श्राद्ध अनुष्ठान पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए होता है। सही विधि से किए गए श्राद्ध से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
श्राद्ध के दौरान शुद्ध और सात्विक भोजन अर्पित किया जाता है, जिसमें चावल, गेहूं की रोटी, मौसमी फल, खीर, और पूड़ी शामिल होती हैं।
श्राद्ध के दौरान मांस, मछली, लहसुन, प्याज, और शराब जैसे तामसिक भोजन से परहेज किया जाता है ताकि पूर्वजों को सम्मान और प्रसन्नता मिल सके।
क्या करे?
1.श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण और पिंडदान जरूर करना चाहिए।2.इस समय गंगा नदी में स्नान करना अच्छा माना जाता है।
3. इस अवधि में गाय, कौवे और कुत्ते को भोजन खिलाना चाहिए।4. इस काल में घर पर ब्राह्मणों को आमंत्रित करें और उन्हें भोजन, वस्त्र और दक्षिणा दें।
क्या न करें?
1.इस दौरान कोई भी तामसिक भोजन न करें।2.इन दिनों ब्रह्मचर्य बनाए रखें, क्योंकि पितृ पृथ्वी पर आते हैं और वे अपने घर पर भी जाते हैं।
3. इस दौरान नए कपड़े, सोना-चांदी, जेवर आदि नहीं खरीदना चाहिए।4. इस अवधि में गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए।