Home राजनीति Sonam Wangchuk Detained: हिरासत में सोनम वांगचुक, राहुल गांधी ने सरकार पर साधा निशाना

Sonam Wangchuk Detained: हिरासत में सोनम वांगचुक, राहुल गांधी ने सरकार पर साधा निशाना

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क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक और उनके करीब 130 समर्थकों को सोमवार रात दिल्ली पुलिस ने सिंघू बॉर्डर पर हिरासत में लिया. आइए जानते हैं पूरी खबर विस्तार से…


सोनम वांगचुक, जो लद्दाख की समस्याओं और पर्यावरण संरक्षण के लिए आवाज़ उठा रहे हैं, सोमवार को ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ के साथ हरियाणा से दिल्ली में दाखिल हुए. लेकिन जैसे ही वो सिंघू बॉर्डर पहुंचे, दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोक लिया. पुलिस ने पहले इन्हें समझाया, लेकिन जब वह नहीं माने, तो सभी को हिरासत में ले लिया गया. उनके साथ 130 से अधिक समर्थक भी थे.

https://twitter.com/Wangchuk66/status/1840798055911563284

वांगचुक की प्रमुख मांगे:

  • लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करना।
  • लद्दाख को राज्य का दर्जा और मजबूत पारिस्थितिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • सरकार को 5 साल पहले किए गए वादों को पूरा करने की याद दिलाना।


दिल्ली पुलिस ने यह कार्रवाई दिल्ली की सीमाओं पर धारा 163 लागू करने के बाद की. इस घटना के बाद राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस कार्रवाई को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है.

राहुल गांधी का ट्वीट

  • राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट कर सरकार की निंदा की।
  • उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण मार्च कर रहे लद्दाखियों को हिरासत में लेना अस्वीकार्य है और पीएम मोदी पर निशाना साधा।
https://twitter.com/RahulGandhi/status/1840837333593231788


राहुल गांधी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “सोनम वांगचुक और सैकड़ों लद्दाखियों को हिरासत में लेना अस्वीकार्य है. मोदी जी, आपको लद्दाख की आवाज़ सुननी होगी.” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का यह ‘चक्रव्यूह’ किसानों की तरह ही टूटेगा.


सवाल उठता है कि आखिर सोनम वांगचुक पैदल मार्च क्यों कर रहे थे? उन्होंने अपनी यात्रा 1 सितंबर को लेह से शुरू की थी, और उनका उद्देश्य लद्दाख की समस्याओं पर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करना था.


वांगचुक की मांग है कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए, ताकि स्थानीय लोगों की सांस्कृतिक पहचान और भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. इसके अलावा, वह लद्दाख को राज्य का दर्जा और मजबूत पारिस्थितिक सुरक्षा की भी वकालत कर रहे हैं. अब यह देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या वांगचुक की मांगों पर कोई सुनवाई होगी?

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