जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajan lal Sharma) की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की एक अहम बैठक में राज्य के विकास, रोजगार, निवेश और ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस बैठक में ‘राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2024’ (RIPs-2024) को मंजूरी दी गई, साथ ही नई भर्तियों और ऊर्जा परियोजनाओं से जुड़े कई बड़े निर्णय भी लिए गए। यह बैठक राज्य के आर्थिक और औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।
राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2024 को मंजूरी
कैबिनेट ने ‘राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2024’ (RIPs-2024) को मंजूरी दी। इस योजना का उद्देश्य राज्य में निवेश को प्रोत्साहित करना और खासकर एमएसएमई (माइक्रो, स्मॉल, और मीडियम एंटरप्राइजेज) और नए उभरते क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का सृजन करना है। उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने बताया कि RIPs-2024 के तहत राज्य को देश की सबसे आकर्षक निवेश स्थलों में बदलने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने इस योजना के जरिए पर्यटन, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, ग्रीन ग्रोथ, और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने की योजना बनाई है।
योजना के तहत निवेशकों को कई प्रकार के कर रियायतें, सब्सिडी और अन्य लाभ प्रदान किए जाएंगे। इसमें निवेशकों को राज्य के उन क्षेत्रों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जहां अभी तक औद्योगिक विकास कम हुआ है। इससे राज्य में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और औद्योगिक आधार का विस्तार होगा।
नई भर्तियां के लिए सरकार ने तय की नई गाइडलाइन
कैबिनेट बैठक में रोजगार के क्षेत्र में भी बड़े निर्णय लिए गए। सरकार ने चतुर्थ श्रेणी और वाहन चालक पदों की भर्ती प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब इन पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता 5वीं और 8वीं से बढ़ाकर 10वीं कर दी गई है। इसके साथ ही, भर्ती प्रक्रिया अब लिखित परीक्षा के आधार पर होगी, जिससे भर्ती में पारदर्शिता बढ़ाई जा सके। इस कदम से योग्य और शिक्षित उम्मीदवारों को अधिक मौके मिलेंगे।
राज्य में 60,000 से ज्यादा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद खाली हैं, जिन्हें जल्दी भरने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, हाल ही में 23,820 सफाई कर्मचारियों की भर्ती का विज्ञापन भी जारी किया गया है, जिससे राज्य के विभिन्न नगर निकायों में सफाई व्यवस्था को और बेहतर किया जा सके।
कैबिनेट बैठक में एमएसएमई और ग्रीन ग्रोथ पर ज्यादा फोकस
निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत एमएसएमई, ग्रीन ग्रोथ और नई तकनीकों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। राज्य सरकार ने पर्यटन और अन्य उभरते क्षेत्रों में निवेश की न्यूनतम सीमा को कम कर दिया है ताकि अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। इस योजना के तहत, ग्रीन एनर्जी और नई प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में निवेश करने वालों को विशेष रियायतें और कर लाभ दिए जाएंगे।
सरकार ने राजस्थान को Energy Surplus बनाने की दिशा में उठाया कदम
राजस्थान सरकार का उद्देश्य राज्य को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। कैबिनेट बैठक में 5,708 मेगावाट की सौर ऊर्जा और विंड-सोलर परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इनमें जैसलमेर और फलौदी जिलों में बड़े पैमाने पर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने तीन संयुक्त उद्यम कंपनियों के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी, जो 12 हजार करोड़ रुपये के निवेश के साथ बिजली उत्पादन को बढ़ाएंगी। इन परियोजनाओं से न केवल राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा, बल्कि राज्य के अन्य क्षेत्रों में ऊर्जा की आपूर्ति में भी सुधार होगा।
राजस्थान में निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार के खास उपाय
राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने और नई कंपनियों को आकर्षित करने के लिए RIPs-2024 के तहत विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे। यह योजना एमएसएमई के साथ-साथ ग्रीन एनर्जी, आईटी, स्वास्थ्य, और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए तैयार की गई है। योजना के तहत न्यूनतम निवेश सीमा में भी छूट दी गई है, जिससे राज्य के सभी क्षेत्रों में समान रूप से विकास हो सके।
राजस्थान सरकार ने स्वतंत्र पत्रकारों को दी बड़ी राहत
कैबिनेट बैठक में पत्रकारिता के क्षेत्र में भी कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। स्वतंत्र पत्रकारों के अधिस्वीकरण के लिए आयु सीमा और अनुभव के मानदंडों में बदलाव किए गए हैं। अब स्वतंत्र पत्रकारों के लिए न्यूनतम आयु सीमा को 50 वर्ष से घटाकर 45 वर्ष कर दिया गया है, जबकि अनुभव की आवश्यकता को 25 वर्षों से घटाकर 15 वर्षों का कर दिया गया है। इस निर्णय से राज्य में पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय स्वतंत्र पत्रकारों को अधिस्वीकरण प्राप्त करने में आसानी होगी।
राजस्थान कैबिनेट की यह बैठक राज्य के औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। RIPs-2024 और अन्य प्रोत्साहन योजनाओं के जरिए राज्य में निवेश के नए अवसरों का सृजन होगा, जबकि नई भर्तियों से युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे। ऊर्जा परियोजनाओं से राज्य को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता मिलेगी और राजस्थान देश का ऊर्जा सरप्लस राज्य बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा।