Monday, December 23, 2024

Rajasthan News: गाय को गौ माता का दर्जा देने पर चर्चा, शिक्षा में भी होगा बदलाव

राजस्थान में विधानसभा के उपचुनावों की तैयारियों के बीच गाय को गौ माता का दर्जा देने की चर्चा जोर पकड़ रही है। इससे पहले महाराष्ट्र ने भी गाय को गौ माता का दर्जा दिया था। अब राजस्थान में भी इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।

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जयपुर: राजस्थान में विधानसभा के उपचुनावों की तैयारियों के बीच गाय को गौ माता का दर्जा देने की चर्चा जोर पकड़ रही है। इससे पहले महाराष्ट्र ने भी गाय को गौ माता का दर्जा दिया था। अब राजस्थान में भी इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।

गाय माता का दर्जा और शिक्षा में बदलाव

राजस्थान सरकार ने गाय माता को लेकर एक नई पहल की है। शिक्षा मंत्री ने संकेत दिए हैं कि 5वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में गौ माता का चैप्टर शामिल किया जा सकता है। यह कदम गाय की सुरक्षा और उसके महत्व को समझाने के लिए उठाया गया है। हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जयपुर में स्थित हिंगोनिया गौशाला का दौरा किया और वहां गायों को चारा खिलाया।

गोवंश की सुरक्षा के लिए सख्त कानून

गाय को गौ माता का दर्जा मिलने से गो-तस्करों के खिलाफ सख्त कानूनी प्रावधान लागू होंगे, साथ ही गोवंश के परिवहन पर भी प्रतिबंध लग सकते हैं। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में गायों की तस्करी के कई मामले सामने आ चुके हैं, जो कानून-व्यवस्था के लिए चिंता का विषय रहे हैं। यदि यह प्रस्तावित कदम सफल होता है, तो राजस्थान महाराष्ट्र के बाद गौ माता का दर्जा देने वाला दूसरा राज्य बन जाएगा।

सरकार का रुख

16 अक्टूबर को ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गाय को गौ माता का दर्जा देने की मांग की थी। 24 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने इस मांग को पशुपालन एवं गोपालन विभाग के सचिव के पास आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा।

सम्मानजनक शब्दावली

राजस्थान सरकार ने गायों को ‘आवारा’ कहकर बुलाने पर भी रोक लगाई है। इसके बजाय अब सम्मानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे पहले राजस्थान में ऊंट को राज्य पशु घोषित किया गया था, जिसके बाद ऊंट के परिवहन और बलि पर रोक लग गई थी।

निष्कर्ष

राजस्थान में गाय को गौ माता का दर्जा देने की चर्चा न केवल गाय की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शिक्षा प्रणाली में भी बदलाव लाएगी। इससे युवा पीढ़ी को गाय के महत्व और उसकी उपयोगिता के बारे में जागरूक किया जाएगा। सरकार की इस पहल का असर जल्द ही समाज में देखने को मिल सकता है।

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