युत कनेक्शन एवं भूमि आवंटन मामलों की स्थिति की जानकारी ली। लंबित भूमि अवाप्ति मामलों की समीक्षा कर त्वरित कार्यवाही करने को निर्देशित किया। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की प्रगति को बढ़ाने एवं सौर ऊर्जा पर निर्भरता बढ़ाने के निर्देश दिए। यह फ्लेगशिप योजना सरकार की प्राथमिकता है। कृषि एवं राजस्व से जुड़े मुद्दों पर संभाग की जिलेवार समीक्षा की। इसमें कृषि बिजली कनेक्शन और विद्युत आपूर्ति की स्थिति एवं कृषि इनपुट जैसे बीज एवं उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को निर्देश दिए। समर्थन मूल्य पर खरीद की मोनिटरिंग कर किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करें।

उन्होंने बजट 2025-26 में घोषित परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन की स्थिति पर चर्चा कर घोषणाओं को धरातल पर उतारने एवं शीघ्र क्रियान्विति के निर्देश दिए। स्वास्थ्य एवं जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों को समय पर देने के निर्देश दिए। इसमें आयुष्मान कार्ड, टीबी मुक्त भारत एवं आयुष्मान वय वंदना योजना की प्रगति की समीक्षा सहित प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन की स्थिति की जानकारी ली। भारत को 2025 तक टीबी मुक्त करने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य करें।

उन्होंने राजस्व अर्जन से जुड़े वाणिज्य कर, आबकारी, पंजीयन, स्टांप, खनन एवं परिवहन से संबंधित राजस्व संग्रहण की समीक्षा भी की। पुरानी बकाया वसूली के प्रकरणों पर विशेष ध्यान दें। संपर्क पोर्टल और सीपीग्राम्स पर दर्ज शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण करने के निर्देश दिए। संभाग में 90 दिन से पूराने प्रकरणों को शून्य करने का प्रयास करें।  

इस अवसर पर अजमेर संभाग के जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु, श्री अरूण कुमार पुरोहित, श्री जसमीत सिंह सन्धु, डॉ. सौम्या झा, श्री महेन्द्र सिंह खड़गावत, श्री पुखराज, अजमेर विकास प्राधिकरण की आयुक्त श्रीमती नित्या के. सहित अजमेर संभाग स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। 

“केंद्रीय मंत्री ने ली अलवर दुग्ध उत्पादक संघ की समीक्षा बैठक, सरस डेयरी को आदर्श डेयरी बनाने के लिए योजना तैयार करने के दिए निर्देश।वेटेनरी कॉलेज शुरू करने का प्रस्ताव तैयार करने की भी दी सलाह।किसान मेला लगाने की तैयारी के भी दिए निर्देश।”

केंद्रीय मंत्री यादव ने बैठक में सर्वप्रथम मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को अलवर जिले में नवीन दुग्ध संयंत्र की बजट घोषणा करने पर साधुवाद दिया। उन्होंने जिले में दुग्ध उत्पादक संघ के स्ट्रक्चर, उसके संचालन व दूध के उत्पादन आदि विषयों की समीक्षा करते हुए कहा कि अलवर जिले की भौगोलिक स्थिति के मद्देनजर यहां डेयरी फार्मिंग की बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि अलवर डेयरी को आदर्श डेयरी के रूप में विकसित कर पशुपालकों व किसानों को सहकार से समृद्धि की ओर ले जाने की दिशा में पांच बिन्दुओं पर गंभीरता से कार्य किया जाना है। उन्होंने कहा कि अलवर दुग्ध उत्पादक संघ की क्षमता संवर्धन व तकनीकी सुधार, इसके इंस्फ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि, कार्मिकों की केपेसिटी बिल्डिंग हेतु प्रशिक्षण, मार्केटिंग, किसानों में जागरूकता व उनको वित्तीय सपोर्ट की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कार्य योजना बनाकर उसे अमल में लाएं।  उन्होंने राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत किसानों को मिलने वाले लाभों को विस्तारपूर्वक उन तक पहुँचाने के निर्देश भी दिए गए।

केंद्रीय मंत्री यादव ने अलवर सरस डेयरी को वेटेनरी कॉलेज खोलने के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि वेटेनरी कॉलेज जिले के युवाओं को प्रशिक्षण मिलेगा जिससे स्किल्ड युवा तैयार होंगे तथा जिले का डेयरी सिस्टम को भी मजबूती मिलेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि देश की प्रमुख डेयरियों की तर्ज पर अलवर सरस डेयरी के द्वारा दुग्ध उत्पादक कार्यों के साथ-साथ अन्य सह गतिविधियां प्रारम्भ करने की कार्य योजना बनाएं।

उन्होंने जिला प्रशासन व डेयरी प्रबंधन को निर्देशित किया कि कृषि विज्ञान केंद्र नौगांवा का सहयोग लेकर किसानों व पशुपालकों को केंद्र व राज्य सरकार की पशुपालकों व किसानों के कल्याण की योजनाओं के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य के तहत जिले में बडा मेला लगाए जाने की तैयारियां करें। उन्होंने कहा कि इस मेले में शिरकत करने हेतु मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को आमंत्रित किया जाएगा।  

यादव ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित पशुपालन और डेयरी से संबंधित योजनाओं का लाभ क्रमबद्ध तरीके से किसानों को मिले। उन्होंने पशुपालकों को प्रशिक्षित करने पर जोर दिया, ताकि वे अपनी आय बढ़ाने के साथ-साथ पशुओं की बीमारियों का प्राथमिक स्तर पर निराकरण भी कर सकें।

उन्होंने कहा कि अलवर के प्रसिद्ध कलाकंद के निर्माण में वर्तमान में मानव श्रम का उपयोग अधिक होता है, लेकिन अब इसे मशीनों की सहायता से अधिक कुशलता से तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सरस डेयरी ऐसा उत्पाद विकसित करे, जिसकी पूरे देश में आपूर्ति हो सके। इसके लिए प्रीमियम मार्केट का सर्वेक्षण करने और रणनीति बनाने के निर्देश दिए गए।

आरसीडीएफ लि. की प्रशासन एवं प्रबंध संचालक डॉ. श्रुति भारद्वाज ने पीपीटी के माध्यम से अलवर जिला दुग्ध उत्पादक संघ की संरचना, दुग्ध संकलन, उत्पादन के साथ उसकी क्षमता संवर्धन आदि विषयों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि अलवर डेयरी में 5 लाख लीटर क्षमता का नवीन संयंत्र लगाने की बजट घोषणा राज्य सरकार द्वारा की गई है। इसके लिए लगभग 100 करोड़ रुपये के बजट की स्वीकृति प्रदान की है। जिसका निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होगा।

बैठक में जिला प्रमुख बलबीर सिंह छिल्लर, सरस डेयरी के चेयरमेन विश्राम गुर्जर एवं संचालन मंडल के सदस्यगण, एडीएम द्वितीय योगेश डागुर, नाबार्ड के डीडीएम प्रदीप चौधरी, सरस डेयरी के पूर्व चेयरमैन बन्नाराम मीणा, आरसीडीएफ लि. की संस्थागत विकास अधिकारी सुरभि शर्मा, अलवर दुग्ध संघ के प्रबंध संचालक सुरेश कुमार सेन सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। 

“केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने अलवर जिले के पेयजल प्रबंधन की समीक्षा की, ग्रीष्म ऋतु में सुचारू आपूर्ति के लिए दिए दिशा-निर्देश”

केंद्रीय मंत्री यादव ने अलवर जिले में आगामी ग्रीष्म ऋतु के दृष्टिगत पेयजल आपूर्ति के लिए तैयार किए गए  तत्कालीन प्रकृति एवं दीर्घकालीन प्रकृति की कार्य योजना की समीक्षा कर उन्होंने निर्देश दिये कि अलवर शहर में सुचारू पेयजल आपूर्ति हेतु ग्रीष्म ऋतु के दृष्टिगत स्वीकृत कराए गए अतिरिक्त 69 ट्यूबवेल को मार्च माह में ही चालू करावे तथा 109 चिन्हित ट्यूबवेल को यथाशीघ्र गहरा कराएं, ताकि पेयजल उपलब्धता में वृद्धि हो सके।  

उन्होंने पेयजल आपूर्ति व्यवस्था पर प्रभावी मॉनिटरिंग रखने पर जोर देते हुए निर्देश दिये कि अलवर जिले के नागरिकों की पेयजल समस्या के समाधान हेतु 24 घण्टे कंट्रोल रूम को वार रूम की तर्ज पर संचालित करावे। आने वाली शिकायतों व उसके निराकरण का रिकॉर्ड संधारित किया जावे। पेयजल समस्या के निराकरण हेतु आधुनिक तकनीक को भी उपयोग में लेवें, जिसके तहत ‘अतुल्य अलवर’ पोर्टल का उपयोग तथा वाट्सएप नम्बर आदि का भी उपयोग लेवें। पेयजल टैंकर की मॉनिटरिंग जीपीएस पद्धति से प्रभावी रूप में करें। 

उन्होंने निर्देश दिये कि ग्रीष्म ऋतु में पेयजल उपकरण खराब होने पर 24 घण्टे में ठीक किया जाएं, जिसके लिए अभी से सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जावे। उन्होंने कहा कि सभी उपभोक्ताओं को पेयजल की आपूर्ति सुचारू रूप से होवे इसके लिए राइजिंग मैन लाइन में किए गए अवैध कनेक्शनों हटाने की कार्रवाई करें। 

केंद्रीय मंत्री यादव ने सिलीसेढ झील के पास ट्यूबवेल से अलवर शहर में पेयजल आपूर्ति व नटनी का बारा के पास ट्यूबवेल से पेयजल की आपूर्ति, भाखेडा बांध सहित रामसेतु (संशोधित ईआरसीपी) आदि के कार्यों तथा भूमि जल रिचार्ज के कार्यों की समीक्षा कर निर्देश दिये कि उक्त कार्यों की निविदा प्रक्रिया को समयबद्ध पूर्ण कराकर कार्यों को चालू करावे। उन्होंने कहा कि रामसेतु योजना से जिले की पेयजल समस्या का स्थायी समाधान होगा इस पर तेजी से कार्य चल रहा है।

वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा ने अलवर शहर के ग्रीष्म ऋतु के दौरान पेयजल प्रबंधन के लिए राज्य सरकार से स्वीकृत कराए गए ट्यूबवेल व उनके विधायक कोष से स्वीकृत किए गए ट्यूबवेल को यथाशीघ्र प्रारम्भ करने के साथ खराब मोटर आदि को 24 घण्टे में बदलने की व्यवस्था करने की आवश्यकता बताते हुए इस पर कार्य करने के निर्देश दिये। 

“स्वच्छता सर्वेक्षण में जयपुर को अव्वल बनाने के लिए जिला कलक्टर ने दिए हर संभव प्रयास करने के निर्देश”

जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने जयपुर जिले को स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल बनाने के लिए जनसहभागिता सुनिश्चित करते हुए हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिये हैं। बुधवार को जिला कलक्ट्रेट सभागार में स्वच्छता सर्वेक्षण के अंतर्गत जागरुकता अभियान के संबंध में बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में अभियान से जुड़े हितधारकों एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियों पर चर्चा हुई।

बैठक में जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने अधिकारियों को स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान को जन-जन का अभियान बनाने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार के लिए निर्देशित किया। साथ ही जिला कलक्टर ने नगर निगम के अधिकारियों को डोर टू डोर कचरा संग्रहण व्यवस्था, रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था एवं कचरा निस्तारण व्यवस्था को और भी अधिक प्रभावी बनाने एवं सभी निर्धारित मानकों का धरातल पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। अधिकारियों को अपने कार्यालय परिसर में साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त रखने एवं वेस्ट टू वंडर थीम पर यथासंभव कचरे का रचनात्मक निस्तारण अथवा पुन:उपयोग करने के निर्देश दिये।

जिला कलक्टर ने अधिकारियों को शहर में पर्याप्त संख्या में कचरा पात्र रखने एवं उनके रखरखाव की उचित व्यवस्था करने, कच्ची बस्तियों में सफाई, खुले में शौच के प्रतिबंध की पूर्णतः पालना करवाने, नालों की सफाई करवाने, कचरा पॉइंट से समय-समय पर कचरे का उठाव करवाने, धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों पर सफाई की विशेष व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये।

वहीं, बैठक में जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने निजी कोचिंग संचालकों एवं अन्य हितधारकों को जयपुर शहर की सफाई व्यवस्था में अपना सक्रिय भागीदारी निभाने, कोचिंग भवनों एवं आसपास के क्षेत्र में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिये।

बैठक में आयुक्त जयपुर नगर निगम ग्रेटर रुक्मणी रियार, आयुक्त जयपुर नगर निगम हैरिटेज अरुण कुमार हसीजा, अतिरिक्त जिला कलक्टर मुकेश कुमार मूंड सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी, कोचिंग संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित अन्य हितधारकों ने शिरकत की।

“कृष्ण कुणाल ने अधिकारियों से कहा- ज्वलंत समस्याओं का त्वरित निदान करें, शिक्षा विभाग के अनुदान पर तैयारी बैठक”

स्कूल शासन सचिव कृष्ण कुणाल की अध्यक्षता में 16वीं विधानसभा के वर्तमान सत्र में स्कूल शिक्षा विभाग की वर्ष 2025-26 के लिए आय व्ययक अनुदान की मांगों को लेकर मंगलवार को बैठक हुई, जिसमें विधानसभा में पूछे गए प्रश्नों एवं संभावित प्रश्नों के अलावा प्रति उत्तर तैयार करने के निर्देश दिए गए। शासन सचिव ने संबंधित विभागों को सभी पेंडिंग प्रश्नों के उत्तर, प्रति उत्तर, विभागीय समीक्षा, उपलब्धियां, नवाचार, ब्लॉक/जिला/प्रदेश स्तरीय समस्याएं एवं ज्वलंत मुद्दों पर जवाब तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान श्री कृष्ण कुणाल ने सत्र में आए सभी प्रश्नों के संबंध में विस्तृत चर्चा की और पूरक सामग्री सहित संभावित प्रश्नों को श्रेणीवार तैयार करने के लिए भी निर्देशित किया। 

आरटीई पर जोर देते हुए शासन सचिव ने प्रारंभिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा एवं मिड डे मील, भाषा एवं पुस्कालय विभाग, राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल, आरएससीईआरटी, स्टेट ओपन स्कूल, बालिका शिक्षा फाउंडेशन, भारत स्काउंट एंड गाइड, हिंदुस्तान स्काउंट एंड गाइड सहित अन्य संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों को स्कूल या विभाग की समस्याओं का पता लगाने एवं उनके त्वरित समाधान करने और सभी सेक्शन को मॉनिटर करने के भी निर्देश दिए। 

इस अवसर पर मिड डे मील आयुक्त विश्व मोहन शर्मा, राज्य परियोजना निदेशक एवं आयुक्त, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद अनुपमा जोरवाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आशीष मोदी, संयुक्त शासन सचिव मनीष गोयल, अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक सुरेश कुमार बुनकर सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।

“लोकसभा अध्यक्ष ने कहा- हाड़ौती के विकास और आत्मनिर्भरता की यात्रा में सभी को बनना होगा सहभागी””पूर्व विधायक प्रभु लाल करसोलिया की मूर्ति का अनावरण, करवर में 6.92 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास”

बिरला ने स्व. करसोलिया के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समाज और देश की सेवा में समर्पित कर दिया। वे गरीब, वंचित और पिछड़े वर्गों के लिए संघर्ष और जनसेवा का पर्याय थे। उनका जीवन दर्शाता है कि लोकतंत्र में कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी छोटे गाँव से क्यों न हो, अपनी मेहनत और ईमानदारी से नेतृत्व की ऊँचाइयों तक पहुँच सकता है।  

बिरला ने कहा कि करसोलिया ने राजनीति को जनकल्याण का माध्यम बनाया। वे सदैव जनता के हितों की रक्षा के लिए संघर्षरत रहे। बिरला ने कहा कि करसोलिया  ने संसाधनों की कमी के बावजूद जनता की सेवा को अपना सर्वोच्च कर्तव्य माना और अपने अंतिम समय तक इसी संकल्प के साथ कार्य करते रहे।  

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि क्षेत्र के बुनियादी विकास कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। पिछले वर्षों में जिन कार्यों की उपेक्षा हुई, उन्हें अब तेज़ी से पूरा किया जा रहा है। करवर की 12 पंचायतों में 180 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों का निर्माण कार्य जारी है। उन गाँवों को भी सड़कों से जोड़ा जाएगा, जो वर्षों से विकास से वंचित थे। क्षेत्र में बिजली तंत्र को सुदृढ़ किया जा रहा है, जिससे बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से संचालित होगी और निकट भविष्य में किसानों को दिन में भी बिजली मिल सकेगी।  

बिरला ने कहा कि सभी सीनियर हायर सेकेंडरी स्कूलों, जहाँ विज्ञान विषय उपलब्ध हो, वहाँ 10 लाख रुपये की लागत से अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की जाएगी। आगामी दो वर्षों में विद्यालयों में कंप्यूटर लैब और इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे गाँवों के बच्चों को भी आधुनिक तकनीक से जुड़ने का अवसर मिलेगा। मिडिल स्कूलों में भी कंप्यूटर शिक्षा को लागू करने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ब्लॉक में 60 लाख रुपये की लागत से महिला प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जहाँ महिलाएँ सिलाई, कढ़ाई और अन्य स्वरोजगार प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन सकेंगी।

बिरला ने कहा कि क्षेत्र के असिंचित इलाकों को सिंचाई सुविधा देने के लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की जा रही है। हर खेत तक पानी पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिससे किसानों को अपनी उपज बढ़ाने में सहायता मिलेगी। साथ ही, क्षेत्र को ERCP (ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट) से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि जल समस्या का स्थायी समाधान हो।  

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि करसोलिया का सपना था कि यह क्षेत्र आत्मनिर्भर और विकसित बने। आज उनकी स्मृति में किए जा रहे विकास कार्य इसी संकल्प का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि जनता की आकांक्षाओं को पूरा करना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। हम सभी को मिलकर इस क्षेत्र को विकास के नए शिखर तक ले जाना है। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि वे भी इस विकास यात्रा में सहभागी बनें और अपने गाँव, अपने क्षेत्र के उत्थान में योगदान दें। करसोलिया की मूर्ति सिर्फ़ एक प्रतिमा नहीं, बल्कि जनसेवा और संघर्ष की प्रेरणा है, जो आने वाली पीढ़ियों को सदैव समाज सेवा के लिए प्रेरित करती रहेगी।  

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि प्रभुलाल करसोलिया ने क्षेत्र का नेतृत्व किया और गाँव-गाँव में विकास की अलख जगाई। वे सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यों के माध्यम से हमेशा समाज के बीच सक्रिय रहे। उन्होंने सामूहिक विवाहों का आयोजन कर समाज हित में अनेक उल्लेखनीय कार्य किए। अपने इन प्रयासों के कारण वे हर परिवार के दिल में बसे हुए थे और हर घर में प्रिय थे। हम सभी के मन में उनकी स्मृतियाँ सदैव जीवंत रहेंगी।

“मुख्य सचिव ने अजमेर संभाग के अधिकारियों से कहा- संवेदनशील होकर करें काम, आमजन को दें राहत”

बैठक में मुख्य ​सचिव ने निर्देश दिए कि विकास योजनाओं एवं जनकल्याणकारी कार्यक्रमों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए ताकि अधिकतम लाभ आमजन तक पहुंच सके। मुख्य सचिव ने आगामी अध्यापक पात्रता परीक्षा की तैयारियों की समीक्षा की तथा सुचारू एवं निष्पक्ष सम्पादन के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा भी की गई। साथ ही नकल एवं त्रुटि रहित परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा हुई।

मुख्य सचिव पंत ने लंबित भूमि रूपांतरण और नामांतरण मामलों का जिला कलक्टर एवं एसडीएम स्तर पर विश्लेषण किया। ये मुद्दे आम आदमी से जुड़े हुए हैं इसलिए इनका निस्तारण प्राथमिकता से करें। समय-समय पर कुछ प्रकरणों की जांच भी उच्च स्तर से होनी चाहिए। ई-गवर्नेंस और प्रशासनिक सुधार पर चर्चा की। फाइल निस्तारण में औसत समय और पेंडेंसी का आकलन कर समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए। समस्त पत्रावलियां ई-फाईलिंग सिस्टम से ही सम्पादित होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि राजकीय भूमि को निजी खातेदारी घोषित करने के फैसलों की अपील सक्षम न्यायालय में की जानी चाहिए। इसके लिए पूर्व में किए गए निर्णयों की जांच करें। युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए लगातार कार्यवाही की जाए। इस सम्बन्ध में की गई कार्यवाही की समीक्षा प्रतिमाह जिला स्तर पर होनी चाहिए। आबकारी विभाग, पुलिस विभाग एवं अन्य विभाग मिलकर यह कार्य करें। अवैध खनन को रोकने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस, वन, खनन एवं परिवहन विभाग मिलकर कार्य करें। संगठित अवैध खनन को रोकना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। नागौर में अवैध खनन रोकने के लिए आरएसी पुनः तैनात करने की कार्यवाही करेंं।

पंत ने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध अपराधों को रोकना आवश्यक है। अपराधों को होने से पहले रोकना बडी सफलता होती है। समाज में जागरूकता एवं प्रशासन मेें संवेदनशीलता से यह कार्य किया जा सकता है। राजमार्गों पर दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए क्षेत्रवार डाटा का विश्लेषण कर योजनाएं बनाए। अन्य स्थानों पर किए गए नवाचारों को स्थानीय आवश्यकता के अनुसार उपयोग लें। हाल ही में लागू किए गए नए तीन आपराधिक कानूनों में नियमानुसार एफएसएल जांच एवं ई-सम्मन शत—प्रतिशत करावें। गृह विभाग के द्वारा जारी आदेश तथा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का सभी प्रशिक्षण प्राप्त करें। इन कानूनों से जुड़ी मोबाइल एप का भी उपयोग सुनिश्चित किया जाए। नोटिस की ई-तामिली कराने के लिए सम्बन्धित थाने के लेण्डलाइन से फोन भी जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आईजीगोट मिशन कर्मयोगी के तहत प्रशिक्षण की प्रगति बढ़ाने के लिए निर्देश दिए गए। क्षेत्र में कानून एवं शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के लिए नियमानुसार कार्यवाही की जानी चाहिए। क्षेत्र की घटनाओं पर लगातार नजर रखें। बैठक में विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए जल जीवन मिशन की प्रगति तथा पीएचईडी कार्यों के लिए लंबित विद्युत कनेक्शन एवं भूमि आवंटन मामलों की स्थिति की जानकारी ली। लंबित भूमि अवाप्ति मामलों की समीक्षा कर त्वरित कार्यवाही करने को निर्देशित किया। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की प्रगति को बढ़ाने एवं सौर ऊर्जा पर निर्भरता बढ़ाने के निर्देश दिए। यह फ्लेगशिप योजना सरकार की प्राथमिकता है। कृषि एवं राजस्व से जुड़े मुद्दों पर संभाग की जिलेवार समीक्षा की। इसमें कृषि बिजली कनेक्शन और विद्युत आपूर्ति की स्थिति एवं कृषि इनपुट जैसे बीज एवं उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को निर्देश दिए। समर्थन मूल्य पर खरीद की मोनिटरिंग कर किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करें।

उन्होंने बजट 2025-26 में घोषित परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन की स्थिति पर चर्चा कर घोषणाओं को धरातल पर उतारने एवं शीघ्र क्रियान्विति के निर्देश दिए। स्वास्थ्य एवं जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों को समय पर देने के निर्देश दिए। इसमें आयुष्मान कार्ड, टीबी मुक्त भारत एवं आयुष्मान वय वंदना योजना की प्रगति की समीक्षा सहित प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन की स्थिति की जानकारी ली। भारत को 2025 तक टीबी मुक्त करने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य करें।

उन्होंने राजस्व अर्जन से जुड़े वाणिज्य कर, आबकारी, पंजीयन, स्टांप, खनन एवं परिवहन से संबंधित राजस्व संग्रहण की समीक्षा भी की। पुरानी बकाया वसूली के प्रकरणों पर विशेष ध्यान दें। संपर्क पोर्टल और सीपीग्राम्स पर दर्ज शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण करने के निर्देश दिए। संभाग में 90 दिन से पूराने प्रकरणों को शून्य करने का प्रयास करें।  

इस अवसर पर अजमेर संभाग के जिला कलक्टर लोक बन्धु, अरूण कुमार पुरोहित, जसमीत सिंह सन्धु, डॉ. सौम्या झा, महेन्द्र सिंह खड़गावत, पुखराज, अजमेर विकास प्राधिकरण की आयुक्त श्रीमती नित्या के. सहित अजमेर संभाग स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। 

“रसद विभाग ने की बड़ी कार्रवाई, 12 सिलेण्डर जब्त”

 रसद विभाग द्वारा घरेलू एलपीजी सिलेण्डरों के अवैध उपयोग की सूचना पर रूपनगढ़ क्षेत्र में घरेलू गैस सिलेण्डरों की धरपकड़ का अभियान चलाया गया। मंगलवार को जांच दल द्वारा 5 एलपीजी, 6 छोटे अप्रमाणित, एक व्यवसायिक 5 किग्रा सिलेण्डर एवं 20 रिफिलिंग बांसुरी जब्त कुल 12 घरेलू गैस सिलेण्डर जब्त किए गए।

     जिला रसद अधिकारी नीरज कुमार जैन ने बताया कि जोधपुर स्वीट होम मोरडी खुर्द रूपनगढ़ से एक घरेलू सिलेण्डर, प्रजापत गैस एण्ड टूल्स सर्विस रूपनगढ़ से 2 घरेलू एलपीजी, एक व्यावसायिक सिलेण्डर 5 किग्रा, 10 रिफिलिंग बांसुरी एवं आर. के. गैस सर्विस अटल चौक रूपनगढ़ से 2 घरेलू एलपीजी सिलेण्डर, 6 अप्रमाणित 5 किग्रा सिलेण्डर तथा 10 रिफिलिंग बांसुरी जब्त किए गए।

इन फर्मो का यह कृत्य एलपीजी ऑर्डर-2000 का उल्लंघन है। साथ ही ये प्रकरण ईसी एक्ट 1955 की धारा 6 ए में जिला कलक्टर के न्यायालय में प्रस्तुत किए जाएंगे। जांच दल में प्रवर्तन अधिकारी श्रीमती मीना कुमारी एवं प्रवर्तन निरीक्षक मुकेश बुगलिया रहे।

कौशिक शिक्षा निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में “महाशिवरात्रि महोत्सव” का आयोजन हुआ

“महाशिवरात्रि” पर्व पर दादी का फाटक स्थित कौशिक शिक्षा निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में “महाशिवरात्रि महोत्सव” का आयोजन हुआ। साथ ही “तनाव मुक्त जीवन कैसे जिए” ध्यान कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमे सभी कक्षाओं के विद्यार्थी भाग लिया। इसके अलावा विधार्थियों द्वारा नृत्य और संगीत की मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई

ओशो लाइब्रेरी जयपुर के प्रवक्ता नरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि स्वामी ओम शांति की उपस्थिति में बच्चों को ओशो निर्देशित ॐनाद ब्रह्म ध्यान, नो माइंड, जिबरिश, लाफ्टर विधि करवाई गई। बच्चों ने बहुत उत्साह के साथ ध्यान की गंगा में डुबकी लगाई। ओशो प्रवचन द्वारा निर्देशित विपश्यना ध्यान प्रयोग करवाया गया। ये विधियां विद्यार्थियों को भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव मुक्त रखेंगी में बहुत सहायक हैं।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस देवी लाल ने शिव रात्रि के महत्व को समझाते हुए बताया कि इस दिन सूर्य, चन्द्रमा व पृथ्वी एक ही सीधी रेखा में आने के कारण ध्यान सहज ही घटित होता है। जय शंकर ने बताया कि अपने जीवन में अपनी ज्ञानेंद्रिय- कर्मेंद्रियां का सही से इस्तेमाल करते हुए जीवन में विशिष्ट योग्यताओं को जागृत कर सकते हैं। अपनी भावना को सशक्त करते हुए एक शुद्ध आचरण का निर्माण कर सकते हैं। पप्पू सिंह राठौड़ ने ओशो लाइब्रेरी जयपुर की और से स्कूल के डायरेक्टर एवं सभी शिक्षकों को एवं बच्चों को साधुवाद दिया।

इस कार्यक्रम में संपन्न होने पर स्कूल की प्रिंसिपल-किरण शर्मा और डायरेक्टर अनिल कौशिक,संयोजक-ज्योति मिश्रा,चन्द्रशेखर टांक, बसंत शिखवाल,दिनेश शर्मा -हिमांशु शर्मा,कैलाश कुमावत विजेंद्र पंवार, पुष्पेंद्र वर्मा और विशंभरी भंडारी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

“राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय का 21वां दीक्षांत समारोह: राज्यपाल ने किसानों तक शोध और अनुसंधान का लाभ पहुंचाने पर दिया जोर”

राज्यपाल ने कहा कि देश की आजादी के समय हमारे देश की जनसंख्या और उत्पादन कम था। आज जनसंख्या बढ़ी है और उत्पादन बढ़ा है, लेकिन अब जमीन और पानी सीमित है। इसके मद्देनजर अब इनके समुचित उपयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राजस्थान जैसे प्रदेश में पानी की बहुत कमी है। ऐसे में पानी को रोकना बहुत जरूरी है। इससे भूजल स्तर सुधरेगा और भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी।

  

राज्यपाल ने कहा कि कृषि और पशुपालन हमारी आजीविका का आधार रहा है। खेती और पशुपालन का विकास ही राष्ट्र के विकास की धुरी है। राज्यपाल ने कहा कि ‘हर खेत को पानी, हर हाथ को काम’ की अवधारणा को साकार करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है।

राज्यपाल ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय कृषि की नई तकनीकें इजाद करें और किसानों तक इन्हें पहुंचाएं।

कुलपति डॉ अरुण कुमार ने स्वागत उद्बोधन दिया। दीक्षांत अतिथि डॉ मंगला राय ने कहा कि  वैश्विक जनसंख्या की बढ़ती आहार आवश्यकता, घटती खेती योग्य जमीन, उर्वरा शक्ति का क्षरण, पानी की कमी, कृषि लागतों में बढ़ोतरी जैसे विषय भविष्य की गंभीर चुनौतियां होंगी।

समारोह में राज्यपाल एवं कुलाधिपति द्वारा कृषि संकाय, सामुदायिक विज्ञान संकाय और आईएबीएम के कुल 1480 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। उन्होंने  डॉ. मंगला राय को कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉक्टर ऑफ साइंस (कृषि) की मानद उपाधि प्रदान की। राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न विषयों पर आधारित 9 प्रकाशनों का विमोचन किया गया। उन्होंने स्व. रामनारायण चौधरी कृषि महाविद्यालय, मंडावा के भवन और छात्रावास भवन का किया लोकार्पण भी किया।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में प्रारम्भ किए गए ‘आपणो कृषि बाजार’ का लोकार्पण भी किया। उन्होंने किसानों से संवाद करते हुए कहा कि अपने उत्पादों के विपणन के लिए भी सजग रहें। उन्होंने फसलों के साथ खाद्य प्रसंस्करण और डेयरी उत्पादों के बाजार की दृष्टि से आपनो बाजार को महती बताया।