गड्ढे, गंदगी, गर्द और गंध के आईने में झांकता मैं गुलाबी शहर यानी मैं ही जयपुर हूं!
सड़क की खोज में सुबह से निकला और शाम को जब वापस लौटा तो मेरे चेहरे पर धूल थी, आंखों में जलन और दिल में मायूसी के साथ मैंने जयपुर शहर को स्वच्छता एवं स्मार्ट सिटी की बदहाली के आईने में झांकते हुए पाया। 5 साल से अधिक समय तक बजट को खुर्द बुर्द करती … Continue reading गड्ढे, गंदगी, गर्द और गंध के आईने में झांकता मैं गुलाबी शहर यानी मैं ही जयपुर हूं!
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