कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हिंदूओं को लेकर एक बहुत बड़ा विवादित बयान दे दिया ….ये बयान करोड़ों हिंदुओं की भावना को आहत करने वाला माना जा रहा है …वहीं इस बयान का लोकसभा की कार्रवाई के दौरान कड़ा विरोध भी किया गया….और पूरे देश में राहुल गांधी के माफी मांगने की मांग की जा रही है ….तो चलिये जानते है कि आखिर राहुल गांधी ने ऐसा क्या बोल दिया कि हिंदूओं की भावना आहत हो गयी है ..
दरअसल ये पूरा मामला तब शुरू हुआ जब संसद में राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोलना शुरू किया . इस दौरान उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत संविधान से की और मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए वो ‘हिंदुत्व’ पर पहुंच गए. इस बीच राहुल ने सदन में शिव, हिंदू और हिंदुत्व को लेकर ऐसा बयान दिया, जिसे हंगामा खड़ा हो गया..दरअसल राहुल ने कहा कि सत्ता पक्ष के लोग हिंदू नहीं हैं..उन्होने कहा कि जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो दिन रात हिंसा, हिंसा, नफरत, नफरत, असत्य, असत्य असत्य कहते हैं.” इतना कहते ही सदन में बवाल हो गया…और राहुल गांधी का विरोध किया गया ..वहीं इसके बाद भी राहुल गांधी यहीं नहीं रुके….उन्होने मोदी सरकार को फिर से घेरते हुये कहा कि ‘मोदीजी ने अपने भाषण में एक दिन कहा कि हिंदुस्तान ने कभी किसी पर हमला नहीं किया. इसका कारण है. हिंदुस्तान अहिंसा का देश है, यह डरता नहीं है. लेकिन दूसरी तरफ जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा..नफरत-नफरत-नफरत..की बात करते है …इसलिये आप हिंदू हो ही नहीं….जबकि हिंदू धर्म में साफ लिखा है सच का साथ देना चाहिए…. इस दौरान राहुल गांधी ने भगवान शंकर की तस्वीर भी दिखाई। लेकिन तभी स्पीकर ने उन्हें नियमों का हवाला देते हुए रोक दिया। लेकिन राहुल गांधी रूके नहीं ..उन्होने आगे कहा कि ‘जब भगवान शिव अपने गले में सांप लपेटते हैं तो वो कहते हैं कि वह हकीकत को स्वीकार करते हैं। उनकी बायीं हाथ की तरफ त्रिशूल है। त्रिशूल हिंसा का प्रतीक नहीं है बल्कि ये अहिंसा का प्रतीक है। अगर ये हिंसा का प्रतीक होता तो वह दायें हाथ में होता है। उन्होने कहा कि हमने जब BJP से लड़ाई की, तब हिंसा नहीं की.” राहुल गांधी ने कहा अपने भाषण में अभय मुद्रा का जिक्र किया और धार्मिक ग्रंथों की बातों का उदाहरण देकर अपनी बात समझाने की कोशिश भी की. उन्होंने कहा कुरान में लिखा है- ‘पैगंबर ने कहा है कि डरना नहीं है. गुरु नानक जी के चित्र में भी आपको अभय मुद्रा दिखेगी. वह भी कहते हैं, डरो मत, डराओ मत.
इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि आज अपने भाषण में बीजेपी और आरएसएस को कहना चाहता हूं जो हमारे आइडिया के बारे में है …जिसका पूरा विपक्ष इस्तेमाल कर रहा है। यह आइडिया कहां से आता है, यह कैसे हमें ताकत देता है? यह हमें ताकत देता है कि बिना डरे आगे बढ़ो।’….भारत के विचार, संविधान और संविधान पर हमले का विरोध करने वाले लोगों पर एक व्यवस्थित और पूर्ण पैमाने पर हमला किया गया है…. हममें से कई लोगों पर व्यक्तिगत हमले किये गये. कुछ नेता अभी भी जेल में हैं. जिस किसी ने भी सत्ता और धन के केंद्रीकरण, गरीबों और दलितों और अल्पसंख्यकों पर आक्रामकता के विचार का विरोध किया, उसे कुचल दिया गया. भारत सरकार के आदेश से, भारत के प्रधान मंत्री के आदेश से मुझ पर हमला किया गया. इसका सबसे सुखद हिस्सा ईडी द्वारा 55 घंटे की पूछताछ थी.’
राहुल गांधी की इन बातों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खड़े होकर राहुल के इस विचार पर आपत्ति जताई…। हालांकि, जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी, बीजेपी और आरएसएस को नफरती और हिंसक कहा है,.. ना कि पूरे हिंदू समाज को….वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल के बयान पर आपत्ति जताते हुए सिर्फ इतना कहा था, ‘ये विषय बहुत गंभीर है। पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना ये गंभीर विषय है।’ इस पर राहुल गांधी बोलने लगे, ‘नरेंद्र मोदी पूरे हिंदू समाज नहीं हैं। आरएसएस पूरा हिंदू समाज नहीं है।’ राहुल गांधी ने कहा कि ‘बीजेपी के लोगों ने हिंदुओं का ठेका नहीं लिया है, वह सिर्फ बीजेपी की बात कर रहे हैं ना की हिन्दुओं की।’
इसके साथ ही राहुल गांधी के इस बयान के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के नेता ने जो कहा, उन्हें इसकी माफी मांगनी चाहिए. इस धर्म पर करोड़ों लोग गर्व से हिंदू कहते हैं. मैं उनको गुजारिश करता हूं कि इस्लाम में अभय मुद्रा पर एक बार वो इस्लामिक विद्वानों की राय वो ले लें.
इसके बाद भूपेंद्र यादव भी राहुल गांधी के बयान का विरोध किया ..उन्होने कहा कि हिंसा की भावना को किसी धर्म के साथ जोड़ना और संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसा बोलने के लिए माफी मांगनी चाहिए.’