Home राज्य Rajasthan By Elections: सात सीटों पर उपचुनाव, स्टार प्रचारकों का जमावड़ा शुरू, 13 नवंबर को मतदान

Rajasthan By Elections: सात सीटों पर उपचुनाव, स्टार प्रचारकों का जमावड़ा शुरू, 13 नवंबर को मतदान

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जयपुर। राजस्थान की सात सीटों—दौसा, झुंझुनूं, देवली-उनियारा, रामगढ़, सलूंबर, खींवसर और चौरासी—पर उपचुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। मतदान में महज 9 दिन शेष रह गए हैं, और दिवाली के बाद अब चुनावी प्रचार चरम पर पहुंचने वाला है। बीजेपी और कांग्रेस समेत सभी पार्टियों के स्टार प्रचारक मैदान में उतरने की तैयारी में हैं।

सचिन पायलट आज से प्रचार में जुटेंगे

कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट आज से दौसा सीट पर पार्टी प्रत्याशी दीनदयाल बैरवा के समर्थन में प्रचार करेंगे। उनके कई कार्यक्रम तय हैं। वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली रामगढ़ में आर्यन खान के लिए प्रचार करेंगे। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा भी कल से चुनावी सभाओं में शिरकत करेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र सिंह पहले ही प्रचार अभियान में जुट चुके हैं।

बीजेपी की रणनीति: सीएम भजनलाल शर्मा की सक्रियता

बीजेपी में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कमान संभाल ली है। सीएम भजनलाल ने आज सभी सात सीटों के लिए फीडबैक लिया और संगठन की बैठकों में रणनीति तैयार करेंगे। कल से वे खुद प्रचार में उतरेंगे। प्रदेश प्रभारी राधामोहनदास अग्रवाल और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी चुनावी मैदान में सक्रिय हो रही हैं।

कांग्रेस के स्टार प्रचारक:

कांग्रेस ने अपने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है, जिनमें पूर्व सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट, टीकाराम जूली, गोविंद सिंह डोटासरा, जितेंद्र सिंह, चिरंजीव राव, रघु शर्मा, दिव्या मदेरणा, हरीश चौधरी और सीपी जोशी शामिल हैं। ये नेता भजनलाल सरकार के कार्यकाल पर हमला बोलते हुए पार्टी के लिए समर्थन जुटाएंगे।

बीजेपी के स्टार प्रचारक:

बीजेपी की सूची में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल और दिया कुमारी जैसे बड़े नाम शामिल हैं। बाबा बालकनाथ, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और डॉ. किरोड़ीलाल मीणा जैसे नेता भी प्रमुख भूमिका निभाएंगे।

चुनावी समीकरण और प्रचार की धार

दिवाली के बाद अब रामा-श्यामा का दौर खत्म हो चुका है। अगले कुछ दिन चुनावी प्रचार अपने चरम पर रहेगा, जहां जनसभाएं और रैलियां जोर पकड़ेंगी। सभी पार्टियां स्थानीय मुद्दों और वोटिंग समीकरणों पर फोकस करेंगी, जिससे आने वाले दिन राजनीति के लिए बेहद अहम होंगे।

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