जयपुर: राजस्थान में उपचुनाव से पहले भजनलाल सरकार ने गौवंश के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने गाय को ‘अवारा’ कहने पर प्रतिबंध लगा दिया है और अब इसे ‘निराश्रित’ या ‘बेसहारा’ जैसे शब्दों से पुकारने का आदेश दिया गया है।
राज्य के पशुपालन और डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि सभी सरकारी आदेशों, दिशा-निर्देशों और रिपोर्टों में ‘आवारा’ शब्द की जगह ‘गौवंश’ का उपयोग किया जाएगा। इससे सरकार का उद्देश्य गायों और बैलों के संरक्षण को बढ़ावा देना है।
मंत्री ने यह भी बताया कि गौ कल्याण के लिए 250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और मुख्यमंत्री पशुधन विकास कोष का गठन किया जाएगा। इस कोष का उद्देश्य पशुपालकों को सुविधाएं प्रदान करना और पशुओं की भलाई सुनिश्चित करना है।
कुमावत ने जुलाई में विधानसभा में घोषणा की थी कि मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना शुरू की जाएगी, जिसमें दुधारू और अन्य प्रकार के पशुओं को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से पशु मेले आयोजित किए जाएंगे, जिससे पशुपालकों को लाभ पहुंचेगा।
इस कदम को भाजपा सरकार की गायों और बैलों के प्रति संवेदनशीलता के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। अब देखना यह है कि इस निर्णय का कितना प्रभाव पड़ता है और पशुपालकों की भलाई में यह कैसे योगदान करता है।