राजस्थान में उपचुनावों का चुनावी रण सज चुका है, दोनों बड़ी पार्टियों ने सातों सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं. इस वीडियो में हम आपको राजस्थान के सात विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव का विस्तृत विश्लेषण देंगे। इन सीटों पर लड़ाई बेहद दिलचस्प है क्योंकि यहां कुछ सीटों पर नए चेहरों ने जगह बनाई है तो कुछ सीटों पर राजनीतिक परिवारों की विरासत कायम रखने की कोशिश हो रही है।
उपचुनाव की तारीखें
- अधिसूचना और नामांकन: 18 अक्टूबर 2024
- नामांकन की आखिरी तारीख: 25 अक्टूबर 2024
- मतगणना: 23 नवंबर 2024
जिनपर उपचुनाव हो रहे हैं।
तो सबसे पहले बात करते हैं उन सीटों की, जिनपर उपचुनाव हो रहे हैं। ये सात सीटें हैं – रामगढ़, झुंझुनूं, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, सलूंबर, और चौरासी। इन सीटों पर उपचुनाव क्यों हो रहे हैं? इसका कारण सांसद बनने के बाद विधायक की सीटें खाली होना और कुछ सीटों पर विधायकों के निधन के बाद सीटें खाली हो जाने से उपचुनाव करवाए जा रहे हैं।
क्यों हो रहे हैं उपचुनाव?
- रामगढ़: विधायक जुबेर खान के निधन के बाद।
- झुंझुनूं: बृजेंद्र ओला सांसद बने, सीट खाली।
- दौसा: मुरारीलाल मीणा सांसद बने, सीट खाली।
- देवली उनियारा: हरीश मीणा सांसद बने, सीट खाली।
- खींवसर: हनुमान बेनीवाल सांसद बने, सीट खाली।
- सलूंबर: अमृतलाल मीणा के निधन के बाद।
- चौरासी: बीएपी के सांसद बनने से सीट खाली।
- अब हम बात करते हैं कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशियों की। कांग्रेस ने रामगढ़ से जुबेर खान के बेटे आर्यन खान, झुंझुनूं से बृजेंद्र सिंह ओला के बेटे अमित ओला, दौसा से डी.डी. बैरवा, खींवसर से डॉ. रतन चौधरी, सलूंबर से रेशमा मीणा और चौरासी से महेश रोत को मैदान में उतारा है।
कांग्रेस के उम्मीदवार
- रामगढ़: आर्यन खान
- झुंझुनूं: अमित ओला
- दौसा: डी.डी. बैरवा
- खींवसर: डॉ. रतन चौधरी
- सलूंबर: रेशमा मीणा
- चौरासी: महेश रोत
- वहीं, बीजेपी ने रामगढ़ से सुखवंत सिंह, झुंझुनूं से राजेंद्र भांबू, दौसा से जगमोहन मीणा, खींवसर से रेवंत राम डागा, सलूंबर से शांता देवी और चौरासी से कारीलाल ननोमा को प्रत्याशी बनाया है।
बीजेपी के उम्मीदवार
- रामगढ़: सुखवंत सिंह
- झुंझुनूं: राजेंद्र भांबू
- दौसा: जगमोहन मीणा
- खींवसर: रेवंत राम डागा
- सलूंबर: शांता देवी
- चौरासी: कारीलाल ननोमा
अब इन सीटों के पिछले चुनावी आंकड़ों पर नजर डालते हैं। चौरासी विधानसभा सीट पर 2023 में बीएपी के राजकुमार रोत ने भारी जीत हासिल की थी, उन्हें 1,11,150 वोट मिले थे, जबकि भाजपा के सुशील कटारा को केवल 41,984 वोट ही मिल सके।
चौरासी विधानसभा 2023
- बीएपी: राजकुमार रोत (1,11,150 वोट, 54.93% वोट शेयर)
- भाजपा: सुशील कटारा (41,984 वोट, 20.74% वोट शेयर)
इसी तरह, 2018 में भी बीएपी के राजकुमार रोत ने 64,119 वोट लेकर चुनाव जीता था। लेकिन, 2013 में भाजपा ने यहां जीत दर्ज की थी।
अब हम बात करते हैं क्यों इन चुनावों में प्रत्याशियों की इतनी चर्चा हो रही है। झुंझुनूं सीट पर बृजेंद्र ओला का दबदबा है, जिन्होंने लगातार चार बार विधायक और अब सांसद बनने का सफर तय किया है। ऐसे में उनके बेटे अमित ओला पर दांव लगाया गया है।
रामगढ़ में जुबेर खान के बेटे आर्यन खान को टिकट दिया गया है, यहां कांग्रेस ने इमोशनल कार्ड खेला है।
दूसरी ओर, खींवसर में हनुमान बेनीवाल की पार्टी रालोपा का प्रभाव है, और यहां कांग्रेस की ओर से डॉ. रतन चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है।
भाजपा ने इन चुनावों के लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी कर दी है, जिसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम शामिल है। ये नेता सातों सीटों पर चुनाव प्रचार करेंगे, जिसमें रैली, रोड शो और सभाएं होंगी।
स्टार प्रचारक
- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
- पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे
- केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल
तो राजस्थान का उपचुनाव केवल सात सीटों का मामला नहीं, यह आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों का माहौल भी तय करेगा। इन चुनावों में कांग्रेस और बीजेपी की रणनीति, प्रत्याशियों के चयन और क्षेत्रीय समीकरणों पर पूरा फोकस है।