जयपुर: दिवाली के मौके पर राजस्थान की सियासत में एक बार फिर से गोधरा कांड का विवाद गरमा गया है। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने गोधरा कांड से संबंधित पाठ्य सामग्री को वापस लेने का फैसला किया है। यह पाठ्य सामग्री एक किताब में थी, जिसमें गोधरा में ट्रेन जलाने की घटना को आतंकी साजिश के रूप में दर्शाया गया था। यह किताब सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर द्वारा लिखी गई थी।
किताबों का वापसी आदेश
राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर यह कदम उठाया गया। उन्होंने कहा कि किताबों में गोधरा कांड को नकारात्मक तरीके से पेश किया गया था और अपराधियों का महिमा मंडन किया गया था। इसके चलते बच्चों में गलत शिक्षा फैलने का खतरा था। दिलावर ने स्पष्ट किया कि अब सरकारी स्कूलों में इस विवादित पाठ को पढ़ाया नहीं जाएगा।
कांग्रेस का कड़ा विरोध
इस कदम के बाद, राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने सरकार पर तीखा हमला बोला। डोटासरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “राजस्थान में शिक्षा के नाम पर नफ़रत फैलाने और अमर्यादित भाषा पढ़ाने का जिम्मेदार कौन है?” उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री अधिकारियों पर दबाव डालकर गलत किताबें खरीदवा रहे हैं, जिससे बच्चों में नफरत फैलाई जा रही है।
दिलावर का पलटवार
डोटासरा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने आरोप लगाया कि यह विवादित किताब पहले कांग्रेस सरकार के समय में ही चुनी गई थी। उन्होंने कहा कि ऐसे किताबें बच्चों को गलत शिक्षा दे रही थीं और अब उनकी वापसी जरूरी थी।
भविष्य के आसार
गोधरा कांड के संदर्भ में यह विवाद आगे बढ़ सकता है, क्योंकि शिक्षा मंत्री ने साफ कहा है कि भविष्य में विवादित मुद्दों पर किताबों का चयन करते समय सतर्कता बरती जाएगी। राजस्थान की राजनीति में इस मुद्दे पर बहस जारी रहने की संभावना है, और यह देखना होगा कि इससे शिक्षा प्रणाली और राजनीतिक माहौल पर क्या असर पड़ता है।